Diplomates:19 साल बाद भारत को ज्‍यादा IFS पोस्‍ट की जरूत क्‍यों पड़ी Read it later

Diplomates: विदेश मामलों पर संसदीय समिति की सिफारिश के बाद पिछले दिनों केंद्रीय मंत्रिमंडल ने विदेश सेवा के पुनर्गठन के साथ अगले पांच सालों में 215 अधिकारी (Diplomates) बढ़ाने की मंजूरी दे दी है। इसके पहले भारत ने 19 साल पहले विदेश सेवा के अधिकारियों की संख्या में बढ़ोतरी की थी। समिति ने कहा है कि भारत के राजनयिक कर्मियों की संख्या 1011 है, जो तुलनात्मक रूप से छोटी अर्थव्यवस्था वाले देशों के मुकाबले भी कम है। एक अनुमान के अनुसार अमरीका के जहां 20 हजार से ज्यादा राजनयिक कर्मी दुनिया भर में तैनात हैं, वहीं फ्रांस और चीन जैसे देशों के पास 6000 हजार से ज्यादा राजनयिक कर्मी हैं। सिंगापुर जैसे छोटे से देशों के राजनयिक कर्मियों की संख्या 900 से ज्यादा आंकी गई है।

जानकारों का कहना है कि भारत के दुनिया में बढ़ते कद और ग्लोबल स्तर पर सबसे अधिक भारतीय प्रवासियों की संख्या को देखते हुए भारत की मौजूदा राजनयिक कर्मियों की संख्या बढ़ाने की जरूरत लंबे समय से महसूस की जा रही थी। गौरतलब है कि भारत ने पिछले दिनों 9 नए मिशन खोले जाने की भी घोषणा की थी।

डिप्लोमैटिक पैरिटी के तहत हटाए गए थे कनाडा के डिप्लोमेट (Diplomates)

गौरतलब है कि हाल में भारत के आग्रह के बाद कनाडा ने भारत से अपने 41 राजनयिक हटा लिए हैं। भारत ने ‘डिप्लोमैटिक पैरिटी’ के तहत कनाडा से इन राजनयिकों को हटाने का आग्रह किया था। भारत का कहना था कि कनाडा में भारत के डिप्लोमेट की संख्या 20 है, इसलिए कनाडा के भारत में डिप्लोमेट की संख्या भी 61 से घटाकर 20 की जाए।

इस साल की शुरुआत में, संसदीय स्थायी समिति ने सरकार को वैश्विक मंच पर अहम भूमिका निभाने की देश के हितों के लिए भारतीय राजनयिक सेवा में  मैनपॉवर बढ़ाने की सिफारिश की थी। समिति ने कहा कि कई अन्य देशों की तुलना में आईएफएस में कर्मचारियों की सबसे अधिक कमी है। अपनी रिपोर्ट में इसने उल्लेख किया कि 1,011 IFS अधिकारी विदेश मंत्रालय में 4,888 की कुल पााावरर का केवल 22.5% हैं।

 

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