देश की वैक्सीन पॉलिसी पर टॉप वायरोलॉजिस्ट का बड़ा बयान, बोलीं, वैक्सीन खरीदने में देश पीछे रह गया, भारत के पास लिमिटेड ऑप्शन Read it later

    

देश में शीर्ष वायरोलॉजिस्ट

कोरोना वैक्सीन की कमी के बीच देश में शीर्ष वायरोलॉजिस्ट ने एक बड़ा बयान दिया है। (Top Virologist Gagandeep Kang) डॉ. गगनदीप कांग ने कहा है कि भारत ने अंतरराष्ट्रीय बाजार से बड़े पैमाने पर कोरोना वैक्सीन की खरीद में देरी की है। इसने उन्हें वैक्सीन खरीदने की दौड़ में पीछे छोड़ दिया। मोदी सरकार ने वैक्सीन के क्लिनिकल ट्रायल के लिए कोई भुगतान नहीं किया और न ही वैक्सीन ऑर्डर प्राप्त करने के लिए कोई अग्रिम भुगतान करने में दिलचस्पी दिखाई।

न्यूज वेबसाइट NDTV की एक रिपोर्ट के मुताबिक, डॉ. कांग ने कहा कि बाकी दुनिया पिछले एक साल से वैक्सीन खरीदने का जोखिम उठा रही थी, लेकिन हमारी सरकार ने कुछ नहीं किया. ऐसे में अब हमारे पास सीमित विकल्प बचे हैं।

डॉ. कांग  (Top Virologist Gagandeep Kang)  सुप्रीम कोर्ट कमेटी के सदस्य हैं

 (Top Virologist Gagandeep Kang)  डॉ. कांग सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित मेडिकल ऑक्सीजन समिति के सदस्य भी हैं। उन्होंने कहा कि भारत जायडस कैडिला, बायोलॉजिकल-ई जैसी कंपनियों के पास जा सकता है, जिनकी वैक्सीन साल के अंत तक आने वाली है। वह उन्हें अपने उत्पादन में तेजी लाने के लिए कह सकता है कि वे अधिक टीकों का उत्पादन करें। अगर आपका ट्रायल सफल रहा तो हम पूरी वैक्सीन खरीद लेंगे।

केंद्र ने राज्यों को दी ग्लोबल टेंडर की परमिशन

डॉ. कांग का बयान ऐसे समय आया है जब कई राज्यों ने वैक्सीन के लिए ग्लोबल टेंडर जारी किए हैं। केंद्र सरकार ने राज्यों को ग्लोबल टेंडर जारी कर कहा है कि वे सीधे विदेशों से वैक्सीन मंगवाएं। उत्तर प्रदेश, ओडिशा, महाराष्ट्र, दिल्ली समेत कई राज्यों ने इसके लिए ग्लोबल टेंडर जारी किए हैं।

इनावेशन के लिए निवेश का जोखिम उठाना भी सही 

 (Top Virologist Gagandeep Kang)  डॉ. कांग ने कहा, ‘मेरा मानना ​​है कि ट्रायल मोड में निवेश करने से केवल नुकसान का जोखिम होता है, लेकिन मैं समझती हूं कि हमें जोखिम उठाकर ऐसा करना चाहिए। यदि हम ऐसा करते हैं, तो यह हमें भविष्य के लिए भी अच्छी तरह से तैयार करने के लिए बड़ा कदम होगा। हम ऐसा कर के बाद में दुनिया में एक उदाहरण स्थापित कर सकेंगे। इससे हम दुनिया को यह बता पाएंगे कि हम रिसर्च और इनोवेशन में भी निवेश करने को तैयार हैं।

विदेश मंत्री एस.के. जयशंकर अमेरिका के दौरे पर पहुंचे

वहीं इधर विदेश मंत्री एस.के. जयशंकर अमेरिका पहुंचे हैं। अपनी यात्रा के दौरान विदेश मंत्री अमेरिकी वैक्सीन निर्माताओं के साथ बैठक कर सकते हैं और भारत के लिए फाइजर और मॉडर्न जैसी वैक्सीन प्राप्त करने का मार्ग प्रशस्त कर सकते हैं। हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा था कि अमेरिका जरूरतमंद देशों को कोरोना की वैक्सीन मुहैया कराएगा। जयशंकर के इस 5 दिवसीय दौरे को इसी से जोड़ा जा रहा है।

विदेश मंत्री का 5 दिन के दौरे में क्या होगा

विदेश मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर बताया है कि 24 से 28 मई तक विदेश मंत्री अमेरिकी दौरे पर रहेंगे। इस दौरान वह न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र सचिव एंटोनियो गुटेरेस से मुलाकात कर सकते हैं। वह वाशिंगटन में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से भी मुलाकात करेंगे। विदेश मंत्री भारत और अमेरिका के बीच आर्थिक और कोविड संबंधी मुद्दों पर यूएस इंडिया स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप फोरम (यूएसआईएसपीएफ) और यूएस इंडिया बिजनेस काउंसिल (यूएसआईबीसी) के साथ भी बातचीत करेंगे। इसके अलावा वे फार्मा कंपनियों के सीईओ और मैनेजर के साथ भी मीटिंग कर सकते हैं।

 

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