Pawan Kalyan Hindi Language Controversy: आंध्र प्रदेश के डिप्टी सीएम और Jana Sena Party Chief Pawan Kalyan अपने हालिया बयान को लेकर विवादों में आ गए हैं। उन्होंने Tamil Films Dubbed in Hindi पर सवाल उठाते हुए तमिल नेताओं की हिंदी विरोधी राजनीति पर टिप्पणी की थी, जिसके बाद कई राजनीतिक दलों और सोशल मीडिया यूजर्स ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी।
हालांकि, बढ़ते विवाद के बीच Pawan Kalyan ने शनिवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (Twitter) पर सफाई देते हुए कहा कि वह कभी भी Hindi Language के विरोधी नहीं रहे। उन्होंने अपने बयान को गलत तरीके से पेश किए जाने का आरोप लगाया।
“मैंने कभी हिंदी भाषा का विरोध नहीं किया। मैंने केवल इसे सबके लिए अनिवार्य बनाने का विरोध किया है।”
उन्होंने National Education Policy 2020 (NEP-2020) को लेकर भी अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि जब खुद नीति में हिंदी को अनिवार्य करने का कोई प्रावधान नहीं है, तो इसे लेकर झूठी बयानबाजी करना जनता को गुमराह करने के अलावा कुछ नहीं है।
तमिल फिल्मों के हिंदी में डब होने पर क्या बोले पवन कल्याण?
Pawan Kalyan Tamil Nadu Politics पर टिप्पणी करते हुए कहा कि तमिल राजनेता हिंदी भाषा का विरोध तो करते हैं, लेकिन उनकी फिल्में हिंदी में डब होकर पूरे भारत में रिलीज होती हैं, जिससे उन्हें भारी कमाई होती है।
“मुझे समझ नहीं आता कि कुछ लोग संस्कृत का विरोध क्यों करते हैं? तमिलनाडु के राजनेता हिंदी का विरोध करते हैं, लेकिन अपनी फिल्मों को हिंदी में डब करने से परहेज नहीं करते, क्योंकि इससे उन्हें पैसा मिलता है।”
उनके इस बयान के बाद Tamil Nadu Government और अन्य राजनीतिक दलों से कड़ी प्रतिक्रियाएं आईं।
NEP-2020 पर पवन कल्याण का रुख
पवन कल्याण ने National Education Policy 2020 पर बोलते हुए कहा कि उनकी पार्टी Jana Sena Party (JSP) भाषाई स्वतंत्रता और लोकतांत्रिक मूल्यों की पक्षधर है। उन्होंने कहा,
“हर भारतीय को अपनी पसंद की भाषा में शिक्षा पाने का अधिकार है। जबरदस्ती कोई भाषा थोपना या किसी भाषा का अंधविरोध करना, दोनों ही हमारी राष्ट्रीय और सांस्कृतिक एकता के लिए सही नहीं हैं।”
उन्होंने स्पष्ट किया कि Three Language Policy पर Central Government और Tamil Nadu Government के बीच जारी बहस में उनकी पार्टी एक संतुलित दृष्टिकोण अपनाना चाहती है।
बोले थे हिंदी का विरोध करते हो तो तमिल फिल्में हिंदी में डब क्यों करते हो
Andhra Pradesh Deputy CM and Actor Pawan Kalyan ने शनिवार को Tamil Nadu vs Hindi Language Debate पर अपनी राय रखते हुए कहा कि तमिलनाडु के नेता Hindi Language का विरोध तो करते हैं, लेकिन Tamil Films Dubbed in Hindi कराकर मोटी कमाई भी करते हैं। उन्होंने इसे Hypocrisy करार देते हुए सवाल उठाया कि “अगर हिंदी का इतना विरोध है, तो बॉलीवुड से पैसे कमाने में दिक्कत क्यों नहीं होती?”
उन्होंने किसी का नाम लिए बिना कहा,
“एक तरफ तमिल नेता Hindi Oppose करते हैं, लेकिन अपनी फिल्मों को Hindi Dub करके करोड़ों रुपए कमाते हैं। यह विरोधाभास क्यों?”
हालांकि, शाम तक इस बयान पर विवाद बढ़ने के बाद Pawan Kalyan Twitter Post के जरिए सफाई देते हुए बोले,
“मैं कभी Hindi Language का विरोधी नहीं रहा। मैंने केवल इसे अनिवार्य बनाने का विरोध किया। जब खुद NEP 2020 India में हिंदी को अनिवार्य नहीं किया गया, तो इसे लेकर झूठी बयानबाजी करना जनता को गुमराह करने जैसा है।”
प्रकाश राज का पवन कल्याण पर तंज, बोले- हिंदी भाषा मत थोपिए
Actor Prakash Raj ने Pawan Kalyan Hindi Language Debate पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि किसी पर भी हिंदी भाषा नहीं थोपी जानी चाहिए। X (Twitter) Post में उन्होंने लिखा,
“यह हिंदी से नफरत करने के बारे में नहीं है, बल्कि हमारी मातृभाषा और सांस्कृतिक पहचान की रक्षा करने का मुद्दा है। कोई कृपया पवन कल्याण को यह समझाए।”
क्या है NEP 2020?
National Education Policy 2020 (NEP 2020) के तहत छात्रों को Three Language Formula के तहत तीन भाषाएं सीखनी होंगी, लेकिन किसी भी भाषा को Mandatory Language नहीं बनाया गया है।
- Primary Education (Class 1-5): शिक्षा मातृभाषा या स्थानीय भाषा में दी जाएगी।
- Middle School (Class 6-10): छात्रों को Three Languages सीखनी होंगी, लेकिन इनमें हिंदी को अनिवार्य नहीं किया गया है। गैर-हिंदी भाषी राज्यों में दूसरी भाषा के रूप में English या कोई अन्य Indian Language चुनी जा सकती है।
- Secondary Education (Class 11-12): स्कूल चाहें तो विदेशी भाषा को भी एक विकल्प के रूप में पेश कर सकते हैं।
Pawan Kalyan ने इस पर सफाई देते हुए कहा कि NEP 2020 छात्रों को उनकी मातृभाषा सहित Any Two Indian Languages और एक विदेशी भाषा सीखने की सुविधा देता है। उन्होंने कहा,
“अगर कोई छात्र हिंदी नहीं पढ़ना चाहता तो वह Telugu, Tamil, Malayalam, Kannada, Marathi, Sanskrit, Gujarati, Assamese, Kashmiri, Bengali, Punjabi, Sindhi, Odia, Nepali, Urdu या कोई अन्य भाषा चुन सकता है।”
Tamil Nadu में Three Language Policy पर विवाद
Tamil Nadu vs Central Government Education Policy का मुद्दा संसद में भी गूंजा। CM MK Stalin और केंद्र सरकार के बीच NEP 2020 Implementation को लेकर टकराव जारी है।
DMK MPs संसद में लगातार New Education Policy Protest कर रहे हैं और Education Minister Dharmendra Pradhan के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं।
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