NEP 2025 पर घमासान: तमिलनाडु सरकार और केंद्र आमने-सामने, तमिलनाडु ने तीन भाषा नीति लागू करने से किया इनकार Read it later

NEP 2025 Tamil Nadu Controversy: National Education Policy (NEP) 2025 के तहत Three Language Policy को लेकर केंद्र सरकार और Tamil Nadu Government के बीच तकरार बढ़ गई है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री M.K. Stalin ने 16 फरवरी 2025 को केंद्र सरकार पर ब्लैकमेलिंग और धमकी देने का आरोप लगाया।

स्टालिन का कहना है कि केंद्र सरकार हिंदी थोपने की कोशिश कर रही है और शिक्षा फंड रोकने की धमकी दे रही है। उन्होंने कहा कि Tamil Nadu के लोग किसी भी प्रकार की जबरदस्ती या ब्लैकमेलिंग बर्दाश्त नहीं करेंगे।

वहीं, केंद्रीय शिक्षा मंत्री Dharmendra Pradhan ने 17 फरवरी 2025 को जवाब देते हुए कहा कि केंद्र सरकार NEP 2025 को पूरी तरह लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है।

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34 साल बाद आया NEP 2020, Education System में बड़े बदलाव का लक्ष्य

भारत सरकार ने 29 जुलाई 2020 को New Education Policy (NEP 2020) को मंजूरी दी, जो 34 साल बाद भारतीय शिक्षा प्रणाली में सबसे बड़ा रिफॉर्म माना जा रहा है। इससे पहले, National Education Policy 1986 लागू थी, जिसे 1992 में अपडेट किया गया था।

NEP 2020 का उद्देश्य

NEP 2020 Implementation का मुख्य लक्ष्य Education System को 21st Century Skills के अनुरूप बनाना है, जिससे छात्र सिर्फ Exams पास करने तक सीमित न रहें, बल्कि Practical Knowledge और Skills में भी मजबूत बनें।

क्या है तीन भाषा फॉर्मूला?

नई शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) के तहत सभी सरकारी और निजी स्कूलों में तीन भाषाएं सिखाई जाएंगी। इनमें से कम से कम दो भाषाएं भारतीय होंगी, जबकि तीसरी भाषा कोई अन्य हो सकती है।

📌 पहली भाषा:

  • छात्र की मातृभाषा/स्थानीय भाषा/क्षेत्रीय भाषा होगी।
  • जहां संभव हो, प्राइमरी एजुकेशन इसी भाषा में देने की सिफारिश की गई है।

📌 दूसरी भाषा:

  • हिंदी या राज्य की कोई अन्य भारतीय भाषा हो सकती है।

📌 तीसरी भाषा:

  • अंग्रेजी या कोई अन्य भारतीय/विदेशी भाषा को चुना जा सकता है।
2030 तक लागू करने का लक्ष्य, राज्यों के लिए बाध्यकारी नहीं

केंद्र सरकार ने 2030 तक NEP 2020 को पूरी तरह लागू करने का Target रखा है। लेकिन, Education Concurrent List का विषय है, इसलिए State Governments इसे अनिवार्य रूप से लागू करने के लिए बाध्य नहीं हैं।

अगर किसी राज्य को NEP 2020 Implementation को लेकर आपत्ति होती है, तो Centre और State Governments के बीच Common Consensus से इसे सुलझाने की सिफारिश की गई है।

क्या है विवाद की जड़?

15 फरवरी 2025 को Varanasi में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि Tamil Nadu को भारतीय संविधान के अनुरूप चलना होगा और Three Language Policy एक कानूनी प्रावधान है।

उन्होंने स्पष्ट किया कि जब तक तमिलनाडु सरकार Three Language Formula को स्वीकार नहीं करती, तब तक राज्य को केंद्र सरकार से शिक्षा संबंधित फंड नहीं मिलेगा।

इसके बाद, 16 फरवरी 2025 को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री M.K. Stalin ने तीखा बयान देते हुए कहा कि अगर केंद्र सरकार समग्र शिक्षा फंड रोकती है, तो उसे Tamil Nadu की कड़ी प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ेगा।

NEP 2025 के तहत तीन भाषा नीति क्या है?

NEP 2025 के अनुसार, छात्रों को तीन भाषाएं सीखनी होंगी, लेकिन किसी भी भाषा को अनिवार्य नहीं किया गया है।

  • Primary Classes (Class 1-5):

    • पढ़ाई मातृभाषा या स्थानीय भाषा में होगी।
  • Middle Classes (Class 6-10):

    • छात्रों को Three Language Policy के तहत तीन भाषाएं सीखनी होंगी।
    • Non-Hindi Speaking States में यह भाषा English या कोई अन्य Modern Indian Language हो सकती है।
  • Secondary Classes (Class 11-12):

    • स्कूल विदेशी भाषा (Foreign Language) को भी विकल्प के रूप में पेश कर सकते हैं।
Tamil Nadu क्यों कर रहा है विरोध?

Tamil Nadu सरकार हमेशा से Two Language Policy (तमिल और अंग्रेजी) को लागू करती आई है। राज्य हिंदी को अनिवार्य बनाने के पक्ष में नहीं है।

  • CM Stalin का मानना है कि Three Language Formula के जरिए Hindi Language को तमिलनाडु में थोपा जा रहा है।
  • उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार तमिलनाडु को जबरदस्ती हिंदी सीखने के लिए मजबूर कर रही है।
  • DMK (Dravida Munnetra Kazhagam) सरकार लंबे समय से Hindi Imposition के खिलाफ रही है।
केंद्र सरकार का पक्ष क्या है?

केंद्र सरकार का कहना है कि NEP 2025 पूरी तरह से संविधान के अनुरूप है और किसी भी राज्य के लिए इसे अनदेखा करना संभव नहीं होगा।

  • Dharmendra Pradhan ने कहा कि Tamil Nadu को राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत नियमों का पालन करना होगा।
  • Three Language Policy का उद्देश्य छात्रों को Multilingual Education System से जोड़ना है।
  • उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि NEP 2025 में किसी भी भाषा को अनिवार्य नहीं किया गया है।
तमिलनाडु बनाम केंद्र विवाद: आगे क्या होगा?
  • तमिलनाडु सरकार ने संकेत दिया है कि वह Three Language Policy को लागू नहीं करेगी।
  • यदि Tamil Nadu Three Language Formula को स्वीकार नहीं करता है, तो राज्य को केंद्र सरकार की ओर से शिक्षा संबंधित फंड नहीं मिल सकता।
  • DMK सरकार इसे भाषाई पहचान और राज्य के अधिकारों के मुद्दे से जोड़कर देख रही है।
  • आने वाले दिनों में यह मामला और बड़ा हो सकता है और Tamil Nadu सरकार अदालत का रुख भी कर सकती है।
गैर-हिंदी राज्यों में Hindi दूसरी भाषा, लेकिन अनिवार्य नहीं

National Education Policy (NEP 2025) के तहत Non-Hindi Speaking States में हिंदी को Second Language के रूप में पढ़ाने की अनुमति दी गई है। वहीं, Hindi Speaking States में दूसरी भाषा के रूप में कोई अन्य Indian Language (जैसे Tamil, Bengali, Telugu) को शामिल किया जा सकता है।

भाषा का चुनाव राज्यों और स्कूलों पर निर्भर

Three Language Policy के अनुसार, States और Schools को पूरी स्वतंत्रता है कि वे कौन-सी तीन भाषाएं पढ़ाना चाहते हैं। NEP 2025 के तहत कोई भी भाषा अनिवार्य रूप से नहीं थोपी जाएगी।

Tamil Nadu में पहले से लागू है Two Language Formula

Tamil Nadu सरकार Two Language Formula अपनाए हुए है, जिसमें First Language Tamil (Mother Tongue/State Language) और Second Language English (For Official & International Communication) शामिल है। State Government का मानना है कि Tamil Nadu Education Model सफल है और छात्रों पर अतिरिक्त भाषा का बोझ डालने की जरूरत नहीं है।

Tamil Nadu सरकार ने Three Language Policy को खारिज किया, बताया Hindi Imposition की कोशिश

Tamil Nadu Government का मानना है कि New Education Policy (NEP 2020) में Three Language Formula के जरिए Hindi Imposition करने की कोशिश की जा रही है। State Government का कहना है कि उनके मौजूदा Two Language Formula को बदलने की कोई जरूरत नहीं है। इसी कारण Chief Minister M.K. Stalin और Education Minister दोनों ने NEP 2020 Language Policy को अस्वीकार कर दिया है।

Tamil Nadu में Hindi विरोध का 85 साल पुराना इतिहास

Tamil Nadu में Anti-Hindi Movement नया नहीं है, बल्कि इसका इतिहास 85 साल पुराना है।

  • 1937 में, British Rule के दौरान Madras Presidency (अब Tamil Nadu) में Hindi Language को Schools में अनिवार्य करने की कोशिश की गई, जिसका Dravidar Kazhagam (DK) और बाद में Dravida Munnetra Kazhagam (DMK) ने कड़ा विरोध किया। जनता के भारी विरोध के चलते 1940 में Hindi को स्कूलों से हटा दिया गया।

  • 1965 में, जब Central Government ने Hindi को India की एकमात्र Official Language बनाने का प्रस्ताव रखा, तो Tamil Nadu में बड़े पैमाने पर Anti-Hindi Protests हुए।

    • इन प्रदर्शनों में कई छात्रों की जान चली गई और पूरा राज्य आंदोलन की चपेट में आ गया।
    • इसके बाद, केंद्र सरकार को अपना फैसला वापस लेना पड़ा और English को Hindi के साथ Co-Official Language के रूप में बनाए रखा गया।

Tamil Nadu सरकार का रुख स्पष्ट है कि State में Two Language Formula जारी रहेगा और Hindi Language को अनिवार्य नहीं बनाया जाएगा।

34 साल बाद आया NEP 2020, Education System में बड़े बदलाव का लक्ष्य

भारत सरकार ने 29 जुलाई 2020 को New Education Policy (NEP 2020) को मंजूरी दी, जो 34 साल बाद भारतीय शिक्षा प्रणाली में सबसे बड़ा रिफॉर्म माना जा रहा है। इससे पहले, National Education Policy 1986 लागू थी, जिसे 1992 में अपडेट किया गया था।

NEP 2020 का उद्देश्य

NEP 2020 Implementation का मुख्य लक्ष्य Education System को 21st Century Skills के अनुरूप बनाना है, जिससे छात्र सिर्फ Exams पास करने तक सीमित न रहें, बल्कि Practical Knowledge और Skills में भी मजबूत बनें।

2030 तक लागू करने का लक्ष्य, राज्यों के लिए बाध्यकारी नहीं

केंद्र सरकार ने 2030 तक NEP 2020 को पूरी तरह लागू करने का Target रखा है। लेकिन, Education Concurrent List का विषय है, इसलिए State Governments इसे अनिवार्य रूप से लागू करने के लिए बाध्य नहीं हैं।

अगर किसी राज्य को NEP 2020 Implementation को लेकर आपत्ति होती है, तो Centre और State Governments के बीच Common Consensus से इसे सुलझाने की सिफारिश की गई है।

 

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