चित्ताैड़गढ़. पूरे देश में बिजली गिरने का दौर जारी है। इसी कड़ी में गुजरात के बाद राजस्थान के ऐतिहासिक स्थल पर बिजली का कहर गिरा। बता दें कि बिजली गिरने से राजस्थान के चित्तौड़गढ़ स्थित ऐतिहासिक किले को भारी नुकसान हुआ है।
दरअसल यहां मौजूद कीर्ति स्तम्भ पर बिजली गिरने का मामला सामने आया है। वहीं इस घटना के लिए कहीं न कहीं प्रशासन को जिम्मेदार बताया जा रहा है, इस लापरवाही के कारण ही बारहवीं शताब्दी के बने कीर्तिस्तंभ का करीब 40 किलो वजनी पत्थर टूट कर गिर गया।
गौरतलब है कि हाल ही जयपुर के आमेर किले के वॉच टावर पर बिजली गिरने से यहां मौजूद 11 लोगों की मौत हो गई। 12 जुलाई को आमेर के किले पर 40 मिनट में कई बार बिजली गिरी।
कीर्ति स्तंभ को नुकसान
भारतीय पुरातत्व एवं संरक्षण विभाग के एक कर्मचारी ने बताया कि मंगलवार शाम करीब साढ़े सात बजे बिजली गिरी। इससे कीर्ति स्तम्भ पर उत्तर दिशा में मूर्ति के नीचे का पत्थर टूट गया। इसके अलावा 2 पीपल के पेड़ भी काले हो गए हैं और वहां एक बड़ा गड्ढा बन गया है। बता दें कि इससे पहले भी कीर्ति स्तम्भ पर बिजली गिर चुकी है।
प्रशासन की लापरवाही से हुआ नुकसान
भारतीय पुरातत्व विभाग के कर्मचारी की माने तो नुकसान बिजली गिरने से नहीं बल्कि प्रशासन की लापरवाही से हुआ है। क्योंकि कीर्ति स्तम्भ पर लगा तड़ित चालक क्षतिग्रस्त था।
कई दिनों तक खराब रहा, लेकिन प्रशासन की ओर से इस दुरुस्त नहीं कराया गया, जिससे बिजली गिरने की आशंका बनी हुई थी।
आपको बता दें कि तड़ित चालक या लाइटनिंग कंडक्टर एक धातु की छड़ होती है, जिसे बिजली से बचाने के लिए ऊंची इमारतों पर लगाया जाता है।
राजस्थान में बिजली गिरने से अब तक 28 लोगों की मौत हो चुकी है
बता दें कि 14 जुलाई को राजस्थान के अलग-अलग हिस्सों में बिजली गिरने से छह लोगों की मौत हो गई थी वहीं 20 से अधिक जानवरों की मौत हो गई थी।
राजस्थान में पिछले एक हफ्ते में बिजली गिरने से अब तक 28 लोगों की मौत हो चुकी है। मौसम विभाग ने अगले दो दिनों में बारिश की संभावना जताई है। वहीं इस दौरान आकाशीय बिजली गिरने की संभावना भी जताई है।
कीर्ति स्तम्भ एक बहुत ही खास स्मारक
आपको बता दें कि चित्तौड़गढ़ के दुर्ग पर बना कीर्ति स्तम्भ ऐतिहासिक और विश्व धरोहर में शामिल एक बेहद खास स्मारक है।
सात मंजिला 22 मीटर ऊंचे इस स्तंभ का निर्माण भगेरवाल जैन व्यापारी बहनोई काठोड़ ने बारहवीं शताब्दी में करवाया था। यह प्रथम जैन तीर्थंकर आदिनाथ को समर्पित है।
कीर्ति स्तंभ की वास्तुकला सोलंकी शैली की है, जिसकी दीवारों और गलियारों पर सुंदर नक्काशी की गई है। श्री दिगंबर जैन मंदिर प्रबंधन समिति के अध्यक्ष महेंद्र टोंगिया का कहना है कि किले पर स्थित कीर्ति स्तम्भ जैन समाज का एक बड़ा स्तंभ है।
इस स्तंभ पर एक हजार से अधिक मूर्तियां हैं, जिनका जैन पूजा में बड़ा धार्मिक महत्व है।
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