BIHAR ELECTION 2020 बिहार में चुनाव के दौरान हर दिन नए समीकरण और नए संकेत नजर आ रहे हैं। परसा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे NDA प्रत्याशी चंद्रिका राय के लिए बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश ने चुनावी सभा की। नया संकेत तब नजर आया, जब मंच पर लालू की बहू और चंद्रिका राय की बेटी ऐश्वर्या पहुंचीं। ( BIHAR ELECTION 2020) ऐश्वर्या ने नीतीश के पैर छुए, चंद मिनट की स्पीच दी और कहा कि कुछ दिनों में मैं आपके बीच आऊंगी।
बताया जा रहा है कि नीतीश के मंच पर ऐश्वर्या की एंट्री उनके राजनीति में आने का संकेत है। ऐश्वर्या की शादी लालू के बड़े बेटे तेजप्रताप से हुई है। ऐश्वर्या ने तेजप्रताप, सास राबड़ी पर घरेलू हिंसा और प्रताड़ना के आरोप लगाए हैं। दोनों के तलाक का मामला कोर्ट में है।
मंच पर लालू की बहु नीतीश कुमार के पैर छूते हुए। फोटोः सोशल मीडिया। |
लालू के नारे लगने पर नीतीश ने कहा- वोट भले ना दो, पर शांत रहो
सभा में नीतीश कुमार ने जैसे ही भाषण देना शुरू किया, भीड़ में से कुछ लोगों ने लालू यादव जिंदाबाद के नारे लगाना शुरू कर दिए। नीतीश कुमार ने अपना भाषण रोक दिया। उन्होंने नारे लगा रहे लोगों से कहा – चुप रहिए, आप जिस पार्टी से आए हैं, उसका हाल बुरा होने वाला है।
इसके बाद नीतीश कुमार ने कहा कि नारे लगाने वालों को सभा से बाहर निकाल दिया जाए। इतना सुनते ही जदयू कार्यकर्ताओं ने भी लालू मुर्दाबाद के नारे लगाने शुरू कर दिए। मामला गरमाया तो नीतीश को बोलना पड़ा- वोट नहीं देना है तो मत दीजिए, लेकिन शांत रहिए।
नीतीश और चंद्रिका राय ने ऐश्वर्या-तेज प्रताप विवाद को हवा दी
चंद्रिका राय ने समधी लालू प्रसाद यादव पर निशाना साधा। उन्होंने कहा- ऐश्वर्या के साथ जो हुआ, उसे बिहार की जनता भुला नहीं सकती है। नीतीश कुमार ने भी अपने भाषण में कहा कि लड़कियों के साथ दुर्व्यवहार पाप है। ऐश्वर्या के साथ हुआ बर्ताव निंदनीय है।
परसा विधानसभा क्षेत्र का चुनावी गणित
6 बार इस सीट पर जीत चुके चंद्रिका राय की दावेदारी मजबूत। उनके पिता और पूर्व सीएम दरोगा प्रसाद राय 7 बार और मां पार्वती देवी एक बार विधायक रहीं हैं। साल 2015 में चंद्रिका यहां राजद के टिकट पर चुनाव लड़े थे और लोजपा के छोटेलाल राय को 42,335 वोट से हराया था।
इस पार चंद्रिका राय एनडीए से मैदान में हैं और सामने हैं राजद के छोटेलाल राय। राजद इस सीट पर 3 बार, जदयू 2 बार और एक-एक बार जनता दल, निर्दलीय और जनता पार्टी को जीत मिली है। अब तक इस सीट पर हुए 17 चुनाव में सिर्फ तीन बार 1977, 2005 और 2010 में चंद्रिका राय के परिवार के बाहर का नेता विधायक बना है। इस सीट पर यादव वोटरों का दबदबा है। ब्राह्मण और राजपूत भी निर्णायक भूमिका में हैं।
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