हिंदी पंचांग के अनुसार वर्ष 2025 का तीसरा महीना Jyeshtha शुरू हो चुका है। यह महीना विशेष रूप से गर्मी, पानी के महत्व और धार्मिक तपस्या से जुड़ा हुआ होता है। इस महीने में कई ऐसे Hindu festivals और व्रत आते हैं जो जल, संयम, और सेवा का संदेश देते हैं।
14 मई: वृष संक्रांति – सूर्य देव को समर्पित विशेष तिथि
बुधवार, 14 मई को सूर्य मेष राशि से निकलकर वृष राशि में प्रवेश करेगा। इसे Vrish Sankranti कहा जाता है। इस दिन sun worship, river bathing और daan-punya का विशेष महत्व है। लोग पवित्र नदियों में स्नान कर सूर्य देव को जल अर्पित करते हैं।
16 मई: गणेश चतुर्थी व्रत – संकटमोचन की उपासना
शुक्रवार, 16 मई को Ganesh Chaturthi Vrat रखा जाएगा। भक्त भगवान गणेश की पूजा कर विघ्नों को हरने की प्रार्थना करते हैं। इस दिन Ganpati Puja, modak offering और व्रत का विशेष फल मिलता है।
23 मई: अपरा एकादशी – पापों से मुक्ति दिलाने वाली तिथि
इस दिन Apara Ekadashi का पर्व है, जिसे अचला एकादशी भी कहा जाता है। भगवान विष्णु के उपासकों के लिए यह दिन बेहद महत्वपूर्ण है। Vishnu Puja, Jal abhishek और fasting से मोक्ष की प्राप्ति का उल्लेख मिलता है।
26-27 मई: शनि जयंती और अमावस्या – न्याय और तप का संगम
26 मई को Amavasya Shraddha और 27 मई को Shani Jayanti मनाई जाएगी। इस दिन Shani Dev की पूजा और mustard oil donation का विशेष महत्व है। यह दिन karma balance, pitru tarpan और astrological significance के लिए जाना जाता है।
30 मई: विनायकी चतुर्थी – भगवान गणेश के लिए श्रद्धा का दिन
ज्येष्ठ शुक्ल चतुर्थी शुक्रवार, 30 मई को Vinayaki Chaturthi के रूप में मनाई जाएगी। इस दिन व्रत करके Ganesh aarti, durva offering और उपवास का नियम पालन किया जाता है।
5 जून: गंगा दशहरा – धरती पर गंगा अवतरण का उत्सव
गुरुवार, 5 जून को Ganga Dussehra का पर्व है। इस दिन Ganga river bathing, daan, और mantra chanting का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इसी दिन गंगा माता धरती पर अवतरित हुई थीं।
6 जून: निर्जला एकादशी – व्रतों की सर्वोत्तम तिथि
शुक्रवार, 6 जून को Nirjala Ekadashi है, जिसे सालभर की एकादशियों के बराबर पुण्यदायक माना जाता है। इस दिन भक्त बिना जल के उपवास रखते हैं और Lord Vishnu की आराधना करते हैं। यह tapasya, austerity और devotion का चरम उदाहरण है।
10-11 जून: पूर्णिमा और संत कबीर जयंती – समापन की पूर्णता
10 जून को Jyeshtha Purnima Vrat और 11 जून को Sant Kabir Jayanti मनाई जाएगी। यह दिन charity, bhajan-kirtan और spiritual gatherings के लिए महत्वपूर्ण होता है। संत कबीर का जीवन और उनका साहित्य समाज को सच्चाई, ईमानदारी और करुणा का संदेश देता है।
FAQs
ज्येष्ठ महीने में कुल कितने प्रमुख पर्व हैं?
कम से कम 9 बड़े व्रत-त्योहार आते हैं जिनमें गंगा दशहरा, निर्जला एकादशी, शनि जयंती आदि शामिल हैं।
निर्जला एकादशी का क्या महत्व है?
यह व्रत बिना जल ग्रहण किए रखा जाता है और इसे सबसे कठिन और पुण्यदायक माना जाता है।
गंगा दशहरा क्यों मनाया जाता है?
इस दिन गंगा नदी के धरती पर अवतरण की मान्यता है। स्नान और दान का विशेष महत्व है।
शनि जयंती पर क्या करना चाहिए?
सरसों के तेल का दान करें, शनिदेव की पूजा करें और गरीबों को अन्न-वस्त्र दान करें।
अपरा एकादशी में किसकी पूजा होती है?
भगवान विष्णु की पूजा कर व्रत रखा जाता है और अभिषेक किया जाता है।
गणेश चतुर्थी और विनायकी चतुर्थी में क्या फर्क है?
गणेश चतुर्थी कृष्ण पक्ष में और विनायकी चतुर्थी शुक्ल पक्ष में आती है। दोनों में भगवान गणेश की पूजा की जाती है।
डिस्क्लेमर – इस आर्टिकल में दी गई सूचनाएं हिंदू मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। थम्सअप भारत न्यूज किसी भी तरह से इनकी पुष्टि नहीं करता है। आपको सलाह दी जाती है कि ज्यादा जानकारी के लिए निजी तौर पर अपने ज्योतिषाचार्य व वास्तु विशेषज्ञ की राय भी जरूर लें।
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