Shattila Ekadashi 2025: इस वर्ष 25 जनवरी 2025, शनिवार को मनाई जाएगी। यह माघ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान विष्णु की पूजा और तिल से जुड़े छह शुभ कार्य करने से विशेष पुण्य फल मिलता है।
इस लेख में हम आपको षट्तिला एकादशी व्रत विधि, पूजा के नियम, शुभ मुहूर्त और इस दिन तिल से किए जाने वाले 6 शुभ कार्यों के बारे में विस्तार से बताएंगे।
षट्तिला एकादशी व्रत विधि (Shattila Ekadashi Vrat Vidhi)
✔ स्नान और संकल्प: प्रातःकाल सूर्योदय से पहले स्नान करें। अगर नदी में स्नान संभव न हो, तो गंगाजल और तिल मिले जल से स्नान करें। स्नान के बाद व्रत और पूजा का संकल्प लें।
✔ विष्णु पूजा: भगवान विष्णु का अभिषेक करें और पीले वस्त्र, तुलसी, तिल, धूप-दीप और पंचामृत अर्पित करें।
✔ मंत्र जाप: “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का 108 बार जाप करें।
✔ व्रत का पालन: दिनभर अन्न का सेवन न करें। फलाहार या तिल से बने पदार्थों का सेवन करें।
✔ रात्रि जागरण: भगवान विष्णु की आराधना करें और कथा व भजन-कीर्तन करें।
✔ पारण (Vrat Parana): अगले दिन 26 जनवरी 2025 को सूर्योदय के बाद जरूरतमंदों को भोजन कराकर व्रत तोड़ें।
षट्तिला एकादशी पर तिल से जुड़े 6 शुभ कार्य (Shattila Ekadashi Til Ke 6 Shubh Karya)
🔹 तिल स्नान (Til Snan): स्नान के जल में तिल मिलाकर स्नान करें।
🔹 तिल उबटन (Til Ubtan): शरीर पर तिल का उबटन लगाएं, जिससे पापों का नाश होता है।
🔹 तिल हवन (Til Havan): हवन सामग्री में तिल मिलाकर भगवान विष्णु को अर्पित करें।
🔹 तिल भोग (Til Bhog): भोजन में तिल का उपयोग करें और प्रसाद में तिल से बनी चीजें बनाएं।
🔹 तिल दान (Til Daan): ब्राह्मणों और गरीबों को तिल और अन्य वस्तुएं दान करें।
🔹 तिल तर्पण (Til Tarpan): पितरों के मोक्ष के लिए तिल से तर्पण करें।
षट्तिला एकादशी का शुभ मुहूर्त (Shattila Ekadashi 2025 Shubh Muhurat)
ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 5:26 – 6:19
विजय मुहूर्त: दोपहर 2:21 – 3:03
गोधूलि मुहूर्त: शाम 5:52 – 6:19
निशिता मुहूर्त: रात 12:07 – 1:00
🕉 पारण का समय: 26 जनवरी 2025 को सुबह 07:12 AM के बाद
षट्तिला एकादशी का धार्मिक महत्व (Shattila Ekadashi Significance)
📖 धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, एक बार नारद मुनि ने भगवान विष्णु से पूछा कि इस व्रत का क्या महत्व है? तब श्रीहरि ने बताया कि जो भी भक्त इस दिन तिल से जुड़े 6 कार्य करता है, उसे अखंड सौभाग्य, समृद्धि और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
✤ इस दिन किए गए दान-पुण्य का फल कई गुना अधिक मिलता है।
✤ षट्तिला एकादशी व्रत से पापों का नाश और पुण्य की प्राप्ति होती है।
✤ यह एकादशी विशेष रूप से स्वास्थ्य और आध्यात्मिक उन्नति के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है।
षट्तिला एकादशी पर कौन-कौन से शुभ कार्य करें?
🔹 जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र और तिल का दान करें।
🔹 भगवान विष्णु, हनुमान जी और शनिदेव की पूजा करें।
🔹 गौशाला में गायों के लिए चारा और हरा चारा दान करें।
🔹 जरूरतमंदों को भोजन कराएं और मछलियों को आटे की गोलियां खिलाएं।
🔹 बाल गोपाल (श्रीकृष्ण) का अभिषेक करें और उन्हें माखन-मिश्री का भोग लगाएं।
ये भी पढ़ें –
Significance of Mahakumbh:अर्द्धकुंभ, पूर्णकुंभ और महाकुंभ में क्या है अंतर? जानें अमृत की चार बूंदों से जुड़े राज
Like and Follow us on :
Google News |Telegram | Facebook | Instagram | Twitter | Pinterest | Linkedin