Mahakumbh 2025 Travel Guide: प्रयागराज महाकुंभ 2025 में देश-विदेश से लगभग 40 करोड़ श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद है। 13 जनवरी से 26 फरवरी तक चलने वाले इस महायोजन में संगम स्नान, धार्मिक अनुष्ठान और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा। अगर आप भी महाकुंभ में शामिल होने का प्लान कर रहे हैं, तो यह जानकारी आपके लिए बेहद जरूरी है।
No Vehicle Zone Kumbh Mela: महाकुंभ के दौरान 6 राजसी स्नान (शाही स्नान) होंगे। मुख्य स्नान पर्व (मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या, बसंत पंचमी) पर (Kumbh Mela Bathing Dates) संगम क्षेत्र में वाहनों की अनुमति नहीं होगी।
Kumbh Mela Hindu Festival -Getty Images
नो व्हीकल जोन:
बसों को रोकने के स्थान:
लखनऊ/अयोध्या की ओर से आने वाली बसें मलाका में रुकेंगी।
कानपुर, वाराणसी, जौनपुर, मिर्जापुर, और चित्रकूट मार्ग की बसों को संगम से 10 किलोमीटर पहले रोका जाएगा।
पार्किंग डिटेल्स: (Kumbh Mela Parking Details)
कुल 102 पार्किंग स्थल
70% पार्किंग स्थल स्नान घाट से 5 किमी के अंदर हैं।
24 सैटेलाइट पार्किंग (18 मेला क्षेत्र में और 6 शहर में)।
सुविधाएं: पानी, शौचालय, प्राथमिक चिकित्सा, और पब्लिक एड्रेस सिस्टम।
7 तरफ से प्रयागराज आने वाले रूट पर पार्किंग की लिस्ट
मार्ग
भारी वाहनों की पार्किंग
हल्के वाहनों की पार्किंग
जौनपुर
हरिनाथधाम, कमलेश डिग्री कॉलेज, ग्रीन लैंड
चीनी मिल, पूरे सूरदास व सामयसाराई
वाराणसी
काशी मोटर, सरस्वती द्वार
मुठ्ठीगंज, पटलहवा, छतनाग, नागेशर, ट्रांस मोटर, शिव मंदिर
मिर्जापुर
सरस्वती हाइटेक परिसर पश्चिम, पूर्व
देवरख उपसथ, ओमेक्स सिटी, सरस्वती हाइटेक परिसर
रीवा-चित्रकूट
धुनहा, एफसीआई व इंद्रपुर
नवप्रयाग्राम, एग्रीकल्चर, लेप्रोसी
कानपुर
नेहरू पार्क सैनिक भूमि, साईनाथ, नवयुग स्मार्ट सिटी, अजय मेमोरियल
भारत स्काउट गाइड्स, एनएससी, बड़ा बघाड़ा, एनआरआई सिटी
अयोध्या-प्रतापगढ़
बेला कछार, पांडेय की बाग, राजापुर, शिवराज महाविद्यालय
भारत स्काउट गाइड्स, एनएससी, बड़ा बघाड़ा, एनआरआई सिटी
रेलवे और ट्रेन सेवाएं
महाकुंभ के लिए 3000 स्पेशल ट्रेनों की व्यवस्था की गई है। ये ट्रेनें 13,000 से अधिक फेरे लगाएंगी।
स्टेशन डिटेल्स:
जिले में 9 स्टेशन (प्रयागराज जंक्शन, नैनी, छिवकी, फाफामऊ, प्रयाग, संगम, झूंसी, रामबाग)।
प्रमुख स्नान पर्व पर ट्रेनें प्रयागराज संगम स्टेशन पर नहीं जाएंगी।
झूंसी और रामबाग जैसे स्टेशनों पर प्रमुख स्नान पर्व पर विशेष ट्रेनें रुकेंगी।
महत्वपूर्ण जानकारी:
प्रयागराज जंक्शन से संगम की दूरी: 12 किमी (Prayagraj Junction to Sangam Distance)
प्रमुख स्नान पर्व पर श्रद्धालुओं को 24,000 कदम (12 किमी) पैदल चलना होगा।
रेलवे हेल्पलाइन नंबर: 1800 4199 139
महाकुंभ में सड़क, रेल और हवाई मार्ग से आ सकते हैं
इस बार कुंभ में आने वाले लोगों में 83% सड़क मार्ग से आएंगे। इसमें सरकारी बस और निजी वाहन शामिल हैं। शहर के अंदर 500 शटल बसें चलाई जाएंगी।
करीब 15% लोग ट्रेन के जरिए यहां पहुंचेंगे। इसके लिए रूटीन में चलने वाली ट्रेनों के अलावा 3 हजार से अधिक मेला स्पेशल ट्रेनें चलेंगी, जो 13 हजार फेरे लगाएंगी।
बाकी 2% लोग हवाई यात्रा के जरिए महाकुंभ में आने वाले हैं।
स्रोत: महाकुंभ ऑफिसर्स का अनुमान
महाकुंभ में ठहरने और खाने की व्यवस्था (Accommodation in Prayagraj)
महाकुंभ में 3 तरह के ठहरने की सुविधा उपलब्ध होगी:
अस्थाई तंबू: कम लागत वाले तंबू।
धार्मिक धर्मशालाएं: सीमित सुविधाओं के साथ सस्ती दरों पर।
होटल और गेस्ट हाउस: प्रीमियम सुविधाओं के साथ।
खाने-पीने की सुविधा:
संगम क्षेत्र में हजारों लंगरों का आयोजन।
स्थानीय व्यंजन जैसे कचौरी, जलेबी, और आलू-पूरी का आनंद लें।
महत्वपूर्ण बातें जो आपको पता होनी चाहिए
मेला क्षेत्र में नो व्हीकल जोन: केवल पैदल यात्री और विशेष परमिट वाले वाहन।
शाही स्नान: भीड़ से बचने के लिए स्नान से एक दिन पहले या बाद में योजना बनाएं।
सुरक्षा: जगह-जगह पुलिस, मेडिकल कैंप, और वॉलंटियर उपलब्ध होंगे।
डिजिटल हेल्प: मेला प्रशासन ने ई-गाइडेंस के लिए ऐप्स और वेबसाइट्स लॉन्च की हैं।
शाही स्नान की प्रमुख डेट्स नीचे इमेज में देखें
महाकुंभ में सड़क, रेल और हवाई मार्ग से आ सकते हैं (Prayagraj Kumbh Mela 2025 booking)
इस बार कुंभ में आने वाले लोगों में 83% सड़क मार्ग से आएंगे। इसमें सरकारी बस और निजी वाहन शामिल हैं। शहर के अंदर 500 शटल बसें चलाई जाएंगी।
करीब 15% लोग ट्रेन के जरिए यहां पहुंचेंगे। इसके लिए रूटीन में चलने वाली ट्रेनों के अलावा 3 हजार से अधिक मेला स्पेशल ट्रेनें चलेंगी, जो 13 हजार फेरे लगाएंगी।
बाकी 2% लोग हवाई यात्रा के जरिए महाकुंभ में आने वाले हैं।
स्रोत: महाकुंभ ऑफिसर्स का अनुमान
प्रयागराज से 25 शहरों के लिए फ्लाइट की सुविधा
महाकुंभ 2025 में श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए प्रयागराज से देश के 25 प्रमुख शहरों को जोड़ने के लिए फ्लाइट सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। अब प्रयागराज से दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, लखनऊ, इंदौर, अहमदाबाद, कोलकाता, जयपुर, भुवनेश्वर, गुवाहाटी, हैदराबाद, भोपाल, चेन्नई, पुणे, नागपुर, जम्मू, पटना, अयोध्या, रायपुर, देहरादून, जबलपुर, चंडीगढ़ और बिलासपुर के लिए सीधी या कनेक्टिंग फ्लाइट्स होंगी।
विशेष रूप से, कुंभ मेले के चलते प्रयागराज एयरपोर्ट का विस्तार किया गया है। अब यहां से दिन के साथ-साथ रात में भी फ्लाइट्स का संचालन होगा। यात्री इस बात का ध्यान रखें कि कुंभ मेले के दौरान भीड़भाड़ के कारण टिकट बुकिंग 15 से 20 दिन पहले ही करा लें, ताकि आखिरी समय में किसी परेशानी का सामना न करना पड़े।
महाकुंभ में ठहरने की व्यापक व्यवस्था
महाकुंभ 2025 में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए प्रशासन ने फ्री और पेड दोनों प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध कराई हैं। लगभग 10 लाख लोगों के रुकने की व्यवस्था की गई है। आइए जानते हैं यहां ठहरने के विकल्प:
1. डोम सिटी
अगर आप लग्जरी अनुभव चाहते हैं, तो संगम किनारे डोम सिटी आपके लिए बेहतरीन विकल्प है। यहां ठहरने का किराया प्रतिदिन 80 हजार से लेकर 1.25 लाख रुपए तक है।
2. टेंट सिटी
डोम सिटी के आसपास 2000 टेंट की सुविधा उपलब्ध है। यहां साधारण से लग्जरी सुविधाओं के अनुसार प्रतिदिन 3000 रुपए से लेकर 30,000 रुपए तक का खर्च आएगा। यह सुविधा बुकिंग के माध्यम से पहले से ही उपलब्ध कराई जा रही है।
3. लग्जरी होटल्स
पूरे प्रयागराज शहर में 42 लग्जरी होटल उपलब्ध हैं। हर होटल की अपनी वेबसाइट है, जहां से यात्री होटल के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और बुकिंग करा सकते हैं।
4. आश्रयस्थल और धर्मशालाएं
जो श्रद्धालु फ्री या किफायती ठहरने का विकल्प चाहते हैं, उनके लिए मेला क्षेत्र में 100 आश्रयस्थल बनाए गए हैं। हर आश्रयस्थल में 250 बेड की सुविधा है।
5. स्वयंसेवी संस्थाओं की सेवाएं
महाकुंभ में 10 हजार से अधिक स्वयंसेवी संस्थाएं भी ठहरने और अन्य आवश्यक सुविधाओं का प्रबंधन कर रही हैं। ये संस्थाएं श्रद्धालुओं के लिए भोजन, आराम और आरामदायक माहौल सुनिश्चित करेंगी।
महत्वपूर्ण जानकारी
महाकुंभ में आने वाले यात्रियों को सलाह दी जाती है कि ठहरने की सुविधाओं को लेकर पहले से योजना बनाएं। लग्जरी और पेड सेवाओं के लिए ऑनलाइन बुकिंग आवश्यक है। वहीं, आश्रयस्थलों और स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रबंधों के लिए पहले आओ, पहले पाओ की नीति लागू होगी।
मेला क्षेत्र में यहां रुक सकते हैं श्रद्धालु
| पूरे मेला क्षेत्र में सामान्य टेंट | 1 लाख |
| लग्जरी टेंट | 2 हजार |
| स्वयंसेवी संस्थाओं के टेंट | 40 हजार |
| अरेइल क्षेत्र में टेंट | 2 हजार |
| झूंसी क्षेत्र में टेंट | 2 हजार |
| मेला क्षेत्र में आश्रयस्थली | 100 (हर में 250 बेड) |
| नौ रेलवे स्टेशनों के आसपास | 1 लाख श्रद्धालु रुक सकते हैं |
प्रयागराज महाकुंभ 2025: रहने और घूमने की पूरी जानकारी
प्रयागराज महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए हर तरह की सुविधाओं का ध्यान रखा गया है। अगर आप ट्रेन से आ रहे हैं, तो प्रयागराज जंक्शन के पास 50 होटल्स उपलब्ध हैं। साथ ही प्रयागराज नगर निगम ने स्टेशन के बाहर रैन बसेरा भी बनाया है, जहां ठंड से बचाव की सभी सुविधाएं मौजूद हैं।
महाकुंभ में ठहरने की सुविधाएं
संगम क्षेत्र में 3,000 से ज्यादा बेड वाले रैन बसेरे बनाए गए हैं। इसके अलावा, पूरे शहर में 204 गेस्ट हाउस और 90 धर्मशालाएं उपलब्ध हैं। कुंभ मेले के दौरान इन सभी स्थानों पर ठहरने की व्यवस्था होगी।
संगम क्षेत्र के आसपास के घरों को पीजी हाउस में तब्दील किया गया है। पर्यटन विभाग ने इन्हें लाइसेंस और ट्रेनिंग भी दी है। यहां आप किफायती दरों पर ठहर सकते हैं।
कुंभ में नेविगेशन के लिए डिजिटल समाधान
महाकुंभ 2025 में पहले के मेलों की तुलना में नेविगेशन की बेहतर सुविधा दी गई है। गूगल मैप ने मेले के लिए विशेष मैप तैयार किया है। इसमें मेले के पुल, आश्रम, अखाड़े और सड़कें आसानी से देखी जा सकती हैं।
महाकुंभ का ऑफिशियल ऐप “Maha Kumbh Mela 2025“ गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध है। इसमें कुंभ मेले से जुड़ी सभी जानकारियां, लोकेशन और डिजिटल मार्गदर्शन उपलब्ध हैं। ऐप में घाटों, मंदिरों और अन्य प्रमुख स्थलों की सटीक जानकारी दी गई है।
संगम के अलावा घूमने की जगहें (Walking Routes in Kumbh Mela)
महाकुंभ आने वाले लोग संगम स्नान के बाद प्रयागराज की अन्य धार्मिक और ऐतिहासिक जगहों पर भी घूम सकते हैं। यहां कुछ प्रमुख स्थान हैं:
लेटे हनुमान मंदिर
संगम से मात्र 1 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह मंदिर, लेटे हुए हनुमान जी को समर्पित है। यह देश का एकमात्र ऐसा मंदिर है, जहां हनुमान जी लेटे हुए रूप में हैं।
श्री अक्षयवट मंदिर
यह मंदिर संगम के पास स्थित अकबर के किले में है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, त्रेतायुग में भगवान राम, लक्ष्मण और सीता ने इस पवित्र बरगद के पेड़ के नीचे विश्राम किया था।
पातालपुरी मंदिर
यह मंदिर अक्षयवट के पास अकबर के किले में स्थित है और इसे देश के सबसे पुराने मंदिरों में से एक माना जाता है।
मनकामेश्वर मंदिर
यह मंदिर यमुना नदी के किनारे स्थित है। यहां भगवान शिव, गणेश और नंदी की मूर्तियां हैं।
शंकर विमानमण्डपम
दक्षिण भारतीय शैली में निर्मित यह मंदिर संगम से 1 किलोमीटर की दूरी पर है। इसमें आदि शंकराचार्य और कामाक्षी देवी की प्रतिमाएं हैं।
चंद्रशेखर आजाद पार्क
शहर के बीच स्थित यह पार्क स्वतंत्रता सेनानी चंद्रशेखर आजाद की शहादत का गवाह है। पहले इसे अल्फ्रेड पार्क कहा जाता था।
स्वराज भवन और आनंद भवन
मोतीलाल नेहरू द्वारा निर्मित ये भवन कांग्रेस और नेहरू परिवार के इतिहास को दर्शाते हैं। अब इन्हें संग्रहालय में बदल दिया गया है।
खुसरो बाग
प्रयागराज स्टेशन के पास स्थित यह बाग मुगल वास्तुकला का बेहतरीन उदाहरण है। इसमें जहांगीर के बेटे खुसरो और सुल्तान बेगम के मकबरे हैं।
निषादराज पार्क
प्रयागराज से 30 किलोमीटर दूर स्थित यह पार्क भगवान राम और निषादराज के रिश्ते का प्रतीक है। यहां इनकी विशाल प्रतिमा स्थापित है।
महाकुंभ को और खास बनाती हैं ये व्यवस्थाएं
संगम क्षेत्र में ठहरने के लिए सामान्य टेंट से लेकर लग्जरी टेंट तक की सुविधा है। पूरे मेला क्षेत्र में 1 लाख सामान्य टेंट, 2 हजार लग्जरी टेंट और स्वयंसेवी संस्थाओं के 40 हजार टेंट उपलब्ध हैं।
महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को मेले का पूरा अनुभव दिलाने के लिए ये तमाम सुविधाएं दी जा रही हैं। यदि आप महाकुंभ की योजना बना रहे हैं, तो समय पर अपने ठहरने और यात्रा की व्यवस्था सुनिश्चित करें।
प्रयागराज में खाने के लिए खास चीजें और फेमस जगहें
महाकुंभ 2025 के दौरान अगर आप प्रयागराज आ रहे हैं, तो यहां के स्वादिष्ट और मशहूर पकवानों का आनंद लेना न भूलें। (Food Options at Kumbh Mela) महाकुंभ में कई दुकानें और भोजनालय लगाए गए हैं, लेकिन अगर आप असली प्रयागराजी जायका चखना चाहते हैं, तो इन खास स्थानों पर जरूर जाएं।
देहाती रसगुल्ला
प्रयागराज का बैरहना इलाका मिठाई प्रेमियों के लिए खास है। यहां स्थित देहाती रसगुल्ला की दुकान करीब 30 साल पुरानी है। यह संगम से महज 2 किलोमीटर की दूरी पर है। इस दुकान के रसगुल्ले अपने अद्वितीय स्वाद के लिए मशहूर हैं। दोपहर 12 बजे से रात 9 बजे तक यहां ग्राहकों की भीड़ लगी रहती है। अगर आप मिठाई के शौकीन हैं, तो यह जगह आपके लिए परफेक्ट है।
नेतराम कचौड़ी
कटरा इलाके में स्थित नेतराम कचौड़ी की दुकान 168 साल पुरानी है। यहां की कचौड़ी और सब्जी का जायका न केवल स्थानीय लोगों को बल्कि प्रधानमंत्री और अन्य सेलिब्रिटीज को भी खूब पसंद आया है। यहां हमेशा लाइन लगी रहती है। अगर आप कचौड़ी खाने के शौकीन हैं, तो नेतराम का स्वाद आपको जरूर संतुष्टि देगा।
कल्लू कचौड़ी
मुट्ठीगंज में स्थित कल्लू कचौड़ी की दुकान अपनी लोकप्रियता के कारण एक मील का पत्थर बन चुकी है। यह दुकान इतनी मशहूर है कि पूरे चौराहे का नाम ही कल्लू कचौड़ी चौराहा पड़ गया है। सुबह से ही यहां ग्राहकों की भीड़ लग जाती है। गरमा-गरम कचौड़ियों का स्वाद यहां आपको हर बार वापस आने के लिए मजबूर कर देगा।
हरी एंड संस
चौक के लोकनाथ चौराहे पर स्थित हरी एंड संस की दुकान 100 साल से ज्यादा पुरानी है। यह दुकान नमकीन स्नैक्स और खस्ता दमालू के लिए खासतौर पर जानी जाती है। यहां का खस्ता दमालू एक बार खा लें, तो इसका जायका आप कभी नहीं भूलेंगे। यह दुकान स्नैक्स लवर्स के लिए किसी जन्नत से कम नहीं है।
जायसवाल डोसा
अगर आप दक्षिण भारतीय खाने के शौकीन हैं, तो मेडिकल चौराहे पर स्थित जायसवाल डोसा की दुकान जरूर जाएं। यहां पर डोसे की कई वैरायटी मिलती हैं, जिनमें से मसाला डोसा, इडली और वडा बेहद लोकप्रिय हैं। जायसवाल की क्वॉलिटी और स्वाद आपको बार-बार यहां खींच लाएगा।
कॉफी हाउस
सिविल लाइंस में एमजी मार्ग पर स्थित कॉफी हाउस थके-हारे यात्रियों के लिए एक बेहतरीन जगह है। यहां की कॉफी की क्वॉलिटी और स्वाद इसे खास बनाते हैं। महाकुंभ के व्यस्त दिन के बाद यहां आकर आप रिफ्रेश महसूस करेंगे।
प्रयागराज के जायकों की खासियत
प्रयागराज के इन मशहूर स्थानों पर आप न सिर्फ क्वॉलिटी का अनुभव करेंगे, बल्कि यहां का ऐतिहासिक महत्व और पुरानी विरासत का भी आनंद ले पाएंगे। कचौड़ी, मिठाई, डोसा और कॉफी के अलावा यहां की संस्कृति और स्वाद भी आपको इस जगह का दीवाना बना देगा।
कुंभ में क्या न करें: नियम और सावधानियां
पुलिस के निर्देशों का पालन करें:
ट्रैफिक और सुरक्षा के लिए जगह-जगह बैरिकेड्स लगाए गए हैं। पुलिसकर्मी आपकी सुरक्षा के लिए तैनात हैं। उनसे बहस करने या उनकी बात को अनदेखा करने से बचें।
बैरिकेड्स से आगे न बढ़ें:
स्नान करते समय पानी में लगे बैरिकेड्स सुरक्षा के लिए होते हैं। इन्हें पार करने की कोशिश न करें, यह खतरनाक हो सकता है।
धक्का-मुक्की न करें:
भीड़ में जल्दी करने या आगे बढ़ने के लिए किसी को धक्का न दें। शांति बनाए रखें और धीरे-धीरे आगे बढ़ें।
प्लास्टिक का इस्तेमाल बंद करें:
कुंभ क्षेत्र को साफ-सुथरा रखने के लिए प्लास्टिक बैग, चिप्स के रैपर या खाली पानी की बोतल को यहां-वहां फेंकने से बचें।
सफाई का ख्याल रखें:
कुंभ क्षेत्र को स्वच्छ बनाए रखने में मदद करें। खुले में शौच न करें और सफाई के नियमों का पालन करें।
लावारिस वस्तुओं को न छुएं:
किसी भी संदिग्ध या लावारिस वस्तु को छूने से बचें। ऐसी स्थिति में तुरंत संबंधित अधिकारियों को सूचित करें।
दान करते समय सतर्क रहें:
संगम पर दान करते समय सतर्क रहें और ठगों से सावधान रहें। जरूरतमंदों और मान्यता प्राप्त संगठनों को ही दान दें।
व्यक्तिगत वस्त्र और सामान का उपयोग करें:
केवल अपने लाए हुए वस्त्र और सामान का उपयोग करें। किसी और के कपड़े या वस्त्र को ग्रहण करने से बचें।
कुंभ में इन बातों का ध्यान रखकर आप सुरक्षित और आनंददायक अनुभव का लाभ उठा सकते हैं।
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