Olympic Gender Controversy: पेरिस ओलंपिक (Paris Olympic 2024) में महिला मुक्केबाजी के एक मैच को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। गुरुवार को इटली की एंजेला कैरिनी (Angela Carini) और अल्जीरिया की इमान खलीफ (Imane Khelif) के बीच मुकाबला हो रहा था। एंजेला ने महज 46 सेकंड में ही मैच से अपना नाम वापस ले लिया। एंजेला ने कहा, ‘मुझे ऐसा मुक्का कभी नहीं लगा। मैं यहां जज नहीं हूं। यह तय करना मेरा काम नहीं है कि यह मैच सही था या गलत।’
दरअसल, जिस इमान के सामने एंजेला ने मैच से नाम वापस लिया, उसे एक साल पहले इंटरनेशनल बॉक्सिंग एसोसिएशन (आईबीए) ने जेंडर टेस्ट में फेल कर दिया था।
आईबीए(IBA) ने पिछले साल दिल्ली में आयोजित महिला विश्व चैंपियनशिप के गोल्ड मेडल मैच में इमान (Imane Khelif) को खेलने की इजाजत नहीं दी थी। अब इमान के ओलंपिक में अपना पहला मैच जीतने के बाद सोशल मीडिया पर सवाल उठ रहे हैं कि आखिर रिंग में महिला के सामने एक पुरुष को क्यों उतारा गया।
आईबीए (IBA) ने इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी (IOC) पर भी सवाल उठाए हैं। आईबीए ने कहा कि आईओसी नियमों का उल्लंघन कर रही है। प्रतियोगिता में महिला खिलाड़ियों के न्याय और सुरक्षा की अनदेखी की गई है।
इस पर IOC ने बयान जारी कर कहा कि हमने खिलाड़ियों को PBU (पेरिस 2024 बॉक्सिंग यूनिट) द्वारा तय नियमों के अनुसार ही खेलने की अनुमति दी है।
अब इस पूरे विवाद को निम्न 6 पॉइंट्स में समझिए (Paris Olympic Gender Controversy)
1. महिला बॉक्सिंग मैच के दौरान क्या-क्या हुआ?
महिलाओं के 66 किग्रा वर्ग में राउंड ऑफ 16 का मैच एंजेला और इमान (Imane Khelif) के बीच था। एंजेला (Angela Carini) रिंग में उतरीं और इमान के पहले मुक्के से उनके सिर के सेफ्टी गियर की चेन टूट गई। दूसरे मुक्के में उनकी नाक से खून बहने लगा। इसके बाद एंजेला रिंग से बाहर हो गईं। पूरा मैच सिर्फ 46 सेकंड चला।
2. मैच से हटने वाली महिला बॉक्सर ने क्या कहा?
एंजेला (Angela Carini) ने कहा- मुझे ऐसा मुक्का कभी नहीं लगा। मेरा दिल टूट गया है। मैं योद्धा हूं, मैं अपने पिता के सम्मान के लिए रिंग में उतरी, लेकिन अपने स्वास्थ्य की रक्षा के लिए मुझे मैच से हटना जरूरी लगा। यह तय करना मेरा काम नहीं है कि यह मैच सही था या गलत। मैंने बस अपना काम किया। मैं रिंग में उतरी, लेकिन मेरी नाक में इतना दर्द हो रहा था कि मैंने जाने का फैसला किया। इतने अनुभव के बावजूद मैं कह रही हूं कि मुझे अपने जीवन में कभी इतना जोरदार मुक्का नहीं लगा।
3. आखिर इमान खलीफ और उसके जेंडर टेस्ट का मामला क्या है?
इमान और एंजेला (Angela Carini) के बीच मैच से पहले ही ओलंपिक समिति सवालों के घेरे में थी। इमान खलीफ और चीनी ताइपे की मुक्केबाज लिन यू टिंग को 2023 में आईबीए द्वारा जेंडर टेस्ट में फेल घोषित किया गया था।
इंटरनेशनल एमेच्योर बॉक्सिंग के अध्यक्ष उमर क्रेमलेव ने द गार्जियन से बातचीत में कहा, ‘जेंडर टेस्ट से साबित हुआ कि इमान (Imane Khelif) में XY क्रोमोसोम हैं, जो पुरुषों में पाए जाते हैं। इसी वजह से उन पर प्रतिबंध लगाया गया। इमान ने कोर्ट में अपील भी की, लेकिन प्रक्रिया के दौरान उन्होंने अपनी अपील वापस ले ली।’
4. ओलंपिक समिति ने जेंडर टेस्ट पर क्या कहा है?
इंटरनेशनल ओलंपिक समिति के प्रवक्ता मार्क एडम्स ने कहा, ‘सभी खिलाड़ियों ने पात्रता नियमों को पूरा किया है। (Paris Olympic Gender Controversy) यहां ट्रांसजेंडर का कोई मुद्दा नहीं है। लिन और इमान (Imane Khelif) के पासपोर्ट पर महिला लिखा हुआ है।’
5. इमान-एंजेला के मैच को लेकर क्या बहस चल रही है? (Paris Olympic Gender Controversy)
मैच के बाद ऑस्ट्रेलिया की बॉक्सिंग कप्तान कैटलिन पार्कर ने कहा कि हमारे बॉक्सर भी उसी वर्ग में हिस्सा लेंगे जिसमें इमान खलीफ खेल रहे हैं। इमान को खेलने की अनुमति दी जा रही है, यह सही नहीं है। मैं ओलंपिक समिति से सहमत नहीं हूं। ऐसे खिलाड़ियों को खेलने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। खासकर बॉक्सिंग जैसे खेल में यह बहुत खतरनाक हो सकता है।
एक यूजर ने लिखा, ‘इमान खलीफ जो अपने को महिला होने का दावा करता है, वो खुद जेंडर टेस्ट में फेल हो चुका है।’
This isn’t sport. This is ABUSE. The IOC’s inexcusable decision to let a man beat on a woman will go down in history as the greatest injustice in sport.#IStandWithAngelaCarini #Olympics pic.twitter.com/eQGwdUxCDn
— Independent Women’s Forum (@IWF) August 1, 2024
सोशल मीडिया पर लोग सवाल उठा रहे हैं कि आखिर एक पुरुष को महिला के रिंग में क्यों घुसने दिया गया। एक यूजर ने लिखा, ‘एक पुरुष ने पूरी दुनिया के सामने एक महिला को मुक्का मारा। दुनिया ऐसे व्यक्ति की तरह व्यवहार कर रही है जिसके पड़ोसी ने उसकी पत्नी को पीटा और उसने मदद नहीं की।’
Algeria‘s biological man Imane Khelif has beat Italy’s Angela Carini after only 45 sec in 66 kg boxing preliminaries at the #Olympics.
What a disgrace!
What about the rights of biological female athletes?
Where are all the feminists when you need them?pic.twitter.com/KOV9rLKZ2K— Velina Tchakarova (@vtchakarova) August 1, 2024
6. लिंग परीक्षण क्या है?
खेलों में लिंग परीक्षण खिलाड़ी के लिंग की जांच के लिए किया जाता है। (Paris Olympic Gender Controversy) इसमें एथलीट में पुरुष हार्मोन के स्तर का पता लगाया जाता है। अगर संबंधित एथलीट में पुरुष हार्मोन का स्तर तय मात्रा से ज्यादा है तो उसे प्रतियोगिता में भाग लेने से रोक दिया जाता है।
अब जानें कौन है इमान खलीफ? (Who is Iman Khalifa?) संघर्षमय रहा इमान खलीफ का जीवन
बॉक्सिंग के लिए बेचा था कबाड़
पेरिस ओलंपिक में तमाम आरोपों से घिरकर विवादों में आईं इमान खलीफ को 2024 में UNICEF का नेशनल एम्बेसेडर बनाया गया था। उनके लिए बॉक्सिंग का सफर संघर्षों से भरा रहा है। खलीफ (Imane Khelif) का जन्म 1999 में अल्जीरिया के तियरेत में हुआ1 25 साल की बॉक्सर को शुरुआती दौर में फुटबॉल खेलने का शौक था, लेकिन बाद में उन्होंने बॉक्सिंग को कॅरियर बनाने का फैसला किया।
खलीफ ने जब बॉक्सिंग की शुरुआत की थी, तब ट्रेनिंग के लिए उन्हें बस के जरिए दूसरे गांव में जाना पड़ता था। उस वक्त इमान खलीफ (Imane Khelif) बहुत गरीब थीं और बस से यात्रा करने के लिए उनके पास पैसे नहीं होते थे। ऐसे में वे कबाड़ बेचकर अपने लिए पैसे का इंतजाम करती थीं।
इतना ही नहीं उनके पिता को लड़कियों का बॉक्सिंग करना भी पसंद नहीं था। फिर भी खलीफ ने हार नहीं मानी और जीवन की परेशानियों के बीच अपने खेल को जारी रखा।
कॅरियर की खराब शुरुआत
इमान खलीफ अपने जीवन की परेशानियों से जूझते हुए बॉक्सिंग में आगे तो बढ़ रही थीं, लेकिन उनके कॅरियर की शुरुआत अच्छी नहीं रही। 19 साल की उम्र में खलीफ ने 2018 AIBA वुमन वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप से डेब्यू किया। इस टूर्नामेंट में खलीफ का प्रदर्शन ज्यादा खास नहीं रहा और वे पहले राउंड में ही बाहर हो गईं। उन्होंने 17वें नंबर पर फिनिश किया था।
2019 के वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में उन्होंने फिर वापसी की और एक बार फिर वो पहले राउंड में हारकर बाहर हो गईं। इस बार खलीफ का प्रदर्शन और भी बुरा रहा। वे 33वें नंबर पर रहकर टूर्नामेंट से बाहर हो गईं। इसके बाद उन्होंने 2020 के टोक्यो ओलंपिक के लिए भी क्वालिफाई किया था, लेकिन क्वार्टर फाइनल मुकाबले में उन्हें एक बार फिर हार नसीब हुई।
2022 में दिखाया दम
खलीफ ने कॅरियर के शुरुआत में मिली हार के बावजूद हौसला नहीं खोया और मेहनत करती रहीं। वे हार्डकोर ट्रेनिंग करती रहीं। फिर साल 2022 में उनका सफलता का सिलसिला शुरू हुआ। 2022 के वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में उन्होंने एक बार फिर हिस्सा लिया।
इस बार वे फाइनल तक पहुंचने में कामयाब रहीं। ऐसा करने वाली वे अल्जीरिया की पहली महिला बॉक्सर थीं। हालांकि, फाइनल मुकाबले में वे हार गईं, लेकिन सिल्वर मेडल अपने नाम कर लिया। इस साल उन्होंने अरब गेम्स, मेडिटेरेनियन गेम्स और अफ्रीकन चैंपियनशिप में भी गोल्ड अपने नाम किया था।
2023 से विवादों में आईं और लगे पुरुष होने का आरोप (Olympic Gender Controversy)
साल 2023 में इमान खलीफ वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप जीतने के इरादे उतरीं थीं और फाइनल तक पहुंच भी गई थीं। हालांकि, गोल्ड मेडल मैच से पहले इंटरनेशनल बॉक्सिंग एसोसिएशन (IBA) ने उन्हें डिसक्वालिफाई कर दिया। (Olympic Gender Controversy) IBA ने डिसक्वालिफाई करने के पीछे खलीफ के शरीर में बहुत ज्यादा मात्रा में टेस्टोसटेरोन होना बताया था।
बाद में IBA के अध्यक्ष ने यह भी खुलासा किया था कि DNA टेस्ट के दौरान खलीफ के शरीर में X,Y क्रोमोजोम्स पाए गए थे, जोकि पुरुषों में होते हैं। हालांकि, एसोसिएशन का टेस्ट भी विवादों में आया था। वहीं दूसरी ओर खलीफ ने IBA के फैसले को बड़ी साजिश भी बताया था। अब पेरिस ओलंपिक में भी इन्हीं आरोप के साथ इमाम खलीफ एक बार फिर से विवादों में आ गई हैं।
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