जानिए Bulli Bai App पर ‘Deal Of The Day’ बता कर मुस्लिम समुदाय की महिलाओं की बोली क्यों लगाई जा रही, आखिर ये एप है क्या बला, क्या ये Sulli Deals की तरह ही है? Read it later

                            जानिए Bulli Bai App पर 'Deal Of The Day'

सोशल मीडिया पर इन दिनों ‘Sulli Deal’ की तरह एक रिपोजिटरी होस्टिंग सर्विस पर बनाए गए एक विवादास्पद ऐप Bulli Bai ने मुस्लिम महिलाओं की फोटोज को उनकी सहमति के बिना अपलोड किए जाने के बाद सोशल मीडिया पर गुस्सा पैदा कर दिया है। दरअसल Bulli Bai नाम का एक ऐप सोशल मीडिया पर नफरत फैलाने का काम किया जा रहा है। 

जानकारी के अनुसार ‘Bulli Bai’ नाम के ऐप को कथित तौर पर मुस्लिम महिलाओं की फोटो की नीलामी करते हुए पाया गया। कुछ माह पहले कुछ अज्ञात लोगों ने इसी तरह का ऐप ‘Sulli Deal’ बनाया था, जिसमें सैकड़ों मुस्लिम महिलाओं की पिक्चर्स, उनके सोशल मीडिया एकाउंट्स से ली गईं, फिर उन्हें अपलोड और नीलाम किया गया। सोशल मीडिया पर इसकी नाराजगी के बाद ऐप को 

तुरंत हटा दिया गया था। अब बताया जा रहा है कि Bulli Bai, Sulli Deal के की तरह एक ऐप है जिसे Github पर बनाया गया है और अब इस्तेमाल किया जा रहा है। एक बार जब यूजर बुल्ली बाई ऐप (Bulli Bai) खोलता है, तो उसे एक मुस्लिम महिला के चेहरे का गलत ढंग से उपयोग करने और उस ‘दिन की बुल्ली बाई’ के रूप में डिस्पले करने की परमिशन देता है।

GitHub confirmed blocking the user this morning itself.
CERT and Police authorities are coordinating further action. https://t.co/6yLIZTO5Ce

— Ashwini Vaishnaw (@AshwiniVaishnaw) January 1, 2022

क्या है आखिर ये Bulli Bai App

क्या है आखिर ये Bulli Bai App


‘Bulli Bai’ एक ऐसी एप्लिकेशन है जो Github एपीआई पर होस्ट की जाता है ये एप्लीकेशन ‘Sulli Deal’ की तरह ही काम करती है। इस एप्लीकेशन में मुस्लिम महिलाओं को सोशल मीडिया पर लोगों के लिए एक प्रोडक्ट के तौर पर पेश किया जाता है। 

हालांकि बुल्ली बाई के ट्विटर हैंडल को सस्पेंड कर दिया गया है, हैंडल के बायो में लिखा था कि ‘बुली बाई खालसा सिख फोर्स (KSF) द्वारा एक कम्यूनिटी की ओर से ओपरेटेड ओपन-सॉर्स ऐप है। हाल की घटना में, सैकड़ों मोमडन वुमन की फोटोज का गलत इस्तेमाल किया गया और 1 जनवरी को ‘बुली बाई’ के नाम से गिटहब का यूज करके एक ऐप पर एक अननॉन ग्रुप द्वारा अपलोड किया गया। 

इसमें सामने आया कि बुल्ली बाई ऐप के हिडन लोग खुद को खालिस्तानी आंदोलन के समर्थक बताने वाले हैं और गिरफ्तार खालिस्तानी आतंकियों की रिहाई की मांग कर रहे हैं। सामने आया कि ऐप को URL Bullibai.github.io पर होस्ट किया गया था, लेकिन लोगों द्वारा सोशल मीडिया पर एप्लीकेशन को शेयर करने के बाद अब इसे हटा दिया गया है। वहीं एप्लीकेशन से जुड़े एक ट्विटर एकाउंट को भी सस्पेंड कर दिया गया है।

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मुस्लिम महिला पत्रकार की फोटो को ‘डील ऑफ द डे’ बता कर शेयर किया गया  

ऐप को अज्ञात तौर पर मॉमडन महिलाओं की फोटोज की नीलामी करते हुए पाया गया था, कुछ माह पहले कुछ अज्ञात लोगों ने इसी तरह का ऐप ‘Sulli Deal’ बनाया था, जिसमें सैकड़ों मुस्लिम महिलाओं की फोटोज अपलोड और नीलाम की गईं। शनिवार को एक महिला ज​र्नलिस्ट ने बुल्ली बाई ऐप (Bulli Bai App) पर अपनी बेची जा रही फोटो को ‘डील ऑफ द डे’ बताकर शेयर किया।  

महिला पत्रकार ने ट्विटर पर कहा कि “यह बहुत शर्मनाक है कि एक मुस्लिम महिला के तौर पर आपको अपने नए साल की शुरुआत इस डर और घृणा के साथ करनी पड़ रही है।” महिला जर्नलिसट की शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 509 के तहत मामला दर्ज किया है।

समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिण पूर्व जिले के साइबर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया  गया है। ट्विटर (Twitter) लोकेशन स्टेटस से पता चला है कि यह अकाउंट यूएसए से चलाया जा जा रहा है और हाल ही में दिसंबर 2021 के महीने में इंडियन गवर्नमेंट पर जगतार सिंह जोहल को रिहा करने के लिए प्रेशर डालने के इरादे से बनाया गया है, उसे ‘Jaggi’ के नाम से जाना जाता है।

सुली डील आखिर ( Sulli Deal ) क्या था ?

सुली डील आखिर ( Sulli Deal ) क्या था ?

पिछले साल 4 जुलाई, 2021 को, कई ट्विटर यूजर्स ने ‘Sulli Deals’ नामक ऐप के स्क्रीनशॉट साझा किए थे, जिसे गिटहब पर ही एक अज्ञात समूह की ओर से बनाया गया था। ऐप में एक टैगलाइन भी थी, जिस पर साफ लिखा था “सुल्ली डील ऑफ द डे” और इसमें मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरों के साथ लॉन्च किया गया था। 

‘Sulli’ मुस्लिमों के खिलाफ इस्तेमाल किया जाने वाला अपमानजनक शब्द है। ऐप बनाने वाले अपने सोशल मीडिया एकाउंट्स से अवैध तौर पर मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें जुटा कर उन्हें ट्रोल कर रहे थे। इसमें तस्वीरों का गलत इस्तेमाल किया जा रहा था और और लोगों को उनकी “नीलामी” में हिस्सा लेने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा था। 

वहीं ‘Sulli Deal’ विवाद में दिल्ली और यूपी पुलिस ने दो मामले दर्ज किए थे। वहीं केंद्र सरकार की ओर से ‘Sulli Deal’ मामले के संबंध में एक पत्र लिखा गया था।

सुल्ली मुस्लिमों के लिए एक अपमानजनक शब्द माना जाता है

आपको बता दें कि, सुल्ला या सुल्ली एक बेहद ही अपमानजनक शब्द है, नफरत फैलाने वाले लोग इसका इस्तेमाल मुसलमानों के लिए करते हैं। ‘सुल्ली फॉर सेल’ नाम की एक ओपन सॉर्स वेबसाइट बनाई गई थी, इस पर मुस्लिम महिलाओं के ट्विटर हैंडल से सूचनाएं और प्राइवेट फोटोज निकाल कर डाली गईं थी और इन्हें सार्वजनिक तौर पर नीलाम किया जा रहा था। 

इसे ही  ‘सुल्ली डील’ कहा गया। ‘सुल्ली फॉर सेल’ और ‘सुल्ली डील’ बता कर मुसलमान महिला पत्रकारों, कार्यकर्ताओं, कलाकारों और रिसर्चर्स को निशाना बनाया गया।

एक ऐप जहां ‘सुल्‍ली ऑफ द डे’ दिखाती थी, तो वहीं अब दूसरी ओर ‘बुल्‍ली ऑफ द डे।’ दोनों ही ऐप्‍लीकेशन GitHub पर अपलोड की गईं जो कि माइक्रोसॉफ्ट का सॉफ्टवेयर शेयरिंग प्‍लेटफॉर्म है। GitHub पर कोई भी इन-डिवेलप ऐप को अपलोड और शेयर कर सकता है।

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