Deepfake Security: डीपफेक से ऐसे रहें सावधान! ये हैं सुरक्षा कदम Read it later

Deepfake Security: साइबर अपराधियों के एक समूह ने एक टीनेजर करिश्मा (काल्पनिक नाम) को निशाना बनाया, उसके माता-पिता के सोशल मीडिया प्रोफाइल से उसकी छवियों और वीडियो को एकत्रित किया। उन्नत एआइ एल्गोरिदम का उपयोग करते हुए, उन्होंने करिश्मा का एक डीपफेक मॉडल बनाया।

इस एआइ-निर्मित मॉडल का उपयोग करके छेड़छाड़ की गई सामग्री बनाई गई, जिससे यह प्रतीत हुआ कि वह अनुचित गतिविधियों में संलिप्त है। यह डीपफेक उसके साथियों के बीच साझा किया गया, जिससे उसे बुलीइंग और प्रतिष्ठा हानि का सामना करना पड़ा।

डीपफेक तेजी से अपने पैर पसार रहा है। कई सेलिब्रिटी और पॉलिटिकल लीडर डीपफेक सामग्री का शिकार हुए हैं। असल में, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) एवं मशीन लर्निंग जैसी तकनीकों का उपयोग कर ऐसे चित्र, ऑडियो या वीडियो सामग्री का निर्माण किया जाता है, जो एकदम वास्तविक प्रतीत होते हैं, किन्तु वास्तव में यह काल्पनिक या झूठे होते हैं।

यह सामग्री किसी पुरानी सामग्री में छेड़छाड़ करके अथवा पूर्णतया नई बनाई जा सकती है। डीपफेक द्वारा अब आसानी से ऐसा संभव है कि जिस व्यक्ति का चित्र हम देख रहे हैं, ऐसा व्यक्ति है ही नहीं, या ऑडियो, वीडियो में उल्लेखित घटना कभी घटित ही नहीं हुई हो।

हालांकि डीपफेक को लेकर कड़े कानून के प्रावधान भी हैं लेकिन फिर भी इस तकनीक का दुरुपयोग से हमारी व्यक्तिगत, सामाजिक एवं राष्ट्रीय सुरक्षा को भी खतरा उत्पन्न हो सकता है।

डिजिटल कैरेक्‍टर बिगाड़ सकता है कैरेक्‍टर

डिजिटल दुनिया में हमारे हमशक्ल हमारी बनी बनाई इमेज को तार-तार कर सकते हैं। गाहे बगाहे विभिन्न मौकों पर शेयर किए गए फोटो, वीडियो से हम उनको मौका देते हैं डीपफेक का। नतीजा यह होता है कि हमारा यह डिजिटल कैरेक्टर हमारे कैरेक्टर को बिगाड़ कर रख देता है।

कॉर्पोरेट जासूसी (Deepfake Security)

एक अग्रणी टेक कंपनी के सीईओ का डीपफेक वीडियो कर्मचारियों (Deepfake Security) के बीच साझा किया गया। वीडियो में सीईओ को एक प्रतिस्पर्धी कंपनी के साथ गोपनीय व्यापार रणनीतियों पर चर्चा करते दिखाया गया। इस लीक के कारण कंपनी के शेयरों में भारी गिरावट आई और आंतरिक अस्थिरता पैदा हुई, बाद में डीपफेक का पता चला।

अपनी डिजिटल सुरक्षा के लिए उठाएं

ये कदम

स तेजी से डीपफेक (Deepfake Security) का उपयोग राजनीतिक और वित्तीय छेड़छाड़ से लेकर व्यक्तिगत और पेशेवर हमलों तक, विविध और संभावित रूप से हानिकारक तरीकों से किया जा सकता है। इन खतरों से बचने के लिए आपको सतर्क होने की जरूरत है। जानते हैं डिजिटल सुरक्षा के लिए अहम बातें…

व्यक्तिगत जानकारी कम शेयर करें

व्यक्तिगत तस्वीरें और वीडियो ऑनलाइन साझा करते समय सावधानी बरतें। जितनी कम सामग्री उपलब्ध होगी, किसी के लिए एक प्रभावी डीपफेक बनाना उतना ही कठिन होगा। अपना सोशल मीडिया प्रोफाइल उच्च सुरक्षा पर रखें, प्रोफाइल लॉक रखें।

ऑनलाइन उपस्थिति पर रखें निगरानी

ताकि आपकी छवि या आवाज के किसी भी अनधिकृत उपयोग की पहचान की जा सके और उसका समय पर समाधान किया जा सके।

जागरूकता बढ़ाएं

स्वयं सतर्क रहें और दूसरों को डीपफेक के बारे में शिक्षित करें, जिससे सबको संभावित खतरों, कार्य प्रणाली की पहचान में मदद मिलती रहे।

सुरक्षित संचार

अपनी संवेदनशील जानकारी की सुरक्षा और इसे डीपफेक से बचाने के लिए एन्क्रिप्टेड संचार चैनलों का उपयोग करें।

वॉटरमार्किंग

वीडियो और छवियों की प्रामाणिकता को सत्यापित करने के लिए डिजिटल वॉटरमार्क या ब्लॉकचेन तकनीक का उपयोग किया जा सकता है।

सिक्योरिटी बढ़ाएं

अपनी डिजिटल पहचान की सुरक्षा के लिए मजबूत, यूनिक पासवर्ड और दो-कारक प्रमाणीकरण (2 step वैरिफ‍िकेशन) का उपयोग करें, जिससे आपके व्यक्तिगत या पेशेवर ऑनलाइन खातों तक अनधिकृत पहुंच न हो सके।

भारत में हर 4 में से 1 सेलेब्रिटी डीपफेक कंटेंट का कर रहा सामना

साइबर सुरक्षा कंपनी मैकेफी के ऑनलाइन सर्वे से सामने आया कि 75 फीसदी से अधिक भारतीयों ने पिछले 12 महीनों में किसी न किसी रूप में डीपफेक कंटेंट को देखा है एवं 38 फीसदी ने डीपफेक स्कैम का सामना किया।

आलोचनात्मक सोच रखें और जांच करें

डिजिटल सामग्री को संदेह की नजर से देखें। मीडिया की प्रामाणिकता पर सवाल उठाएं, खासकर अगर यह असामान्य या संदिग्ध लगे।

सॉर्स को वैरिफाई करें

यदि कोई संदिग्ध वीडियो या ऑडियो क्लिप सामने आए तो विश्वसनीय समाचार आउटलेट्स या आधिकारिक बयानों से क्रॉस-चेक करें। पेशेवर फैक्ट-चेकिंग सेवाओं का उपयोग करें।

रिवर्स इमेज सर्च टूल्स

इनका उपयोग यह जांचने के लिए करें कि क्या मीडिया को बदला गया है या संदर्भ से बाहर लिया गया है।

डीपफेक की तुरंत रिपोर्ट करें

यदि आप डीपफेक का सामना करते हैं, तो सामग्री होस्ट करने वाले प्लेटफॉर्म या संबंधित अधिकारियों को इसकी रिपोर्ट करें। त्वरित रिपोर्टिंग से इसके प्रसार को सीमित कर सकते हैं।

कानूनी कार्रवाई

गंभीर प्रभाव के मामलों में, डीपफेक के रचनाकारों या वितरकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई पर विचार करें।

 

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