Florona : इजराइल में कोरोना से जुड़ा एक नया मामला (Florona Infection) सामने आया है। यहां एक गर्भवती महिला में कोविड-19 और इन्फ्लूएंजा का दोहरा संक्रमण पाया गया है। इस बीमारी का नाम ‘Florona’ रखा गया है। इससे ओमीक्रोन के बढ़ते मामलों के बीच वैज्ञानिकों की चिंता बढ़ गई है।
जानिए फ्लोरोना रोग क्या है?
अभी तक मिली जानकारी के मुताबिक फ्लोरा डेल्टा या ओमीक्रोन जैसा कोरोना का कोई नया स्ट्रेन नहीं है। Florona से पीड़ित मरीज पर कोरोना वायरस और इन्फ्लुएंजा वायरस दोनों एक साथ हमला करते हैं। यह संक्रमण को और खतरनाक बना सकता है। महामारी की शुरुआत के बाद से फ्लोर्ना का यह पहला मामला सामने आया है।
इजराइल में वैक्सीन लगाती डॉक्टर। ( फोटो- AP) |
फ्लोरोना हमारे लिए कितना खतरनाक है?
जहां कोरोना वायरस हमारे श्वसन तंत्र को संक्रमित करता है वहीं इन्फ्लूएंजा वायरस के संक्रमण से निमोनिया और मायोकार्डिटिस जैसी गंभीर बीमारियां होती हैं। ये भविष्य में मरीजों की जान भी ले सकते हैं।
इजराइल के स्वास्थ्य मंत्रालय और यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (सीडीसी) के मुताबिक, फ्लोरोना का संक्रमण तेजी से फैल सकता है। पिछले एक सप्ताह में इजराइल के अस्पतालों ने लगभग 1,849 इन्फ्लूएंजा रोगियों का इलाज किया है। ओमीक्रोन की लहर के चलते देश में कोरोना के मामले हर दिन दोगुने हो रहे हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, अगले तीन हफ्तों में इजराइल में ओमीक्रोन लहर अपने चरम पर पहुंच जाएगी।
फ्लोरोना के लक्षण क्या हैं?
अब तक के आंकड़ों के मुताबिक फ्लोरोना से पीड़ित व्यक्ति में एक साथ कई लक्षण देखे जा सकते हैं। इसमें निमोनिया, मायोकार्डिटिस और श्वसन संबंधी अन्य समस्याएं शामिल हैं। अगर सही समय पर इलाज न किया जाए तो ये समस्याएं जानलेवा साबित हो सकती हैं।
फ्लोरोना के खिलाफ प्रतिरक्षा की भूमिका
अल-वतन अखबार से बात करते हुए काहिरा यूनिवर्सिटी अस्पताल के डॉ. नहला अब्देल वहाबी ने बताया कि फ्लोरोना हर व्यक्ति को अलग तरह से संक्रमित कर सकता है। इसका कारण लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता है। उनके मुताबिक, कमजोर इम्युनिटी के कारण लोगों के दिल की मांसपेशियां फूल सकती हैं, क्योंकि दो गंभीर वायरस का एक साथ अटैक करना आम बात नहीं है। फ्लोरोना से हमें और क्या नुकसान हो सकता है, इस पर शोध किया जा रहा है।
फ्लोरोना पर इजराइल स्वास्थ्य मंत्रालय की राय
फिलहाल, इजरायल के स्वास्थ्य मंत्रालय ने सरकार से सिफारिश की है कि छह महीने से अधिक उम्र के व्यक्तियों को एक इन्फ्लूएंजा का टीका दिया जाना चाहिए जो कि कोरोना वैक्सीन की खुराक के साथ भी सुरक्षित हो। अधिकारियों की माने तो देश में फ्लोरोना के ऐसे और भी मामले हो सकते हैं, जिनकी पहचान अभी नहीं हो पाई है।
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