Why Porn Movies Are Called As Blue Films: दुनियाभर में पोर्न फिल्मों का बाजार तेजी से अपने पैर पसार रहा है। पाेर्न फिल्में जिनको दूसरी भाषा में ब्लू फिल्म भी कहा जाता है। आज हर आयु वर्ग में इस तरह की फिल्में देखने की होड़ सी मची है। कईयों को तो किशोरावस्था में ही जवानी में रिलीज होने वाले हार्मोन के बदलावों के बारे में जानने की ललक रहती है। यही कारण है कि पोर्न कंटेंट के चाहने वालों में बढ़ोतरी हो रही है।
एडल्ट कंटेंट पर बेस्ड इन फिल्में को खुले तौर पर देखने की भले ही मनाही हो‚ लेकिन फिर भी इस तरह के कंटेंट को सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है। ये ठीक उसी तरह है जैसे कई यूजर किसी सोशल मीडिया प्लेटफाफर्म पर वीडियो का थमनेल में लिख दें कि ये वीडियो सोच समझकर देखें तो फिर हर कोई उसे देखना चाहेगा।
या फिर अलग उदाहरण दें तो बैन होने के बावजूद पाॅर्न कंटेंट देखने वालों की तादाद में इजाफा होना ठीक उसी तरह है जैसे किसी देश या राज्य में शराब पर प्रतिबंधित हो जाए और फिर भी वहां शराब का पीने का चलन ज्यादा हो। खैर…बढ़ते हैं आगे..
वहीं, दुनिया में पोर्न फिल्मों का बिजनेस बहुत विशाल है और हर साल इस तरह की फिल्मों से अरबों रुपए की कमाई की जा रही है‚ लेकिन आपमें ये भी उत्सुकता होगी कि पहली बार इस तरह की फिल्म का निर्माण कैसे हुआ होगा। कैसे कोई फिल्म में काम करने को राजी हुआ होगा….ॽ और इस तरह (Why Porn Movies Are Called Blue Films ?) की फिल्म को ब्लू फिल्म का नामकरण क्यों किया गया….ॽ वगैरह- वगैरह। तो आइए आपको ब्लू फिल्म के इतिहास के झरोखे में ले चलते हैं।
तो ऐसे बनी थी पहली ब्लू फिल्म‚ पुसी कैट थिएटर में चलाए जाते थे एक दिन में 10 शो
एडल्ट कंटेंट से बनी फिल्म के वर्ल्ड की पहली पोर्न स्टार का नाम असली नाम लिंडा सुसान बोरमैन और वे पोर्न फिल्मों की दुनिया में लिंडा लवलेस के नाम से जानी गईं। वह ऐसी अभिनेत्री थीं जिन्होंने पहली बार ऐसी फिल्में (Blue Films) करने का साहस किया। कहा जाता है कि बात 1972 की है जब एक पोर्न फिल्म आई थी, उसका नाम था ‘डीप थ्रोट’। कहा जाता है कि यह पहली ही फिल्म सुपर-डुपर हिट रही थी। यह फिल्म यूएस में बनी थी। कहा जाता है कि यह फिल्म न्यूयॉर्क में इतनी अच्छी चली कि उस जमाने के ‘पुसी कैट थिएटर’ चेन में इसके 10-10 शो एक दिन में चलाए जाते थे।
वैसे भी पोर्न इंडस्ट्री हमेशा से समय की मांग रही है और शायद आगे भी रहेगी। हर ऐरा में इसमें नए स्टार आए और तेजी से लोकप्रीयता के बाद खो गए। इन्हीं में से एक थी पहली पोर्न स्टार लिंडा सुसान बोरमैन। जिनका फिल्मी नाम लिंडा लवलेस था।
उनके लाइव में कई उतार चढ़ाव आए। पुरुषों में वे जितनी फेमस रही। वहीं महिलाओं ने भी विपरीत लिंग के साथ उनकी लोकप्रियता के रहस्य को जानने की कोशिश की।
वैसे भी कोई भी व्यक्ति जिस क्षेत्र में भी सफल होता है, उसके पास हमेशा प्रशंसक और ईर्ष्यालु लोग होते हैं। आप पोर्न स्टार्स के साथ अलग तरह से व्यवहार कर सकते हैं, लेकिन उनकी अत्यधिक लोकप्रियता के तथ्य को नकार नहीं सकते।
पहली पोर्न स्टार लिंडा लवलेस बिल्कुल उस तरह की महिला थी जो लगभग किसी भी पुरुष को अपना दीवाना बनाने में सक्षम थीं। उनका जीवन उन सभी इमोशंस और सिचुएशंस से भरा था जो कि अमूमन आम लोग की विशेषता रहती है।
पहली फिल्म की कमाई
उस जमाने में इस पहली पोर्न फिल्म की कमाई बेहद चौंकाने वाली थी। कहा जाता है कि इस पहली पोर्न फिल्म ने 600 मिलियन डॉलर की कमाई की थी, जो आज के समय में 4 हजार करोड़ रुपए है। लेकिन इस फिल्म की एक्ट्रेस लिंडा लवलेस को इस फिल्म के लिए 1250 डॉलर मिले थे, यानी आज की डेट में महज 70 हजार रुपए‚ लेकिन वो 70 हजार की वैल्यू उस वक्त 70 लाख के समान थी।
अब जानिए आखिर क्यों कहते हैं पोर्न फिल्म को Blue Films
इन फिल्मों को ब्लू फिल्म (Blue Films) का नाम मिलेने के पीछे बेहद हैरान करने वाला कारण है। कहा जाता है कि इस नाम के पीछे सबसे पहला कारण यह है कि इन फिल्मों के पोस्टर नीले यानी आसमानी रंग के बैकग्राउंड से बनाए गए थे। ऐसे में सवाल यह भी उठता है कि नीले रंग का चयन ही क्यों किया गयाॽ
क्या नीला रंग बीमारियों को आसानी से अपनी ओर खींच लेता है
कहा जाता है कि नीला रंग बीमारियों को आसानी से अपनी ओर खींच लेता है, जिसके कारण एडल्ट फिल्मों में इस रंग का इस्तेमाल जाने लगा। वैसे तो विज्ञान के अनुसार सबसे अधिक ध्यान आकर्षित करने वाला रंग लाल हि होता है, लेकिन पोस्टर बनाने में नीले रंग का भी सबसे अधिक प्रयोग किया जाता है, यही कारण है कि इस रंग के साथ अन्य रंगों के प्रयोग की अधिकतम गुंजाइश कम रही।
ऐसे पोर्न फिल्मों को कहा जाने लगा ब्लू फिल्म
दरअसल ब्लू लॉ में इन फिल्मों के नामों को बेहद अलग तरीके से प्रस्तुत किया गया। इसके अनुसार करीब एक सदी पहले पश्चिमी देशों में ब्लू लॉ एक धार्मिक कानून था। यह चर्च द्वारा पेश किया गया था। जिसके मुताबिक रविवार को सभी तरह की विशेष गतिविधियों पर रोक लगा दी गई थी।
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कहा जाता है कि यह वह दौर था जब भारत पर अंग्रेजों का शासन था, इसलिए हमारे देश के प्रबुद्ध और शहरी वर्ग ब्लू लॉ और इसकी पाबंदियों से परिचित थे। ऐसे में जो लोग रविवार को फिल्म देखते थे उन्हें ब्लू कहा जाता था। माना जाता है कि ब्लू लॉ के खिलाफ होने के कारण इन्हें ब्लू फिल्म्स कहा जाता होगा। समय के साथ, ब्लू लॉ का अस्तित्व समाप्त हो गया, लेकिन पोर्न फिल्मों को दिया गया नाम अभी भी प्रचलन में है।
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