Sawan Somvar : इस दिन पार्थिव शिवलिंग पूजन से मिलेगा असीम पुण्य Read it later

Sawan Somvar : ये तो हम जानते ही हैं कि सावन को देवों के देव यानी महादेव का महीना माना जाता है। इस महीने में पार्थिव शिवलिंग (Parthiv Shivling Pujan) बनाकर महादेव की पूजा करने से विशेष पुण्य मिलता है। शिव पुराण में पार्थिव शिवलिंग पूजा के महत्व के बारे में बताया गया है।

ज्ञात हो कि कलयुग में कुष्मांडा ऋषि के पुत्र ने मंडन ने पार्थिव यानी मिट्टी के शिवलिंग (Parthiv Shivling Pujan) का पूजन की शुरुआत की थी।  शिव महापुराण में बताया गया है कि पार्थिव शिवलिंग की पूजा करने से धन, अन्न, बेहतर स्वास्थ्य और संतान की प्राप्ति होती है। इसी के साथ इस पूजन से मानसिक और शारीरिक दुखों से भी जातकों को मुक्‍ति मिल जाती है।

 

Table of Contents

पार्थिव शिवलिंग (Parthiv Shivling Pujan) की पूजा का महत्व क्या हैॽ

मान्यता है कि पार्थिव शिवलिंग पूजन से अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता। महादेव की आराधना के लिए पार्थिव शिवलिंग (Parthiv Shivling Pujan) पूजन हर कोई जातक कर सकता है। फिर चाहे वो महिला हो या पुरुष। हम सभी इस बात से परिचित हैं कि भगवान शिव जल्द कल्याण करने वाले महादेव हैं।

ऐसी मान्यता है कि जो पार्थिव शिवलिंग बनाकर इनका विधिपूर्वक पूजन करता है, वो दस हजार कल्प तक स्वर्ग निवासी बन जाता है। शिव पुराण में उल्लेख है कि पार्थिव पूजन जातक के सभी कष्टों को दूर कर सभी मनोकामनाएं पूरी करती है। यदि प्रतिदिन पार्थिव पूजन जातक करें तो इस लोक के साथ परलोक में भी अखंड शिव भक्ति का फल मिलता है।

 

Parthiv Shivling Pujan
फोटोः सोशल मीडिया।

 

इस तरह करें पार्थिव शिवलिंग पूजन

पूजा से पहले पार्थिव लिंग खुद अपने हाथों से बनाना चाहिए। इसके लिए मिट्टी, गोबर, गुड़, मक्खन और भस्म का शोधन कर शिवलिंग बनाएं। शिवलिंग बनाते समय इस बात का जरूर ध्यान रहे कि ये शिवलिंग 12 अंगुल से ज्यादा ऊंचाई लिए न हो। ऐसी मान्यता है कि इससे ऊंचा होने से पूजा का पुण्य अक्षुण्ण रहता है।  मनोकामना पूर्ति के लिए शिवलिंग पर प्रसाद चढ़ाए। लेकिन ये ध्यान रखें कि पार्थिव शिवलिंग को स्पर्श करने वाला प्रसाद ग्रहण नहीं करना चाहिए।

 

पार्थिव शिवलिंग के लिए ये मिट्टी होती है पवित्र

पार्थिव की पूजा करने से पहले पार्थिव शिवलिंग (Parthiv Shivling Pujan) बनाएं। इसे बनाने के लिए किसी पवित्र नदी या तालाब से मिट्टी लेकर आएं। फिर इस मिट्टी को फूल चंदन आदि से शुद्ध करें। इसके बाद मिट्टी में दूध मिलाकर इसका शुद्धिकरण करें। फिर शिव मंत्र का जप करते हुए उस मिट्टी से शिवलिंग बनाने की प्रक्रिया शुरू करें। पूरब या उत्तर दिशा की ओर मुख कर शिवलिंग का निर्माण करें।

 

Parthiv Shivling Pujan
फोटोः सोशल मीडिया।

 

शिवलिंग बनाने इन देवताओं का पूजन व स्मरण करें

शिवलिंग बनाने की शुरुआत में गणेश जी का पूजन करें। वहीं बनाने के बाद गणेशजी‚ भगवान विष्णु, नवग्रह और माता पार्वती आदि का आह्वान करें। इसके बाद विधिवत तरीके से षोडशोपचार करें। पार्थिव शिवलिंग बनाने के बाद, उन्हें सर्वोच्च ब्रह्म मानकर उसकी पूजा और ध्यान करें। पार्थिव शिवलिंग से संपूर्ण मनोकामनाएं पूरी होती हैं।  परिवार सहित पार्थिव शिवलिंग बनाकर शास्त्र विधि से इनकी पूजा करने से परिवार सुखी रहता है।

 

रोग से पीड़ित जातकों को महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए

पार्थिव शिवलिंग के समक्ष खासकर रोग से पीड़ित जातकों को महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए। वहीं दुर्गा सप्तशती के मंत्रों का भी जाप किया जा सकता है। पार्थिव की विधिपूर्वक पूजा करने के पश्चात जातक श्रीराम कथा का पाठ सुनाकर भी पार्थिव शिवलिंग में विराजे महादेव को प्रसन्न कर सकते हैं।

 

 

 

Disclaimer: खबर में दी गई जानकारी मान्यताओं पर आधारित है। थम्सअप भारत किसी भी तरह की मान्यता की जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। पाठकों को सलाह दी जाती है कि किसी भी धार्मिक कर्मकांड को करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से परामर्श जरूर लें।

 

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