राजस्थान (Rajasthan) के सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट (Sachin Pilot) को गद्दार कहकर खुद ही अपनों में घिरते दिख रहे हैं। वजह ये कि उनके बयान के बाद अब कांग्रेसी नेताओं ने ही गहलोत पर सवाल उठाना और उन्हें मर्यादा में रहने की सलाह देना शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में अखिल भारतीय कांग्रेस की शीर्ष संचालन समिति के सदस्य हरीश चौधरी (Harish Chaudhary) ने शुक्रवार को गहलोत के बयान के बाद डिप्लोमेटिक अंदाज में प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि कोई भी इंसान चाहे किसी भी पद पर हो, उसे शब्दों की मर्यादा बनाए रखनी चाहिए। चौधरी ने पत्रकारों से कहा कि अगर हम पॉलिटिकल लीडर ही शब्दों की मर्यादा नहीं रखेंगे तो राजस्थान का क्या होगा? जबकि आज दुनिया में हम सिर्फ शब्दों की वजह से ही पहचाने जाते हैं।
चौधरी का गहलोत पर कंटाक्ष
बता दें कि हाल ही में एक इंटरव्यू में गहलोत ने पायलट को गद्दार करार देते हुए कहा था कि उन्होंने 2020 में पार्टी के खिलाफ बगावत कर डाली थी। उन्होंने राज्य सरकार को गिराने का प्रयास किया‚ ऐसे में उन्हें मुख्यमंत्री के पद पर नहीं बिठाया जा सकता। ऐसे में अब हरीश चौधरी ने गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा कि मुझे खेद है। मेरे पास इतना अनुभव नहीं है। मैं तीन बार का मुख्यमंत्री नहीं हूं, तीन बार का कैबिनेट मंत्री नहीं हूं, वहीं तीन बार का प्रदेश अध्यक्ष भी नहीं हूं। आप जज करें तो मेरा अनुभव इतना नहीं है जितना गहलोत का ह , फिर भी मैं कहूंगा कि सभी को शब्दों की मर्यादा का ध्यान रखना चाहिए।
हरीश बोले – मेरे पास इस तरह की भाषा नहीं
बायतू से विधायक हरीश चौधरी बोले कि गहलोत हमारे संरक्षक हैं‚ वे 102 विधायकों के लीडर हैं। गुरु को कोई सलाह नहीं देनी चाहिए। संरक्षक से तो परामर्श लिया जाता है। इसके बावजूद मुझे अपने परिवार के अभिभावक से शब्दों का अच्छी तरह से उपयोग करने का अनुरोध करना है, क्योंकि यह राजस्थान है। चौधरी ने कहा कि उन्होंने कभी भी भ्रम, भ्रम, संघर्ष या टकराव में भी कमजोर शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया। जब चौधरी से पूछा गया कि क्या वाकई पायलट गद्दार हैं तो उन्होंने कहा कि माफ करें मेरी इस तरह की भाषा या शब्दावली नहीं है।
राजेंद्र गुढ़ा बोले प्रदेश के 80 प्रतिशत विधायक सचिन पायलट के साथ
वहीं, राज्य सरकार में मंत्री और पायलट खेमे के नेता माने जाने वाले राजेंद्र गुढ़ा ने भी इस पर अपनी राय रखी है। उन्होंने कहा कि 80 फीसदी विधायक सचिन पायलट के साथ हैं। गूढ़ा ने कहा कि यदि 80 फीसदी विधायक पायलट के साथ नहीं गए तो हम अपना दावा वापस ले लेंगे। गुढ़ा ने कहा कि लोग उन्हें बेकार और गद्दार कह सकते हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि राज्य में पायलट जैसा कोई नेता नहीं है।
भाजपा का हमला- कांग्रेस के आंतरिक कलह से राजस्थान की जनता का हुआ नुकसान
बता दें कि प्रदेश से लेकर राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस के बीच यह खींचतान ऐसे समय में पैदा हुई है जब पार्टी अगले विधानसभा चुनाव में सत्ता में वापसी का रास्ता खोज रही है। इस बीच विपक्षी भाजपा सत्ताधारी दल में खींचतान का फायदा लेने की कोशिश कर रही है। भाजपा का कहना है कि आंतरिक लड़ाई के कारण कांग्रेस राजस्थान की समस्याओं पर ध्यान नहीं दे रही है। इससे राजस्थान की जनता का नुकसान हुआ है।
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