Rajasthan Political Crisis: राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gahlot) और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट (SachinPilot) के बीच जारी राजनीतिक खींचतान के बीच यूडीएच मंत्री शांति कुमार धारीवाल के आवास पर रविवर देर रात हुई गहलोत गुट के विधायकों की मीटिंग का एक वीडियो वायरल हो रहा है। मीटिंग के वीडियो में मंत्री शांतिकुमार धारीवाल कह रहे हैं कि ऐसा क्या हो गया जो कांग्रेस हाईकमान अशोक गहलोत के इस्तीफे की मांग करने की तैयारी में है।
ये ये पूरी साजिश है, जिस साजिश से हमनें पंजाब खोया उसी साजिश से हम राजस्थान खाेने जा रहे हैं। , यदि आप लोग (विधायक) इसे समझेंगे, तो राजस्थान बच सकता है। नहीं तो राजस्थान भी हाथ से निकल जाएगा। मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि हाईकमान इसे स्वीकार नहीं करेगा। मंच पर धारीवाल के बगल वाली कुर्सी पर मंत्री डॉ बीडी कल्ला और डॉ महेश जोशी बैठे दिख रहे हैं।
बस में देर रात गहलोत गुट के विधायक। – फोटो : ANI |
आलाकमान हमें बताए कि आखिर गहलोत के पास कौनसे दो पद हैं?
धारीवाल ने कहा कि सब कुछ इस तरह से कहा जा रहा है कि सीएम आशोक गहलोत के दो-दो पद हैं। आज क्या हाईकमान में बैठा कोई भी व्यक्ति बता सकता है कि अशोक गहलोत के पास आखिर कौन से दो पद हैं, जिसके बिनाह पर आप उनके इस्तिफे की मांग कर रहे हो। अशोक गहलाेत के पास मुख्यमंत्री का एक पद है। जब दूसरी पोस्ट मिलेगी तो आवाज उठाई जा सकती है।
हम चाहते हैं कि अशोक गहलोत ही सीएम पद पर बने रहें‚ नहीं तो राजस्थान की योजनाओं का सही लाभ भी जनता को नहीं मिल पाएगा
धारीवाल ने कहा कि राजस्थान जो व्यक्ति 10 रुपए की राशि भी अपने इलाज पर खर्च नहीं कर सकता था उसे सरकार ने 10 लाख रुपये का बीमा दिया। योजना के तहत वे प्राइवेट अस्पताल में भी इलाज करा सकता है। धारीवाल के साथ कुर्सी पर बैठे बीडी कल्ला भी बोले कि सरकार ने फ्री इलाज की सुविधा मुहैया कराई।
Shanti Dhariwal says that due to a “conspiracy” (to appoint Pilot as CM), there can be a repeat of Punjab in Rajasthan. Is angry that Gehlot doesn’t even hold two posts as of now, so why is the high command seeking his resignation. pic.twitter.com/BHlX7IDd3G
— Hamza Khan (@Hamzwa) September 26, 2022
धारीवाल ने कहा- इतनी बड़ी योजनाओं का श्रेय यदि किसी व्यक्ति को मिल सकता है तो मात्र अशोक अशोक गहलोत को ही मिल सकता है। यदि सीएम कुर्सी से अशोक गहलोत को हटा कर किसी ओर को बैठा दिया गया तो जो भी आएगा योजना का फायदा सही ढंग से जनता तक नहीं पहुंच पाएगा और इसका नुकसान कांग्रेस को होगा। इसलिए हम चाहते हैं कि यह किसी भी तरह हो, लेकिन अशोक गहलोत यहां बने रहें।
क्या है राजस्थान का पूरा पॉलिटिकल ड्रामा
दरअसल रविवार शाम को 7 बजे सीएम के घर कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई गई‚ लेकिन गहलोत खेमे के विधायक शाम साढ़े चार बजे से यूडीएच मंत्री शांति कुमार धारीवाल के आवास पर जमा हो गए। शासन के मुख्य सचेतक डॉ. महेश जोशी और उप मुख्य सचेतक महेंद्र चौधरी खुद ही फोन कर विधायकों को धारीवाल के आवास पर पहुंचने की बात कह रहे थे। गहलोत गुट के मंत्री विधायक रात तक धारीवाल के आवास पर ही रहे। मंत्री-विधायकगण विधायक दल की बैठक में भी शामिल होने सीएम आवास पर नहीं पहुंचे।
विधायक दल की बैठक में राष्ट्रीय महासचिव आजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे को कांग्रेस हाइकमान ने गहलोत के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने पर राजस्थान के सीएम का चेहरा तय करने के लिए और विधायकों से विचार-विमर्श करने के लिए जयपुर भेजा है। वहीं इधर पायलट कैंप के विधायक दल की बैठक में शामिल होने के लिए सीएमआर पर जमा हो गए थे। इस दौरान बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी मौजूद थे।
Delhi: Mallikarjun Kharge, Ajay Maken to submit report to Sonia Gandhi on Rajasthan political crisis
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— ANI Digital (@ani_digital) September 26, 2022
अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे की रिपोर्ट पर कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने दिल्ली से सीएम गहलोत और सचिन पायलट से काॅल कर हालात जानें। राजस्थान के वर्तमान राजनीति को लेकर उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी इस संबंध में काफी चिंता में हैं।
गहलोत ने विधायकों को लेकर कहा…. ये मेरे बसकी नहीं
इधर अंदर खाने से खबर है कि गहलोत और पायलट को दिल्ली पहुंचकर सोनिया गांधी से मिलने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं गहलोत गुट के विधायकों से धारीवाल के आवास पर अलग से मिलने और स्पीकर सीपी जोशी के निवास पहुंचकर सामूहिक इस्तीफा देने की घटना पर गहलोत ने वेणुगोपाल से कहा कि ये मेरे हाथ में नहीं है‚ ये विधायकों का अपना निर्णय है। ये वो 102 विधायकगण है जिन्होंने राजस्थान के राजनीतिक संकट के दौरान सरकार को गिरने से बचाया था। उन विधायकों का निर्णय है कि सीएम का चुनाव उन्हीं में से हो।
#WATCH चिट्ठी के विषय में मुझे कोई जानकारी नहीं है मैं वहां देर से पहुंची थी। मैंने चिट्ठी नहीं पढ़ी थी, मैंने इस्तीफा नहीं दिया, आलाकमान जो फैसला करेंगे हम उसके साथ हैं। पर्यवेक्षक से हमारी मिलने की बात थी लेकिन हम नहीं जा सके: गंगा देवी, कांग्रेस MLA#RajasthanPoliticalCrisis pic.twitter.com/3aWr88pRHl
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 26, 2022
धारीवाल सहित गहलोत गुट ने 3 कंडिशन आलाकमान से की हैं ‚ जानिए क्या हैं वो शर्तें
गहलोत गुट के प्रतिनिधित्व करते हुए देर रात मंत्री शांति धारीवाल, प्रताप सिंह खाचरियावास, डॉ. महेश जोशी और निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा अध्यक्ष सीपी जोशी के आवास से सीएमआर गए और यहां उन्होंने अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे के सामने 3 शर्तें रखी हैं।
पहली कंडिशन- मुख्मंत्री बदलने का प्रस्ताव पारित कराने का निर्णय 19 अक्टूबर के बाद लिया जाए। माकन ने कहा- यदि गहलोत प्रस्ताव पेश करते हैं कि सब कुछ कांग्रेस अध्यक्ष पर छोड़ दिया गया है, तो गहलोत खुद ही बन जाएंगे 19 अक्टूबर के बाद कांग्रेस अध्यक्ष….। तो आप अपने रिजॉल्यूशन पर खुद को ही सशक्त बना रहे हैं…। ऐसे में इससे बड़ा हितों का टकराव तो ही नहीं सकता….। लेकिन प्रतिनिधियों ने कहा- नहीं, आपको इसे सार्वजनिक तौर पर कहना होगा और इसे प्रस्ताव का हिस्सा बनाना होगा कि प्रस्ताव आज पारित होना चाहिए, लेकिन 19 अक्टूबर के बाद ही लागू किया जाएगा।
दूसरी कंडिशन – गहलोत गुट के विधायकों के प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि हम सब विधायक समूहों में आकर आपसे बात करेंगे और यह बात आपको सार्वजनिक तौर पर भी कहनी होगी। पर्यवेक्षकों ने कहा कि कांग्रेस में यह परंपरा रही है कि हम एक-दूसरे से बात करते हैं ताकि विधायक जो भी कहना चाहें, बिना दबाव के खुलकर बोल सकें। लेकिन प्रतिनिधिमंडल ने इसे अस्वीकार कर दिया। गहलोत गुट और पायलट गुट को अलग- अलग ग्रुप में राजनीतिक परामर्श करने के लिए कहा गया था।
तीसरी कंडिशन- सरकार बचाने में जिन 102 विधायकों ने भूमिका निभाई उन्हीं में से सीएम बनाया जाए।
क्या कमलनाथ बनेंगे राजस्थान कांग्रेस के खेवनहार
राजस्थान कांग्रेस में उठापटक के बीच एमपी के पूर्व सीएम कमलनाथ (Kamalnath) को कांग्रेस आलाकमान की तरफ से दिल्ली (Delhi) बुलाया गया है। जिसके बाद से पॉलिटिकल लॉबी में कायासों का बाजार एक बार फिर उबाल पर है। आइए आपको बताते हैं आज पूरे दिनभर में इस घटनाक्रम की पूरी अपडेट्स।
कांग्रेस नेतृत्व के आह्वान पर वरिष्ठ नेता कमलनाथ दिल्ली पहुंच गए हैं और वह आज सोनिया गांधी से मुलाकात कर सकते हैं। मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ को सोनिया गांधी ने उस वक्त याद किया है जब पार्टी की राजस्थान युनिट में संकट खड़ा मंडरा रहा है। कयास लगाए जा रहे हैं कि कमलनाथ के गहलोत से बेहतर संबंध हैं और उन्हें संकट के समाधान की जिम्मेदारी देने पर विचार किया जा सकता है।
माकन व खड़गे ने सोनिया गांधी से मुलाकात कर राजस्थान के मौजूदा हालात बताए
कांग्रेस की राजस्थान इकाई में चल रहे राजनीतिक संकट के बीच पार्टी पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन दोनों ने सोमवार को यहां पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात कर राजस्थान के मौजूदा हालात बताए। दोनों जयपुर से दिल्ली पहुंचे और 10 जनपथ पहुंचकर सोनिया से मुलाकात की। कयास लगाए जा रहे हैं कि दोनों पर्यवेक्षकों ने सोनिया गांधी को अपनी रिपोर्ट दे दी है। बैठक में कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल भी रहे।
Delhi | AICC observers Ajay Maken & Mallikarjun Kharge arrive at the residence of Congress interim president Sonia Gandhi. They will further give the report to her pertaining to #RajasthanCongressCrisis pic.twitter.com/ftN8HUCr8o
— ANI (@ANI) September 26, 2022
राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी अजय माकन ने दिल्ली लौटने से पहले कांग्रेस विधायकों के विधायक दल की बैठक में नहीं आने को अनुशासनहीनता घोषित किया था। माकन ने कहा कि हम ये देखेंगे कि इस पर क्या उचित कार्रवाई होगी।
दिल्ली लौटने से पहले मल्लिकार्जुन खड़गे जयपुर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात के बाद बोले कि जो हुआ उससे हमने कांग्रेस अध्यक्ष सोनियाजी को अवगत करा दिया है। अब जो भी फैसला होगा वो सभी को स्वीकार करना ही होगा। पार्टी में अनुशासन जरूरी है।
राजस्थान में राजनीतिक संकट के बीच सीएम अशोक गहलोत ने पर्यवेक्षक अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे से भेंट की। इस बातचीत पर राजस्थान के नेताओं की निगाहें टिकी हैं।
इस पूरे हालात के बीच अंदरखाने से ये भी सूचना आ रही है कि सीएम अशोक गहलोत के अलग तरह के व्यवहार से कांग्रेस आलाकमान भी नाराज है। पार्टी सूत्रों की मानें तो राजस्थान में सब कुछ अशोक गहलोत से पूछकर आगे एक्शन लिया गया‚ लेकिन जिस तरह से कांग्रेस हाइकमान के फैसले को दरकिनार किया गया‚ वो कतई सहीं नहीं है।
राजस्थान में सीएम के नाम पर राजनीतिक उठापटक के बीच जोधपुर में कई जगह सचिन पायलट के पोस्टर लगाए गए हैं। इन पोस्टरों में लिखा है- ‘सत्यमेव जयते, नए युग की तैयारी।
अजय माकन ने कहा कि कांग्रेस विधायक दल की बैठक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अनुमति से ही तय की गई थी। उन्होंने कहा कि हम जयपुर विधायकों की आमने-सामने की बात सुनने आए थे। कोई बात हो तो उन्हें बतानी चाहिए।
अजय माकन ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि विधायकों ने तीन शर्तें रखी हैं, लेकिन हमने कहा कि शर्तों के साथ प्रस्ताव पारित नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि विधायकों ने इस पर चर्चा करने से भी इनकार कर दिया, जिसके बाद अब हमने सोनियाजी को पूरे हालात से अवगत करा दिया है।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी राजस्थान की कांग्रेस इकाई के संकट पर नजर बनाए हुए हैं। राहुल गांधी ने ही केसी वेणुगोपाल को दिल्ली भेजा हुआ है।
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