Sharad Yadav Passed Away: जदयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव का गुरुवार रात निधन हो गया है। शरद यादव की बेटी शुभाशिनी यादव ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी। शुभाशिनी ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘पापा नहीं रहे’। वह 75 वर्ष के थे। शरद यादव की तबीयत काफी दिनों से खराब चल रही थी। गुरुवार देर शाम तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें दिल्ली के फोर्टिस अस्पताल में भर्ती कराया गया था। रात 9 बजे उनका निधन हो गया।
शरद यादव उन नेताओं में शामिल थे जिनका लालू प्रसाद और नीतीश कुमार दोनों के साथ गठजोड़ रहा। लेकिन नीतीश कुमार से तलखियों के चलते शरद यादव अलग-थलग पड़ गए। गंभीर रूप से बीमार रहने व बढ़ती उम्र के कारण उनकी राजनीतिक गतिविधियां भी काफी कम हो गई थीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव, नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा समेत कई नेताओं ने शरद यादव के निधन पर दुख जताया है।
#Sharadyadav condolences on @TheNewIndian_in
Sharad ji’s demise is a setback for the movement that challenged many top parties — Samajwadi party chief @yadavakhilesh
Follow my team @Anand_Journ @AlokReporter @amitrawat31120 @urvashikhona @Sumit_Shoots pic.twitter.com/rUVHXMUEep
— Rohan Dua (@rohanduaT02) January 13, 2023
https://twitter.com/ANI/status/1613883430940573696
वाजपेयी सरकार में केंद्रीय मंत्री के पर पर रहे
शरद यादव ने 1999 और 2004 के बीच अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में विभिन्न विभागों में मंत्री के रूप में कार्य किया था। 2003 में, शरद यादव जनता दल यूनाइटेड (JDU) के अध्यक्ष बने। वे एनडीए के संयोजक भी रहे। साल 2018 में जदयू से अलग होकर डेमोक्रेटिक जनता दल (एलजेडी) का गठन किया गया था। पिछले साल उन्होंने अपनी पार्टी के राजद में विलय का ऐलान किया था।
पीएम मोदी ने दुख जताया
शरद यादव के निधन से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गहरा दुख हुआ है। उन्होंने ट्वीट किया कि अपने लंबे सार्वजनिक जीवन में उन्होंने एक सांसद और मंत्री के रूप में अपनी अलग पहचान बनाई। वे डॉ. लोहिया के आदर्शों से काफी प्रभावित थे। मैं हमेशा हमारी बातचीत को संजो कर रखूंगा। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदनाएं। शांति।
बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा- मंडल मसीहा, राजद के वरिष्ठ नेता, महान समाजवादी नेता, मेरे अभिभावक आदरणीय शरद यादव जी के असामयिक निधन के समाचार से दुखी हूं। मैं कुछ भी नहीं कह पा रहा हूं।
Delhi| He was the person who went to every village and made everyone come together. He stood with people who had nothing. We have lost a great leader: Akhilesh Yadav, Samajwadi party chief on former Union Minister Sharad Yadav’s demise, at his residence pic.twitter.com/hMmxUf0Pv8
— ANI (@ANI) January 13, 2023
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, ‘हमने एक महान नेता खो दिया’
समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने कहा कि शरद यादव गांव-गांव गए और सबको साथ लिया। वह ऐसे लोगों के साथ खड़े थे जिनके पास कुछ नहीं था। “हमने एक महान नेता खो दिया है।”
जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव ने कहा कि देश के दिग्गज राजनेता, समाजवाद और सामाजिक न्याय के योद्धा शरद यादव के निधन का समाचार सुनकर दुख हुआ है। शरद यादव के निधन से एक युग का अंत हो गया। सामाजिक न्याय के अग्रदूत के रूप में हमेशा याद किए जाएंगे।
मध्य प्रदेश के पैतृक गांव में होगा अंतिम संस्कार
शरद यादव के दामाद राज कमल राव ने बताया कि यादवजी को कार्डियक अरेस्ट आया था, हम उन्हें अस्पताल ले गए और पहुंचने के बाद डॉक्टरों ने उन्हें डेड डिक्लियर कर दिया। उन्हें किडनी की समस्या थी और वे डायलिसिस पर थे। उनके पार्थिव शरीर को मध्य प्रदेश में उनके पैतृक गांव ले जाया जाएगा‚ वहीं पर अंतिम संस्कार की प्रक्रिया होगी।
एमपी के किसान के घर जन्मे‚ बिहार व यूपी की राजनीति में मुकाम हासिल किया
यादव का जन्म 1 जुलाई 1947 को एमपी के होशंगाबाद स्थित बंदई गांव में एक किसान परिवार में हुआ था। किसान के घर में जन्में शरद पढ़ने-लिखने में बहुत तेज तर्रार थे। छात्र राजनीति से राष्ट्रीय राजनीति में अपनी पहचान बनाने वाले शरद यादव ने बिहार की राजनीति में बड़ी सफलता हासिल की थी। शरद यादव ने मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश और फिर बिहार में अपना राजनीतिक लोहा मनवाया था। वे बिहार की मधेपुरा सीट से कई बार सांसद रहे।
कई सरकारों में मंत्री रहे
डॉ. राम मनोहर लोहिया के विचारों से काफी प्रभावित रहे। लोहिया की आइडियोलॉजी और इंस्पीरेशन से शरद यादव ने कई आंदोलनों में हिस्सा लिया। वे MISA के दौरान 1969-70, 1972 और 1975 में जेल भी गए। शरद यादव ने सक्रिय राजनीति में वर्ष 1974 में पदार्पण किया। पहली बार जबलपुर लोकसभा सीट से संसद पहुंचे। वे यूपी, एमपी और बिहार से चुनकर कुल सात बार लोकसभा सीट पर विराजित हुए। उनके राजनीतिक कद का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि वे केंद्र की कई सरकारों में मंंत्री पद पर रहे।
ये भी पढ़ें
PK का नीतिश पर 2024 की तैयारी पर करारा तंजः दो चार नेताओं से मिल चाय पी ले ने से सत्ता परिवर्तन नहीं होते
Nitish Kumar Biography : बिहार की राजनीति के धुरंधर नीतीश कुमार शह और मात की टाइमिंग बेहतर जानते हैं‚ खास रहा है उनका राजनीतिक सफर
Like and Follow us on :
Google News |Telegram | Facebook | Instagram | Twitter | Pinterest | Linkedin