Anu Aggarwal Biography: साल 1990 में आई फिल्म आशिकी ने बॉक्स ऑफिस के सभी रिकॉर्ड तोड़े और बॉलीवुड को एक नई अदाकारा मिली अनु अग्रवाल। यह दूसरी बार था जब बॉलीवुड में साधारण सी दिखने वाली और सांवले रंग की दिखने वाली अनु ने लोगाें को अपना चहेता बना दिया था। इससे पहले इसी कदकाठी की बॉलीवुड में स्मिता पाटिल अपना प्रभाव छोड़ चुकि हैं‚ जिनकी अदाकारी को लोग आज भी याद करते हैं। बहरहाल उस 90 के दशक में हिट रही। यही कारण रहा कि बड़े- बड़े फिल्म बैनर उनके घर के बाहर लाइन लगा कर खड़े रहते थे। वे फिल्मी कॅरियर अच्छा चल रहा था‚ वे सफलता के रास्ते पर ही थीं‚ तभी एक हादसे ने अनु की लाइफ बदल दी। अनु का रोड एक्सीडेंट इतना भीषण था कि वे डेढ़ महीने तक कोमा में रहीं। चेहरा खराब हो चुका था और याददाश्त जा चुकी थी, तीन साल बाद अनु ने खुद की हैल्थ पर काम किया और उनकी याददाश्त वापस आईं।

अनु को इस हादसे के बाद पूरी तरह सामान्य जिंदगी में लौटने में चार साल का वक्त लग गया। जब याददाश्त लौटी तो उनका फिल्मी कॅरियर लगभग खत्म हो चुका था। चेहरा इतना बिगड़ा फिल्मों में वापसी असंभव सी हो गई। ये वो वक्त था जब कोई भी इंसान इस हालत में डिप्रेशन में आकर अपनी जिंदगी खत्म कर लेता, लेकिन अनु ने अपने आत्मविश्वास को खोने नहीं दिया। उन्होंने योग का सहारा लिया। अपनी हैल्थ को ठीक किया। फिर खुद का योग फाउंडेशन शुरू कर अब तक जरूरतमंदों को योग सिखा रही हैं। अब तक अनु ढाई लाख से ज्यादा लोगों को योग सिखा चुकी हैं।
अपने मुफलिसी के दिन और उस भयानक हादसे से उबरने के बाद अब अनु सामान्य जिंदगी मैं लौट चुकी हैं। अब फिल्मों और ओटीटी में फिर से अपना अभिनय कॅरियर शुरू करने के बारे सोच रही हैं। अनु अग्रवाल का आज अपना 54वां जन्मदिन मना रही हैं। इस खास मौके पर अनु ने अपनी दुर्घटना व उससे उबरने और योग से जीवन बदलने के अनुभव के बारे में बाताया।
पढ़े अनु अग्रवाल की कहानी उन्हीं की जुबानी…
यह मेरा दूसरा जन्म है… (Anu Aggarwal Biography)
लाइफ बदलने के बाद मेरे दो जन्मदिन हैं, पहला 11 जनवरी इसी दिन में दुनिया में आई। और दूसरा जो 2 अक्टूबर क्योंकि मैं 2 अक्टूबर के ही दिन मौत का मात देकर जीवन में लौटी। 2 अक्टूबर के दिन मेरा इतना भयानक एक्सीडेंट हुआ कि डॉक्टर कह चुके थे कि मैं अब नहीं बच पाऊंगी। करीब डेढ़ महीने तक कोमा में रही।

जब डॉक्टर बोले… मैं 2-3 साल ही जीवित रहूंगी
जब मुझे अस्पताल से छुट्टी मिली तो डॉक्टर ने मेरे माता-पिता से कहा कि मैं केवल 2-3 साल ही जीवित रहूंगा। क्योंकि मैं ऐसी अवस्था में था कि उठ भी नहीं पाता था और इस अवस्था में जाने के बाद इंसान करीब 3 साल तक ही जिंदा रहता है। मेरी हालत ऐसी थी कि मेरा दिमाग और शरीर ठीक से काम नहीं कर पा रहा था। मैं सब कुछ भूल गई थी‚ बाद में सब कुछ शुरू से सीखना पड़ा। बाद में मैंने अपनी सेहत पर काम किया और मैं पूरी तरह से ठीक हो गई‚ इसलिए मैं हादसे के बाद के जीवन को दूसरा जन्म ही मानती हूं। कहता हूं।
1997 में योग विद्यालय गईं तो स्वामीजी ने कहा था‚ तुम सन्यास ले लो…
मैं 1997 में योग विद्यालय से जुड़ी तो वहां के स्वामीजी ने मुझसे कहा था कि तुम संन्यास ले लो। मैंने उससे पूछा भी था कि आप ऐसा करने को क्यों कह रहे हैं? क्यों मैं उस समय एक फिल्म स्टार थी। मैंने सोचा कि शायद वे मुझे ठीक से जानते नहीं है या उन्होंन मेरे बारे में मीडिया में नहीं पढ़ा है। मैं नहीं जानती थी कि वे मेरा भविष्य पहले ही बता चुके थे। हादसे के बाद मैंने इंडस्ट्री से रिटायरमेंट ले लिया।
योगा फाउंडेशन से ढाई लाख लोगों को सिखाए योग के गुर
हादसे से उबरने के बाद मैंने तय किया कि मैं अब हरेक जरूरतमंद को योग सिखाऊंगी। इस जीवन की दर्दनाक जर्नी के बाद मैंने योगा फाउंडेशन की शुरुआत की। मैंने इसे 8 साल पहले ही शुरू किया था। इसके बाद मैंने सोचा कि आखिर इस फाउंडेशन से किसे जोड़ू। तब मैंने उन लोगों को जोड़ा जो कमजोर थे, जो गरीबी से दो चार हो रहे थे और डिप्रेशन में भी थे। अब तक मैं ढाई लाख लोगों को योग सिखा चुकी हूं। फाउंडेशन से ज्यादातर बच्चे और महिलाएं जुड़ी हुई हैं।
पहले खुद को तैयार कर योग के गुर सीखे और लाइफ को स्ट्रॉन्ग बनाया
फाउंडेशन शुरू करने से पहले मैंने खुद के जीवन पर काम किया। हादसे के बाद खुद को पूरी तरह ठीक कर लिया। अपने डेली रुटीन का एक चार्ट बनाया, फिर उसी हिसाब से खुद को उस लाइफस्टाइल में ढाला और ठीक हो गई। इसके बाद मैंने अनु अग्रवाल फाउंडेशन शुरू किया। सबसे पहले मैंने झुग्गी झाेंपड़ियों में रहने वाले बच्चों और महिलाओं फाउंडेशन से जोड़ा।
आशिकी फिल्म काफी हद तक मेरी लाइफ स्टोरी (Anu Aggarwal Biography)
फिल्म आशिकी में मेरा नाम अनु ही था और फिल्म के किरदार का नाम निर्देशक महेश भट्ट ने खुद अनु ही रख दिया था। शायद इसलिए कि मेरी जिंदगी कुछ हद तक फिल्म की कहानी से मिलती-जुलती थी। फिल्म के किरदार अनु की तरह मैं भी एक सेल्फ मेड स्टार ही हूं। असल जिंदगी में भी मेरा बॉयफ्रेंड एक संगीतकार था।
आशिकी के बाद घर के बाहर डायरेक्टर प्रोड्यूसर्स की लाइन लग जाती थी
फिल्म आशिकी के बाद कई निर्देशक मुझे अपनी फिल्मों में काम करने के लिए अप्रोच कर रहे थे। वो लोग पैसे लेकर आते थे और कहा करते थे कि फिल्म साइन कर लो, स्क्रिप्ट तो बाद में भी लिख लेंगे‚ लेकिन मैं उन लोगों से कहती थी कि पहले स्क्रिप्ट लिखें, फिर स्क्रिप्ट के आधार पर मैं तय करूंगा कि फिल्म करनी है या नहीं।
लोग ज्यादा आते थे तो मकान मालिक मकान खाली करने को कहता था
जहां मैं रहत थी वहां कई लोग फिल्मों के ऑफर लेकर आते थे। सैकड़ों प्रोड्यूसर आते रहते थे, मीडिया सुबह से घर के आस पास रहता था। रोज लोगों की संख्या इतनी होती थी कि घर का मकान मालिक मुझे मकान खाली करने के लिए कह देता था।
मेरा मन अब आध्यात्मिकता में अधिक
मैं अब सामान्य लोगों की तरह वापसी के बारे में नहीं सोच सकता। कारण यह है कि मेरा मन अब अध्यात्म में अधिक रहता है। हालांकि मेरा काम अभी एक्टिंग और मॉडलिंग ही है। मैं अपनी संतुष्टि के लिए लोगों को योग सिखाता हूं, मुझे इससे कमाई नहीं करनी है।
अब फिल्मों के ऑफर आ रहे हैं
अब मुझे फिल्मों के ऑफर मिल रहे हैं। मैं ढूंढ रहा हूं कि मुझे कौन सी फिल्म की स्क्रिप्ट पसंद आएगी। ओटीटी पर अच्छी फिल्में और सीरीज भी रिलीज हो रही हैं। भारतीय फिल्में और सितारे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अच्छा काम कर रहे हैं। हो सकता है कि मुझे हॉलीवुड से ही किसी फिल्म का ऑफर मिले। मैं महिलाओं और देशभक्ति पर एक फिल्म करना चाहती हूं।