कांग्रेस नेतृत्व से नाराज होकर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने जम्मू में एक शांति सम्मेलन आयोजित किया है। कार्यक्रम में पहुंचे कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि कांग्रेस कमजोर हो रही है, हम इसे मजबूत करने में जुट गए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी की ओर से गुलाम नबी आजाद के अनुभव का लाभ न लें। थोड़ी देर बाद, कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी ने जवाबी हमला किया। सिंघवी ने कहा कि यह बेहतर होता अगर ये नेता चार राज्यों (पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल, असम) और पुदुचेरी में पहुंचते और कांग्रेस की मदद करते। इन सभी जगहों पर विधानसभा चुनाव होने हैं।
सिंघवी ने कहा, ‘वे सभी पार्टी के सम्मानित नेता हैं। हम उनका सम्मान करते हैं। एक नेता (कपिल सिब्बल) ने ‘यूज्ड’ शब्द का इस्तेमाल किया। यह कहने वालों को कांग्रेस की परंपरा का पता नहीं है। जिनके लिए (गुलाम नबी आज़ाद) इस शब्द का इस्तेमाल किया गया था, वे 7 बार कांग्रेस से सांसद रहे हैं। सोनिया जी ने उन्हें मुख्यमंत्री बनाया। इंदिरा जी ने कैबिनेट में जगह दी। सिंघवी ने कहा कि गुलाम नबी आजाद कांग्रेस के महासचिव थे और देश भर के 20 राज्यों के प्रभारी थे।
कांग्रेस का जी -23 क्या है, ये क्या चाहते हैं
कांग्रेस आलाकमान से नाराज इन वरिष्ठ नेताओं को जी -23 के नाम से जाना जाता है। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे पत्र में उन्होंने पार्टी चलाने के तौर-तरीकों पर सवाल उठाया था। ये नेता शनिवार को जम्मू में इकट्ठा होते हैं और अपनी ताकत दिखाते हैं। जी -23 से जुड़े एक सूत्र ने कहा कि नेता गुलाम नबी आजाद के साथ सलूक को लेकर भी नाराज हैं, जो हाल ही में राज्यसभा से सेवानिवृत्त हुए थे।
सिब्बल ने कहा- हम आजाद को संसद से जाने नहीं देना चाहते
सिब्बल ने कहा, ‘गुलाम नबी आजाद साहब की वास्तविक भूमिका क्या है? विमान को उड़ाने वाला व्यक्ति अनुभवी होता है, लेकिन एक इंजीनियर भी साथ होता है, यह इंजीनियर इंजन की खराबी का पता लगाता है और इसे ठीक करता है। गुलाम नबी जी केवल अनुभवी नहीं हैं, वे एक इंजीनियर भी हैं। वे ऐसे इंसान हैं जो हर राज्य के हर जिले में कांग्रेस की जमीनी हकीकत से वाकिफ हैं। हम उन्हें संसद से नहीं जाने देना चाहते हैं .. मुझे समझ नहीं आता कि कांग्रेस उनके अनुभव का उपयोग क्यों नहीं कर रही है?
आजाद ने कहा- संसद के अंदर और बाहर लड़ाई जारी रहेगी
शांति सम्मेलन में सबसे चौंकाने वाला बयान खुद आजाद का था। उन्होंने कहा, ‘मैं राज्यसभा से सेवानिवृत्त हुआ हूं, राजनीति से सेवानिवृत्त नहीं हुआ हूं और मैं पहली बार संसद से सेवानिवृत्त नहीं हुआ हूं। आज, कई वर्षों के बाद, हम राज्य का हिस्सा नहीं हैं, हमारी पहचान खो गई है। राज्य को फिर से हासिल करने के लिए हमारी संसद के अंदर और बाहर लड़ाई जारी रहेगी। जब तब चुने हुए प्रतिनिधि मंत्री और मुख्यमंत्री नहीं होंगे, बेरोजगारी, सड़कों और स्कूलों की यह स्थिति बनी रहेगी। उनका यह बयान को कांग्रेस आलाकमान के लिए सीधी चुनौती माना जा रहा है।
कांग्रेस को आजाद के मार्गदर्शन की जरूरत: मनीष तिवारी
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा कि आजाद एक प्रतिबद्ध कांग्रेस नेता हैं। आजाद कांग्रेस को समझने वाले नेताओं में से एक हैं। कांग्रेस और देश दोनों को गुलाम नबी आजाद के मार्गदर्शन की जरूरत है। भाजपा पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसा पहले कभी नहीं हुआ कि किसी राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किया गया हो। जम्मू और कश्मीर का विभाजन हो चुका है। हम इससे लड़ते रहेंगे।
आनंद शर्मा ने कहा- पार्टी की भलाई के लिए आवाज उठाना जरूरी
हम पार्टी की भलाई के लिए आवाज उठा रहे हैं। नई पीढ़ी को पार्टी से जुड़ना चाहिए। हमने कांग्रेस के अच्छे दिन देखे हैं। अब हम अपनी उम्र के अनुसार पार्टी को कमजोर होते हुए नहीं देखना चाहते।
राज बब्बर ने कहा- हमारा ग्रुप जी -23 नहीं है, गांधी -23 है
कार्यक्रम में पहुंचे राज बब्बर ने कहा, ‘लोग हमें जी -23 कहते हैं, लेकिन मैं इसे गांधी -23 कहता हूं। इस देश के कानून और संविधान महात्मा गांधी की विचारधारा, संकल्प और सोच के अनुसार बनाए गए थे। कांग्रेस पूरी ताकत के साथ इसे आगे बढ़ाने के लिए तैयार है। जी -23 चाहता है कि कांग्रेस मजबूत हो।
नॉर्थ बनाम साउथ के खिलाफ राहुल के बयान पर हंगामा: स्मृति ने राहुल को अहसान फरामोश कहा, सिब्बल की बोले- मतदाता कहीं का भी हो उसे सम्मान देना चाहिए।
G-23 में कांग्रेस के कई राज्यों के दिग्गज नेता शामिल हुए
इन नेताओं में पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कपिल सिब्बल, राज बब्बर, विवेक तन्खा, गुलाम नबी आजाद शामिल हैं। ये सभी नेता शनिवार को एक कार्यक्रम में शामिल हुए। मनीष तिवारी भी पहुंचे। ये सभी नेता उत्तर भारत से हैं।