Assembly Election 2023: चुनाव आयोग ने 9 अक्टूबर सोमवार को एमपी, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी। इन राज्यों में चुनाव प्रक्रिया 27 दिनों तक चलेगी। मिजोरम में सबसे पहले 7 नवंबर को वोटिंग होगी। इसके बाद 17 नवंबर को मध्य प्रदेश में वोटिंग होनी है।
छत्तीसगढ़ में दो चरणों में 7 नवंबर और 17 नवंबर को वोटिंग होगी। (Assembly Election 2023) इसके बाद राजस्थान में 23 नवंबर और तेलंगाना में 30 नवंबर को वोट डाले जाएंगे। 3 दिसंबर को पांचों राज्यों में एक साथ नतीजे आएंगे। फिलहाल मध्य प्रदेश में बीजेपी सत्ता में है, जबकि राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सत्तासीन है। तेलंगाना में केसीआर की पार्टी बीआरएस सत्ता में है तो मिजोरम में मिजो नेशनल फ्रंट सत्ता पर काबिज है।
– सभी राज्यों में 3 दिसंबर को आएंगे नतीजे
– राजस्थान में 23, एमपी में 17 और मिजोरम में 7 नवंबर को पड़ेंगे वोट
– छत्तीसगढ़ में 7 और 17 नवंबर को दो चरणों में होगा मतदान
राज्य सीटें मतदान तिथि
राजस्थान 200 23 नवंबर
मध्य प्रदेश 230 17 नवंबर
छत्तीसगढ़ 90 7 और 17 नवंबर (दो चरण)
तेलंगाना 119 30 नवंबर
मिजोरम 40 07 नवंबर
18-19 वर्ष के युवा वोटर (Assembly Election 2023)
राज्य संख्या
राजस्थान 22,04,514
मध्य प्रदेश 11,29,513
छत्तीसगढ़ 2,63,829
तेलंगाना 5,32,990
राज्यों में मतदाता
राज्य, पुरुष, महिला, फर्स्ट टाइम वोटर
राजस्थान 2.73 करोड़, 2.52 करोड़, 22.04 लाख
एमपी 2.88 करोड़, 2.72 करोड़, 22.36 लाख
छत्तीसगढ़ 1.01 करोड़, 1.02 करोड़, 7.23 लाख
तेलंगाना 1.58 करोड़, 1.58 करोड़, 8.11 लाख
मिजोरम 4.13 लाख, 4.39 लाख, 50,611
खास बातें जो आपको जाननी चाहिए
- 60 लाख युवा मतदाता पहली बार डालेंगे वोट
- 7.8 करोड़ महिलाओं की जीत-हार में अहम भूमिका
- 2900 मतदान केंद्रों को युवा संभालेंगे
- 8,192 मतदान केंद्रों को महिलाएं संभालेंगी
- 80 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्ग मतदाता फॉर्म 12 डी भरकर घर से डाल सकते हैं वोट
8192 पोलिंग बूथ पर महिलाएं संभालेंगी कमान
- 5 राज्यों की 679 विधानसभा सीटों के लिए 1.77 लाख मतदान केंद्र बनाए गए हैं।
- 17734 मॉडल बूथ, 621 मतदान केंद्रों का संचालन दिव्यांग कर्मचारी करेंगे।
- 8192 मतदान केंद्रों पर महिलाएं संभालेंगी कमान। 1.01 लाख मतदान केंद्रों पर वेबकास्टिंग होगी।
- आदिवासियों के लिए विशेष बूथ होंगे। 2 किलोमीटर के अंदर पोलिंग बूथ होंगे।
- सी विजिल ऐप के जरिए चुनावी गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी. लोग ऐप के जरिए शिकायत कर सकेंगे।
For the upcoming Assembly elections 2023 in five states, 1.77 lakh polling stations will be set up in 679 assembly constituencies: Chief Election Commissioner Rajiv Kumar pic.twitter.com/VZm8RWZhF9
— ANI (@ANI) October 9, 2023
चुनाव में चाक चौबंद व्यवस्था (Assembly Election 2023)
- केंद्रीय और राज्य एजेंसियां साझा ऑपरेशन चलाएंगी
- चुनाव में धनबल के इस्तेमाल को रोकने के लिए जीरो टॉलरेंस
- वॉलेट्स के जरिए ऑनलाइन ट्रांसफर पर कड़ी नजर
- नॉन शेड्यूल्ड चार्टर्ड फ्लाइट के कार्गो मूवमेंट की होगी चेकिंग
- रेलवे और पोस्टल के कार्गो और पार्सल की भी चेकिंग होगी
- मतदान ड्यूटी पर लगे कर्मचारी सिर्फ मतदान केंद्र पर ही वोट डालेंगे।
राजस्थान, एमपी और छत्तीसगढ़ में भाजापा-कांग्रेस में सीधा मुकाबला
चुनाव आयोग ने राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनाव के लिए सोमवार को तारीखों की घोषणा कर दी। (Assembly Election 2023) नक्सल प्रभावित राज्य होने के कारण छत्तीसगढ़ में दो चरण में मतदान होगा। अन्य राज्यों में सिर्फ एक चरण में ही मतदान संपन्न कराया होगा। सभी राज्यों के नतीजे 3 दिसंबर को एक साथ घोषित होंगे। मध्य प्रदेश में 17, राजस्थान में 23 नवंबर तो तेलंगाना में 30 नवंबर को वोट पड़ेंगे। छत्तीसगढ़ के पहले चरण में नक्सल प्रभावित इलाकों की कुल 20 सीटों पर मिजोरम के साथ 7 नवंबर को और दूसरे चरण में 70 विधानसभा सीटों पर मतदान होंगे। राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में भाजपा और कांग्रेस के बीच आमने सामने की लड़ाई है तो तेलंगाना में सत्ताधारी बीआरएस, कांग्रेस और भाजपा के बीच त्रिकोणीय मुकाबले का आसार हैं।
मुख्य चुनाव आयुक्त (chief election commissioner) राजीव कुमार ने प्रेस कांफ्रेंस कर बताया कि पांच राज्यों में कुल 16.14 करोड़ मतदाता इन चुनावों में अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे। (Assembly Election 2023) इनमें 8.2 करोड़ पुरुष मतदाता, 7.8 करोड़ महिला मतदाता होंगे। इस बार 60.2 लाख नए मतदाता पहली बार वोट डालेंगे। इस प्रकार देखें तो महिला और पहली बार वोट डालने जा रहे युवा मतदाता किसी दल की जीत-हार में अहम भूमिका निभाएंगे।
Assembly Election Dates 2023: EC announces poll schedule for 5 states, voting begins on Nov 7, counting on…
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— DD News (@DDNewslive) October 9, 2023
आचार संहिता लागू, शिकायत पर 100 मिनट में एक्शन होगा
विधानसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही चुनाव वाले पांच राज्यों में आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू हो गई। आचार संहिता लागू होने पर मंत्रियों व विधायकाें की सभी सरकारी सुविधाएं छीन जाएंगी, सरकारी निर्णय नहीं होंगे वहीं सरकारी खर्च पर कोई प्रचार-प्रसार नहीं होगा। (Assembly Election 2023) चुनाव आयोग ने इस बार दावा किया है कि ई-विजिल मोबाइल ऐप पर आचार संहिता के उल्लंघन की कोई भी मतदाता शिकायत करेगा तो 100 मिनट में एक्शन होगा। जीआइएस लोकेशन से जुड़े इस ऐप पर शिकायत पर पहचान भी उजागर नहीं होगी।
आचार सहिंता में ये काम नहीं हो पाएंगे
- शासन-प्रशासन के निर्णयों पर रोक
- सरकारी वाहनों व अन्य सुविधाओं का इस्तेमाल नहीं
- सार्वजनिक स्थल पर राजनीतिक पोस्टर नहीं, मौजूद पोस्टर हटेंगे
- सभाओं में भड़काऊ भाषण या धर्म-जाति के नाम पर रोक
- नेताओं पर निजी टिप्पणी नहीं, सिर्फ नीतियों की आलोचना
- रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक लाउडस्पीकर का प्रयोग प्रतिबंधित
भाजपा ने बड़े चेहरों पर खेला दांव, राजस्थान में सात सांसद मैदान में
भाजपा ने सोमवार को राजस्थान के 41 उम्मीदवारों की पहली सूची, छत्तीसगढ़ के 64 उम्मीदवारों की दूसरी सूची और मध्य प्रदेश के 57 उम्मीदवारों की चौथी सूची जारी की। तीनों राज्यों में केंद्रीय मंत्री और सांसदों सहित कई बड़े चेहरों को चुनाव मैदान में उतारा गया है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बुधनी सीट से तो राज्य के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा दतिया से लड़ेंगे। भाजपा एमपी की 230 में से अब तक 136 प्रत्याशियों के नाम घोषित कर चुकी है। एमपी की चौथी सूची में 24 मंत्रियों को दोबारा टिकट मिला है।
राजस्थान में पार्टी ने फंसी सीटों पर 7 सांसदों को चुनाव मैदान में उतारने का दांव चला है। पूर्व केंद्रीय मंत्री और जयपुर ग्रामीण सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ को झोटवाड़ा, अलवर सांसद बाबा बालकनाथ को तिजारा, राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा को सवाई माधोपुर से टिकट मिला है। इसी तरह झुंझुनूं सांसद नरेंद्र कुमार को मंडावा, राजसमंद सांद दिया कुमारी को विद्याधर नगर, अजमेर सांसद भागीरथ चौधरी को किशनगढ़ और जालौर सिरोही सांसद देवजी पटेल को सांचोर से पार्टी ने चुनाव मैदान में उतारा है।
छत्तीसगढ़ में पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह राजनंदगांव सीट से केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह को भरतपुर-सोनहत (एसटी) को टिकट मिला है। सांसद गोमती राय को पत्थलगांव (एसटी) सीट से सांसद अरुण साव को लोरमी से पार्टी ने चुनाव मैदान में उतारा है। पूर्व आइएएस ओपी चौधरी रायगढ़ से किस्मत आजमाएंगे।
एक सांसद को फंसी सीट तो बाकी को कम मुश्किल सीटों से उतारा
जयपुर में बीजेपी ने इस चुनाव में सांसदों को चुनाव लड़वाकर एक नया दाव खेला है। मध्यप्रदेश की तरह ही राजस्थान में भी सात सांसदों को टिकट दिया गया है। मध्यप्रदेश में फंसी सीटों पर सांसद उतारे गए हैं, वहीं राजस्थान में पूरी तरह से ऐसा नहीं किया गया।
राजसमंद सांसद दीया कुमारी को भाजपा के लिहाज से सबसे सुरक्षित सीट विद्याधर नगर से चुनाव मैदान (Assembly Election 2023) में उतारा गया है। यह सीट लगातार तीन बार से भाजपा ही जीत रही है। इसी तरह राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा को सवाईमाधोपुर से चुनाव लड़वाया जा रहा है। यह सीट भी भाजपा की डी श्रेणी में शामिल नहीं है। राज्यवर्धन सिंह को झोटवाड़ा से चुनाव लड़वाया जा रहा है। (Assembly Election 2023) यह सीट भी एक बार कांग्रेस और एक बार भाजपा जीतती आ रही है। यही स्थिति तिजारा सीट को लेकर है।
यहां से अलवर सांसद बाबा बालक नाथ चुनाव मैदान में है। नरेन्द्र कुमार को मंडावा से टिकट दिया गया है। यह सीट भी भाजपा के लिए ज्यादा मुश्किल नहीं रही है। किशनगढ़ से अजमेर सांसद भागीरथ चौधरी को उतारा गया है। यह सीट भी 2013 में भाजपा जीत चुकी है। केवल एक जालोर-सिरोही सांसद देवजी पटेल को ऐसी सीट से उतारा गया है, जो तीन बार से लगातार भाजपा हारती आ रही है।
बीते विधान सभा चुनाव 2018 की तुलना में 27 प्रतिशत दिन चुनाव प्रचार के लिए कम मिले
- 2018 के मुकाबले 2023 में राजनीतिक पार्टियों को प्रचार के लिए औसतन 14 दिन कम मिल रहे हैं। प्रचार के दिनों में कटौती का ट्रेंड सभी 5 राज्यों में दिख रहा है।
- प्रचार के दिनों में सबसे ज्यादा कटौती मिजोरम में हुई है, जहां 2018 के मुकाबले 2023 में 25 दिन कम मिल रहे हैं। राजस्थान को 17 दिन कम और मध्य प्रदेश को 15 दिन कम मिल रहे हैं।
- छत्तीसगढ़ में 2018 की तरह ही इस बार भी 2 चरणों में चुनाव होंगे। यहां पिछले चुनाव के मुकाबले प्रचार के दिनों में कमी का अंतर सबसे कम है।
चुनाव आयोग ने प्रचार के लिए दिया कम समय: बीजेपी फायदे में, कांग्रेस मुश्किल में
5 राज्यों में विधानसभा चुनाव से पहले जाति जनगणना और आरक्षण समेत कई संवेदनशील मुद्दे फोकस में हैं। (Assembly Election 2023) बीजेपी के लिए ये राजनीतिक तौर पर संवेदनशील है। पिछले कुछ चुनावों में ओबीसी मतदाताओं के बीच बीजेपी की लोकप्रियता बढ़ी है। 2009 के आम चुनाव में बीजेपी को 22% ओबीसी वोट मिले, जो 10 साल में दोगुना हो गए। पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 44 फीसदी वोट मिले थे।
राजनीतिक विशेषज्ञ रशीद किदवई के मुताबिक, हमारे देश का इतिहास रहा है कि अगर ऐसी जनगणना होगी तो उसी आधार पर आरक्षण और अन्य चीजों की मांग शुरू हो जाएगी। (Assembly Election 2023) राहुल गांधी खुलेआम कह चुके हैं कि जिसकी संख्या जितनी ज्यादा, उसकी हिस्सेदारी उतनी ज्यादा।
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