पंजाब के तरनतारन जिले के भिखीविंड कस्बे में शौर्य चक्र सम्मानित एक्टिविस्ट बलविंदर सिंह की हत्या को लेकर शनिवार को भी तनाव बना हुआ है।
बलविंदर के घरवालों ने अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया था। बाद में सरकार ने परिवार को सुरक्षा मुहैया करवाने और घर के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का ऐलान किया, तब जाकर परिवार अंतिम संस्कार को राजी हुआ।
बलविंदर की पत्नी जगदीश कौर ने इंसाफ के लिए कोर्ट जाने की बात कही है। उधर, मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के आदेश पर SIT ने जांच शुरू कर दी है। आतंकियों के खिलाफ लड़ने वाले शौर्य चक्र विजेता कॉमरेड बलविंदर सिंह (60) की शुक्रवार सुबह करीब 7 बजे घर में घुसकर हत्या कर दी गई थी।
CCTV फुटेज में बाइक सवार दो नकाबपोशों ने बलविंदर को गोली मारी। गोलियों की आवाज सुनकर जब तक परिवार के सदस्य बाहर आते, दोनों हमलावर फरार हो गए।
बलविंदर को परिवार को 3 गनमैन मिले
पंजाब सरकार ने कुछ महीने पहले बलविंदर की सुरक्षा वापस ले ली थी। उनके घरवालों ने इस पर नाराजगी जताई थी। एसडीएम राजेश शर्मा का कहना है कि कोरोना के दौरान पुलिस ने सभी के गनमैन वापस बुला लिए थे। दुर्भाग्य से बलजिंदर की हत्या हो गई। अब उनके परिवार को 3 गनमैन उपलब्ध करवा दिए गए हैं।
पंजाब में आतंकवाद के दौर में बलविंदर ने 42 हमले झेले थे
बलविंदर की हत्या के पीछे उनके घरवालों ने कट्टरपंथी आतंकी संगठनों का हाथ बताया है। साथ ही पंजाब पुलिस के अधिकारियों को भी जिम्मेदार ठहराया है। बलविंदर के बड़े भाई रणजीत सिंह ने बताया कि कई बार गुहार लगाने के बावजूद उन्हें सुरक्षा नहीं दी गई। रणजीत ने बताया कि बलविंदर और उनके परिवार ने पंजाब में आतंकवाद के दौर में 42 हमले झेले थे।