कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए Allahabad High Court ने चुनाव आयोग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को स्थगित करने की मांग की है।
Allahabad High Court के जस्टिस शेखर कुमार यादव ने कहा, ‘यूपी में विधानसभा चुनाव में जनता को कोरोना की तीसरी लहर से बचाने के लिए चुनाव आयोग को राजनीतिक दलों की चुनावी रैलियों पर रोक लगानी चाहिए. उन्हें टीवी और समाचार पत्रों के माध्यम से प्रचार करने के लिए कहा जाना चाहिए। प्रधानमंत्री का चुनाव टालने पर भी विचार करें, क्योंकि अगर जान है तो दुनिया है।
कोर्ट में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी नहीं हो रही
न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव ने कहा कि इस अदालत में करीब 400 मामले सूचीबद्ध हैं। इसी तरह रोजाना मामले दर्ज होते हैं। इस कारण बड़ी संख्या में वकील आते हैं। उनके बीच किसी भी तरह की सोशल डिस्टेंसिंग नहीं है। वे एक-दूसरे के करीब खड़े होते हैं, वहीं कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्रोन के मरीज बढ़ते जा रहे हैं। जिस तरह के हालात है उससे तीसरी लहर आने की भी संभावना प्रबल बनी हुई है।
महामारी को देखते हुए कई देशों ने लॉकडाउन लगाया
हाईकोर्ट ने कहा कि दैनिक समाचार पत्रों पर गौर करें तो 24 घंटे में 6 हजार नए मामले मिले हैं। 318 लोगों की मौत हो चुकी है। यह समस्या हर दिन बढ़ती ही जा रही है। इस महामारी को देखते हुए चीन, नीदरलैंड, आयरलैंड, जर्मनी, स्कॉटलैंड जैसे देशों ने पूर्ण या आंशिक रूप से लॉकडाउन कर दिया है।
ऐसे में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल से अनुरोध है कि इस विकट स्थिति से निपटने के लिए नियम बनाएं। कोर्ट ने कहा कि दूसरी लहर में हमने देखा है कि लाखों लोग कोरोना से संक्रमित थे। साथ ही कई लोगों की मौत भी हो गई थी।
जस्टिस शेखर कुमार यादव जेल में बंद आरोपी संजय यादव की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रहे थे। संजय के खिलाफ इलाहाबाद के थाना कैंट इलाके में केस दर्ज है। आज उसे जमानत मिल गई।
कोर्ट के मुख्य बिंदु
- ग्राम पंचायत चुनाव और बंगाल विधानसभा चुनाव ने काफी लोगों को संक्रमित किया। इससे लोगों की मौत हो गई।
- अब एक बार फिर यूपी में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं। इसके लिए सभी पार्टियां रैलियां, सभाएं कर लाखों लोगों को लामबंद कर रही हैं।
- रैलियों में किसी भी तरह से कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करना संभव नहीं है।
- अगर इसे समय रहते रोका नहीं गया तो स्थिति दूसरी लहर से भी ज्यादा भयावह होगी।
- ऐसे में कोर्ट ने चुनाव आयुक्त से अनुरोध किया कि इस तरह की रैलियों और सभाओं को तुरंत बंद करें।
- आयुक्त दूरदर्शन और समाचार पत्रों के माध्यम से पार्टियों को अपना प्रचार करने का आदेश दें।
- हो सके तो फरवरी में होने वाले चुनावों को एक या दो महीने के लिए टाल दें।
- जान है तो चुनावी रैलियां, सभाएं होती रहेंगी।
- भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 में भी हमें जीने का अधिकार दिया गया है।
कोरोना के नि:शुल्क टीकाकरण अभियान की तारीफ की
हाईकोर्ट ने कहा कि भारत जैसे बड़ी आबादी वाले देश में कोरोना मुक्त टीकाकरण के लिए अभियान चलाने के लिए हम प्रधानमंत्री को धन्यवाद देते हैं। उनका कार्य सराहनीय रहा। अदालत उनकी प्रशंसा करती है। वहीं अदालत ने प्रधानमंत्री से इस भयानक महामारी की स्थिति को देखते हुए सख्त कदम उठाने का अनुरोध किया है।
अदालत ने कहा कि रैलियों, सभाओं और आगामी चुनावों को रोकने और स्थगित करने पर विचार करें क्योंकि जान है तो जहान है। कोर्ट ने इस आदेश की एक कॉपी इलाहाबाद हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल, चुनाव आयुक्त और केंद्र सरकार को भेजने का निर्देश दिया हैं।
Requested The Prime Minister And The Election Commissioner | Postpone The UP Assembly Elections | Allahabad High Court |