हरियाणा और राजस्थान पुलिस के मोस्ट वांटेड बदमाशों की गिरफ्तारी, गैंगस्टर पपला उर्फ विक्रम गुर्जर, 27 जनवरी को गिरफ्तारी के बाद से लगातार एक के बाद एक खुलासा हो रहा है। पूछताछ में सामने आया कि पपला कोल्हापुर में एक घर में अपनी प्रेमिका जिया उर्सहार के साथ रह रहा था। जिया से पहले भी, पपला कोल्हापुर में फरारी के दौरान एक महिला के साथ् अपनी पहचान छिपा कर रह रहा था, पपला ने जिया से मिलने के बाद उस महिला को छोड़ दिया था।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, लगभग एक महीने से लिव-इन में रह रही जिया को साथ लेकर पपला कोल्हापुर के एक रेस्टॉरेंट में गया था। इस दौरान पहले लिव-इन में पपला के साथ रहने वाली पहली महिला भी पहुंच गई। जब तीनों आमने-सामने मिले, तब जिया को पता चला कि पपला पहले उस महिला के साथ रहता था। इससे वह भड़क गई। ऐसे में दोनों महिलाओं के बीच रेस्टारेंट में जमकर बहस हुई। सूत्रों के मुताबिक, तब गुस्साई जिया ने पपला को भी नोंच डाला। उसने उस समय अपना आपा खो दिया था। तब पपला ने किसी तरह जिया को समझाया। उससे शादी करने का आश्वासन दिया। इसके बाद वे दोनों रेस्तरां से लौट आए।
नौकरानी ने पहली महिला से मुलाकात करवाई‚ उसका चार साल का बेटा
पुलिस के मुताबिक, फरारी के दौरान पपला घर बदल कर रहता था। इस बीच, कोल्हापुर में, उसके घर पर एक घरेलू नौकरानी ने एक महिला से पपला की मुलाकात करवाई थी। महिला का एक 4 साल का बेटा भी था। वह अकेली रह रही थी। कुछ मुलाकातों के बाद, पपला की महिला से निकटता बढ़ गई। फिर दोनों लिव-इन रिलेशनशिप में रहने लगे। पुलिस का मानना है कि पपला पूरी योजना के साथ महिलाओं के साथ रहता था‚ ताकि किसी को उस पर शक न हो।
जिया आयुर्वेद में अपनी पढ़ाई छोड़कर जिम ट्रेनर बन गई
पपला के साथ पकड़ी गई जिया, आयुर्वेद में द्वितीय वर्ष की छात्रा थी। लेकिन उसने अपनी पढ़ाई अधूरी छोड़ दी। इसके बाद, वह कोल्हापुर में एक जिम में ट्रेनर के तौर पर जॉब कर रही थी। उसकी करीब दो महीने पहले पपला से जिम में मुलाकात हुई थी। दोनों के बीच प्यार पनपा। निकटता बढ़ गई। फिर दोनों लिव-इन में रहने लगे।
जिया 26 जनवरी को पपला को पापा से मिलवाने गई थी , रात 11 बजे कमरे में लौटे
जिया को भरोसा था कि पपला उससे शादी करेगा। इसलिए वह अपने पिता से मिलवाने के लिए पपला को साथ लेकर गई थी। उधर, कोल्हापुर पहुंची राजस्थान पुलिस की स्पेशल -26 टीम 26 जनवरी को पपला को पकड़ने के लिए पूरी तरह से तैयार थी। लेकिन तब तक दोनों वहां से निकल चुके थे। ऐसे में पुलिस उसके लौटने का इंतजार करती रही। रात करीब 11 बजे पपला और जिया वापस घर पहुंचे। इस कारण 26 जनवरी को पपला की गिरफ्तारी नहीं हो सकी।
रात 3 बजे ऑपरेशन शुरू हुआ, पुलिस पर पथराव हुआ तो आईजी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई
यह भी पता चला कि 3 बजे पुलिस टीम ने पपला को पकड़ने के लिए ऑपरेशन शुरू किया। तब आसपास रहने वाले लोग जाग गए। उन्होंने पुलिस टीम को डकैत समझकर पत्थर फेंकना शुरू कर दिया। अलवर से पहुंची पुलिस टीम वहां राजस्थानी भाषा में बात कर रही थी‚ ऐसी स्थिति में मराठी भाषा की भी समस्या थी। लोग उन्हें बाहर से आया बदमाश समझ बैठे।
तब मध्यरात्रि जयपुर रेंज आईजी हवासिंह घुमरिया, जो जयपुर से ऑपरेशन की निगरानी कर रहे थे, ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने तुरंत अपने बैचमेट आईजी (क्राइम) और कोल्हापुर एसपी को फोन किया और उन्हें पूरे मामले की जानकारी दी। इसके बाद कोल्हापुर पुलिस भी मौके पर पहुंची। लोगों को शांत करने में राजस्थान पुलिस की मदद की।
जयपुर रेंज आईजी हवासिंह घुमरिया ने बताया कि जिस घर से उसे पकड़ा गया था पपला चार महीने से वहां रह रहा था, वह उदल सिंह के फर्जी नाम से उसमें रह रहा था। घर किराए पर लेते समय, पपला ने मकान मालिक से कहा था कि वह फलों का कारोबार करता है। लेकिन जब वह पकड़ा गया, तो सभी मतभेद सामने आए।