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Rajasthan Artisans Will Get 100% Subsidy On Loan Interest: शनिवार यानी 17 सितंबर 2022 को राजस्थान की पहली हस्तशिल्प योजना का शुभारंभ होने जा रहे हैं। इसके तहत कलाकारों को आर्थिक सहायता के लिए ऋण ब्याज पर शत-प्रतिशत अनुदान यानी सब्सिडी मिलेगा। उत्पादों को निर्यात योग्य बनाने पर ध्यान दिया जाएगा।
उद्योग विभाग के तहत इसके प्रबंध के लिए हस्तशिल्प एवं हथकरघा निदेशालय का गठन भी किया जाएगा। नई नीति अप्रैल 2026 तक प्रभावी तौर पर लागू रहेगी। उसके बाद संशोधन की समीक्षा के बाद नई नीति लाने पर विचार होगा। नीति में यह भी प्रावधान होगा कि राजस्थान के सभी सरकारी कार्यों में अब केवल राज्य के हस्तशिल्प उत्पादों को मोमेंटों के रूप में शामिल किया जाएगा।
वहीं राजस्थान प्रदेश के सभी हस्तशिल्पियों (आर्टिजंस) का डाटा बेस भी तैयार किया जाएगा। वहीं सेलिब्रिटी को हस्तशिल्प का ब्रांड एंबेसडर भी बनाने की कवादय शुरू होगी। प्रदेश की प्रमुख कलाओं का डॉक्यमेंटेशन विशेषज्ञों द्वारा किया जाएगा।
इसके साथ ही टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन, निर्यात प्रोत्साहन और रोजगार के लिए हस्तशिल्प डिजाइन केंद्र स्थापित किए जाएंगे। रीको की ओर से एक हस्तशिल्प पार्क भी विकसित किया जाएगा। वहीं जयपुर में एक हस्तशिल्प संग्रहालय स्थापित किया जाएगा।
डिजाइन और शिल्प केंद्र स्थापित करने के लिए निजी निवेश को प्रोत्साहित किया जाएगा। सीएसआर फंड का इस्तेमाल हस्तशिल्प विकास के लिए भी किया जा सकता है।
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Photo Credit | Getty Images |
- हस्तशिल्प के डिजाइन बैंक की स्थापना होगी
- राजस्थान के सभी प्रमुख शिल्पकारों (आर्टिजंस) के डिजाइनों के कलेक्शंस को इलेक्ट्रॉनिक रूप में रखने के लिए हस्तशिल्प डिजाइन बैंक को स्थापित किया जाएगा।
- हर साल दिसंबर को होने वाले आर्टिजंस वीक में पुरस्कार भी दिए जाएंगे
- राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने, उत्पादों के प्रदर्शन के लिए हर साल दिसंबर में हस्तशिल्प सप्ताह का आयोजन किया जाता है।
- सर्वश्रेष्ठ युवा हस्तशिल्पियों, महिला हस्तशिल्पियों, कारीगरों को पुरस्कार और सम्मान, जो कपड़ा, चीनी मिट्टी और मिट्टी की कला, चमड़े की पेंटिंग, शिल्प कला, आभूषण, लकड़ी के कालीन, दारी-नमदा आदि के क्षेत्रों में विलुप्त कलाओं को जीवित रखते हैं।
- ई-प्लेटफॉर्म पर उत्पादों की मार्केटिंग की जाएगी।
- देश व प्रदेश में लगने वाले मेलों का वार्षिक कलैण्डर बनाया जाएगा। शिल्पकारों को हाट आदि से जोड़ा जाएगा।
- वेस्ट मेटेरियल के उपयोग के लिए पर्यावरण के अनुकूल पैकेजिंग प्रशिक्षण संस्थानों के साथ कोर्डिनेशन।
- उद्योग विभाग 9 जिलों की जेलों में बंदियों द्वारा बनाए गए शिल्प प्रोडक्ट्स के लिए बाजार तैयार करेगा।
- इको क्राफ्ट उत्पादों को बढ़ावा देकर रोजगार के नए क्षेत्र को डवलप किया जाएगा।
- ब्रांड बिल्डिंग: प्रत्येक जिले से एक उत्पाद का प्रोमोशन किया जाएगा
- उत्पादों की क्वालिटी के अनुसार बार कोड, टैगिंग, आईएसआई, जीआई, हॉल मार्क टैगिंग को बढ़ावा देना।
- एक जिला एक उत्पाद के तहत कम से कम एक हस्तशिल्प उत्पाद को बढ़ावा देना।
- ई-पोर्टल और मोबाइल एप भी तैयार होगी।
- शासकीय कार्यों में स्मृति चिन्ह के रूप में प्रदेश के हस्तशिल्प उत्पादों को ही देने का प्रावधान।
- वित्तीय सहायता: रु। बिक्री केंद्र के लिए 1 लाख। तक की राशि
- हथकरघा बुनकरों, हस्तशिल्प संस्थानों, सोसाइटियों आदि के उत्पादों के विपणन के लिए बिक्री केंद्रों की स्थापना के लिए कुल लागत का 50% या एक लाख रुपये तक, जो भी कम हो, की सहायता दी जाएगी।
- इससे हेरिटेज होटल, टूरिस्ट प्लेस, दुकान को लीज पर लेने में मदद मिलेगी।
- वेबसाइट बनाने के लिए समिति-संस्थान को 25 हजार की सहायता मिलेगी।
- राज्य विभाग ई-मार्केट के माध्यम से पंजीकृत कारीगरों के 10 लाख रुपये तक के उत्पाद बिना टेंडर के खरीद सकेगा।
- 18 से 50 वर्ष के आयु वर्ग के आर्टिजंस का ग्रुप इश्योरेंस का भी प्रावधान