टैक्स छूट नहीं होने पर ब्याज दर 6.80 पड़ेगी
अगर कोई टैक्स छूट नहीं होती है तो आपको यह इंटरेस्ट दर 6.80 पड़ेगी इसका मतलब यह है तीनों स्थितियों में होम लोन (LOAN) की ब्याज दरें बाकी समय के मुकाबले इस समय कम हैं, फिलहाल उस स्तर पर है जो पहले कभी नहीं हुआ।
हालांकि 7.5% के होम लोन की इंटरेस्ट दर पर है, इस साल मार्च में होम लोन की यही दर थी, साल 2000 और 2002 और 2020 की तुलना की गई है इसके अनुसार साल 2000 में आप 27 लाख रुपए के होम लोन पर 3.57 लाख रुपए चुकाते थे।
इसी तरह 2000 में आपकी पूरी ईएमआई पर साल भर में मूलधन ₹27630 कटता था और 2002 में ₹38694 मूलधन कटने लग गया था लेकिन यह अब के समय में 1.50 लाख कटता है अगर आप साल 2000 में ₹32775 टैक्स बचाते थे और 2002 में यह ₹53550 हो गया था।
2002 में यह 8.8 प्रतिशत
2002 में यह 8.8 प्रतिशत हुआ, जबकि अब यह 2.9 प्रतिशत है, इसकी गणना 7.50 प्रतिशत की जाती है, यदि हम 6.95 पर इसकी गणना करते हैं, तो इंटरेस्ट दर बढ़कर 2.50 प्रतिशत हो जाती है, दरअसल सीएलएसएस सब्सिडी के रूप में आपको 2,30,156 रुपये का लाभ होता है, जबकि ब्याज पर सभी छूट भी इस वर्ष में उपलब्ध हैं, इस तरह से आपको कई तरह के लाभ मिलते हैं जो होम लोन (LOAN) में लागू होते हैं।
बैंकों के फंड की घटी लागत
एसबीआई के एक अधिकारी के अनुसार, वर्तमान में हमारे बैंक के फंड की लागत निम्न स्तर पर है, शुद्ध इंटरेस्ट मार्जिन काफी अधिक है। इसलिए एसबीआई 6.95 प्रतिशत की ब्याज दर पर होम लोन दे रहा है।
ब्याज मार्जिन से तात्पर्य उधारों पर लगाए गए ब्याज और जमा पर दिए गए ब्याज से है, बैंकिंग क्षेत्र के विशेषज्ञों का कहना है कि मूल भुगतान, ब्याज भुगतान और प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के कारण ब्याज दरों में कमी आई है, यह शायद इतिहास में अब तक की सबसे कम ब्याज दर है।