Shaadi Season Trade: इस बार नवंबर-दिसंबर में व्यापारी शादी के सीजन में खूब कारोबार होने की उम्मीद जता रहे हैं। बता दें कि 23 नवंबर से 15 दिसंबर के बीच देशभर में करीब 35 लाख शादियां होने की उम्मीद है। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के राष्ट्रीय महासचिव प्रवीण खंडेलवाल के मुताबिक, इस दौरान खरीदारी पर 4.25 लाख करोड़ रुपये खर्च होने की संभावना है। शादी से जुड़ी वस्तुओं की. पिछले साल इसी अवधि में करीब 32 लाख शादियां हुईं और खर्च 3.75 लाख करोड़ रुपये आंका गया था. इस सीजन में दिल्ली में 3.5 लाख से ज्यादा शादियों से करीब 1 लाख करोड़ रुपये का कारोबार होने की संभावना है.
नवंबर में 5 और दिसंबर में 6 शुभ दिन है विवाह के (Shaadi Season Trade)
कैट की आध्यात्मिक एवं वैदिक ज्ञान समिति के अध्यक्ष आचार्य दुर्गेश तारे ने बताया कि नक्षत्रों की गणना के अनुसार नवंबर माह में विवाह की तिथियां 23, 24, 27, 28, 29 हैं, जबकि दिसंबर माह में ये हैं. 3. विवाह के लिए 4, 7, 8, 9 और 15 तारीखें शुभ हैं। शादी के सीज़न का अगला चरण जनवरी के मध्य से शुरू होगा और जुलाई तक जारी रहेगा।
तीन लाख से लेकर एक करोड़ से ज्यादा तक (Shaadi Season Trade)
- 600,000 शादियों में प्रति शादी 3 लाख रुपए का अनुमानित खर्च होगा
- 10,00,000 शादियों में प्रति शादी करीब 6 लाख रुपए खर्च होंगे
- 12,00,000 शादियों में प्रति शादी करीब 10 लाख रुपए खर्च होने का अनुमान है
- 600,000 शादियों में प्रति शादी 25 लाख रुपए खर्च होने का अनुमान है
- 50,000 शादियों का बजट 50 लाख रुपए प्रति शादी होगा।
- 50,000 शादियों में प्रति शादी एक करोड़ रुपए या उससे अधिक का खर्च होगा
( सॉर्स कैट)
80 फीसदी खर्च होगा समारोहों पर
शादी के बजट का 20 प्रतिशत हिस्सा दूल्हा-दुल्हन के खर्च पर खर्च किया जाता है। (Shaadi Season Trade) बाकी 80 फीसदी रकम शादी समारोह पर खर्च होती है. सोने-चांदी के आभूषण, साड़ियां, लहंगा-चुन्नी, फर्नीचर, रेडीमेड कपड़े, कपड़े, जूते, शादी और ग्रीटिंग कार्ड, सूखे मेवे, मिठाई, फल, पूजा सामग्री, किराना, अनाज, सजावटी सामान, इलेक्ट्रॉनिक्स और शादियों के दौरान कई उपहार। आदि वस्तुओं की काफी मांग रहती है। विवाह हॉल, बैंड, डीजे, टेंट आदि व्यवसायियों को भी व्यवसाय मिलता है।
शादी के सीज़न यानी सावों का अगला चरण जनवरी के मिड से शुरू होगा और ये जुलाई तक चलेगा। शादी के सीजन में कारोबार की बेहतर संभावनाओं को देखते हुए देशभर के कारोबारियों ने व्यापक स्तर तैयारियां कर ली हैं। ग्राहकों की संभावित भीड़ को देखते हुए व्यापारी अपनी सभी तरह के अरेंजमेंट को अंतिम रूप देने में लगे हैं।
हर तरह की शादी का लगभग 20 प्रतिशत खर्च वर-वधू पक्ष को ही जाता है। (Shaadi Season Trade) वहीं करीब 80 फीसदी खर्च शादी कराने वाली दूसरी और तीसरी एजेंसियों को जाता है। विशेषज्ञों की मानें तो शादी के सीजन से पहले घरों की मरम्मत और घरों की पेंटिंग का भी बड़ा कारोबार होता है।
इसी तरह आभूषण, साड़ी, लहंगा-चूनी, फर्नीचर और रेडीमेड कपड़े आदि का बिजनेस है। (Shaadi Season Trade) जूते, शादी के ग्रीटिंग कार्ड, सूखे मेवे, मिठाई, फल, पूजा सामग्री, किराना, खाद्यान्न, सजावटी सामान, घर की सजावट का सामान, विद्युत उपयोगिताएँ, इलेक्ट्रॉनिक्स और कई उपहार वस्तुएँ आदि आम तौर पर मांग में हैं। इन क्षेत्रों के अलावा इस साल अन्य व्यवसायों में भी अच्छे कारोबार की उम्मीद है।
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