बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच, मध्य प्रदेश में रेमेडिसवीर के इंजेक्शन को लेकर एक प्रेमी-प्रेमिका की अजीब इश्कबाजी की कहानी सामने आई है। दरअसल, भोपाल के जेके अस्पताल की एक नर्स कोरोना मरीजों को रेमेडिसवीर से सामान्य इंजेक्शन लगाकर चोरी करती थी और अपने प्रेमी के माध्यम से उसे ब्लैक में बेचती थी।
जब कोलार पुलिस ने इंजेक्शन की कालाबाजारी के लिए एक युवक को गिरफ्तार किया, तो इस अद्भुत प्रेम कहानी का सच सामने आ गया। पुलिस ने बताया कि गिरधर कॉम्प्लेक्स निवासी दानिश कुंज के झलकन सिंह की प्रेमिका शालिनी जेके अस्पताल की नर्सिंग स्टाफ है। हालांकि, आरोपी नर्स अभी फरार है।
आरोपी ने पूछताछ के दौरान बताया कि उसकी प्रेमिका इंजेक्शन लगाने वाले के बदले दूसरा सामान्य इंजेक्शन मरीज को देती थी। वह उसे बचाती थी और उसे देती थी। वह इन इंजेक्शनों को 20 से 30 हजार रुपये में बेचता था। आरोपी ने कहा कि उसने जेके अस्पताल के डॉक्टर शुभम पटेरिया को इंजेक्शन भी 13 हजार रुपये में बेचा है। इसका भुगतान उसे ऑनलाइन किया गया था।
मरीज के परिजनों ने इसकी सूचना अधिकारियों को दी
सूत्रों का कहना है कि झलकन ने जेके अस्पताल में भर्ती एक मरीज के परिवार के साथ एक इंजेक्शन सौदा किया था। कीमत को लेकर झगड़ा हुआ और इस बीच उनके मरीज की मौत हो गई। एक नाराज परिवार ने पुलिस अधिकारियों को गोपनीय तरीके से रेमदेववीर की कालाबाजारी की जानकारी दी।
इसके बाद, झलकन पर नजर रखी जा रही थी। अपनी जेब में इंजेक्शन होने की सूचना के तुरंत बाद, वह घेरे में था और पुलिस ने उसे दबोच लिया।
कालाबाजारी करने वालों पर रासुका , प्रेमिका फरार
पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ भादवि की धारा 389, 269, 270 के तहत मामला दर्ज किया है। मामले के अन्य आरोपियों शालिनी वर्मा की तलाश की जा रही है। इस मामले में, डीआईजी इरशाद वली ने कहा कि जीवन रक्षक इंजेक्शनों की कालाबाजारी रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। इसके लिए पूरे शहर में हड़कंप मचा हुआ है। ऐसे सभी आरोपियों पर कार्रवाई की जाएगी।
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