Image Credit | Boyett Family Dentistry |
यदि आप मसूड़ों की बीमारी से पीड़ित हैं, तो रक्तचाप बढ़ने का जोखिम दोगुना है। यह दावा यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के शोधकर्ताओं ने अपने शोध में किया है। शोधकर्ताओं के अनुसार, स्पाइनल डिजीज पीरियडोंटाइटिस से पीड़ित 250 लोगों पर शोध किया गया। शोध से पता चला कि उन्होंने 2.3 बार रक्तचाप बढ़ाया था।
मसूडों का रोग पीरियडोंटाइटिस क्या है
पेरियोडोंटाइटिस मसूड़ों में एक संक्रमण है। इस संक्रमण में, रक्तस्राव के साथ दांत कमजोर होने का खतरा बढ़ जाता है। शोधकर्ताओं का कहना है कि पीरियडोंटाइटिस से पीड़ित 250 में से 14 रोगियों में उच्च रक्तचाप पाया गया।
रोगियों में मसूड़ों की गंभीर बीमारी बड़े स्तर पर देखी गई। इसके अलावा, रक्तचाप को मापा गया था, रक्त परीक्षण किया गया था। परीक्षण के माध्यम से यह भी जांचा गया कि रक्त में सी-रिएक्टिव प्रोटीन कितना है। रक्त में सी-रिएक्टिव प्रोटीन का उच्च स्तर शरीर में सूजन को दर्शाता है। इसके अलावा शोध में उम्र, लिंग, बीएमआई, धूम्रपान और शारीरिक गतिविधि जैसे कारकों को भी शामिल किया गया।
पीरियंडोंटाइटिस बैक्टीरिया खतरनाक
शोधकर्ता डॉ ईवा एगुइलेरा कहती हैं, कई लोगों को रक्तचाप बढ़ने पर इसके लक्षण समझ में नहीं आते हैं। परिणामस्वरूप, हृदय रोग का खतरा भी बढ़ जाता है। शोधकर्ता फ्रांसेस्को का कहना है कि पीरियडोंटाइटिस बैक्टीरिया मसूड़ों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। वही बैक्टीरिया शरीर में सूजन को बढ़ाकर उच्च रक्तचाप जैसी समस्याओं का कारण भी बन सकते हैं।
मसूड़ों में समस्या होने पर बीपी की जांच करवाएं
शोधकर्ताओं के अनुसार, हमारे शोध से साबित होता है कि ज्यादातर लोग अपने बढ़े हुए रक्तचाप से अनजान हैं। कभी भी मसूड़ों में कोई समस्या होती है, तो आपको अपना ब्लड प्रेशर चेक करवाना चाहिए। इससे समय पर बीमारी को पकड़ा जा सकता है।
जर्नल हाइपरटेंशन में पब्लिश रिसर्च के मुताबिक, दिन में दो बार दांतों की सफाई करना मुंह की ज्यादातर समस्याओं को दूर रखता है।
Like and Follow us on :