Dictator Of The World : 30 अप्रेल को जर्मन तानाशाह एडोल्फ हिटलर ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या की थी। पिछली एक सदी का दौर कई तानाशाहों के दमन भरे शासन का साक्षी रहा है। ऐसे ही कुछ प्रमुख तानाशाहों के अंत से जुड़े यादगार किस्से।

बंकर में की खुदकुशी – एडोल्फ हिटलर, जर्मनी (1889—1945)
अप्रेल 1945 में जर्मन तानाशाह एडोल्फ हिटलर (adolf hitler) को लगने लगा था कि अब वे नहीं जीत पाएंगे। लेकिन वे किसी भी तरह दुश्मन के हाथ जिंदा नहीं आना चाहते थे। इसलिए उन्होंने खुदकुशी करने का फैसला किया। 30 अप्रेल को तीन बजे हिटलर की पत्नी इवा ब्राउन ने जहर निगला। उसी क्षण हिटलर ने भी 7.65 मिलीमीटर की नली वाली पिस्तौल को दाहिनी कनपटी रख कर सिर में गोली मार ली। उनका निजी सेवक कुछ ही मिनट बाद कमरे में आया। दोनों शवों को कंबलों में लपेटा और नाजी पार्टी के सैनिकों की मदद से चांसलर कार्यालय के लॉन में ले जाकर जला दिया। दरअसल, दूसरे विश्व युद्ध में जर्मनी हार की कगार पर था। इस वजह से 16 जनवरी से हिटलर तीन मीटर मोटी दीवारों वाले भूमिगत बंकर में रहने लगे थे। 25 अप्रैल को ही हिटलर ने अपने निजी अंगरक्षक को बुला कर कहा था कि जैसे ही मैं अपने आप को गोली मारूं, मेरे शव को जला देना।

प्रेमिका के साथ गोली का शिकार – बेनिटो मुसोलिनी, इटली (1883—1945)
(Dictator Of The World) इटली के फासिस्ट तानाशाह बेनिटो मुसोलिनी (benito mussolini) को उनकी प्रेमिका क्लारेटा पेटाची के साथ गोली मार दी गई थी। यह घटना हिटलर द्वारा खुदकुशी किए जाने के ठीक दो दिन पहले हुई थी। दूसरे विश्व युद्ध की शुरुआत में मुसोलिनी ने एक मशहूर वक्तव्य दिया था कि अगर वे लड़ाई के मैदान से हटे तो उन्हें गोली मार दी जाए। मुसोलिनी के इस कथन का उनके विरोधियों ने अक्षरश: पालन किया। युद्ध में हारने के बाद मुसोलिनी और उनकी प्रेमिका क्लारेटा स्विटजरलैंड की सीमा की तरफ बढ़ रहे थे, तभी डोगों कस्बे के पास उन्हें विरोधियों ने घेर लिया और कोमो झील के पास गोली से उड़ा दिया।

पार्टी के बाद बिगड़ी तबीयत – जोसेफ स्टालिन, सोवियत संघ (1878-1953)
सोवियत तानाशाह स्टालिन (joseph stalin) ने 28 फरवरी, 1953 को अपने डाचा पर अपने चार वरिष्ठ सहयोगियों को पार्टी के लिए बुलाया। पार्टी 1 मार्च को सुबह 4 बजे खत्म हुई। स्टालिन ने अपने अंगरक्षकों को निर्देश दिए कि कोई उनके कमरे में तब तक न आए, जब तक वे उन्हें खुद न बुलाएं। 1 मार्च को पूरे दिन स्टालिन के कमरे से कोई आवाज नहीं आई। शाम साढ़े छह बजे डाचा की लाइट जला दी गई, लेकिन स्टालिन तब भी अपने कमरे से बाहर नहीं निकले। रात 10 बजे मॉस्को से सेंट्रल कमेटी के दफ्तर से स्टालिन के लिए एक पैकेट आया। अंगरक्षकों ने तय किया कि उस पैकेट को स्टालिन के शयन कक्ष में ले जाया जाएगा। जब अंगरक्षक शयनकक्ष में घुसे तो वहां का मंजर देख कर भौचक्के रह गए। स्टालिन जमीन पर गिरे हुए थे। उनका हाथ थोड़ा उठा हुआ था और वे कुछ बोल नहीं पा रहे थे। काफी कोशिश करने पर भी उन्हें बचाया नहीं जा सका। पोस्टमार्टम से पता चला कि दिमाग में स्ट्रोक की वजह से उनकी मौत हुई।

गड्ढे से किया गिरफ्तार – सद्दाम हुसैन, इराक (1937-2006)
इराकी तानाशाह सद्दाम हुसैन (saddam hussein) को 2003 में इराक पर अमरीकी नेतृत्व वाले आक्रमण के बाद भागना पड़ा। अमरीकी सेना ने हुसैन को अपने गृहनगर के पास जमीन में एक छेद में छिपा हुआ पाया। उन्हें गिरफ्तार किया गया और 1982 में 148 इराकियों की हत्या के लिए मौत की सजा सुनाई गई। 30 दिसंबर, 2006 को हुसैन को बगदाद के उत्तर-पूर्व में कैंप जस्टिस में फांसी पर लटका दिया गया।

नाटो बलों की बमबारी – मुअम्मर गद्दाफी, लीबिया (1942-2011)
मुअम्मर गद्दाफी (Muammar Gaddafi) ने 1969 से 2011 तक लीबिया पर मजबूत पकड़ बनाए रखी। इसके बाद उपजे जनआंदोलन के बाद वे त्रिपोली से भाग गए, क्योंकि यह गृहयुद्ध में विद्रोहियों के कब्जे में आ गया था। माना जाता रहा कि वे अपने गृहनगर सिर्ते में महफूज रहे। 20 अक्टूबर, 2011 को जैसे ही सिर्ते पर विद्रोहियों का कब्जा हुआ, गद्दाफी और उनके सहयोगियों ने भागने की कोशिश की, जिस पर नाटो बलों ने बमबारी हुई और वे मारे गए।
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