प्रशांत महासागर (the Pacific Ocean ) में बेटे को जन्म (Woman Gives Birth to Son) देने का वीडियो शेयर करने के बाद एक महिला इंटरनेट सेंसेशनल बन गई है। दरअसल 37 वर्षीय जोसी प्यूकर्ट (Josy Peukert) ने निकारागुआ के प्लाया मजागुअल के तट पर अपनी डिलीवरी के दिन से वीडियो पोस्ट किए। गर्भावस्था के वक्त स्कैन (Without Any Medical Assistance) को ठुकराने के बाद, महिला ने तथाकथित फ्री बर्थिंग प्रॉसेस के बिना मेडिकल मदद (free birth) के अपने बच्चे को जन्म दिया। महिला ने बेटे का नाम बेबी बोधि अमोर ओशियन कॉर्नेलियस रखा है।
महिला ((Josy Peukert)) ने बताया कि बोधि का जन्म 27 फरवरी को हुआ था। डेली मेल को जोसी ने बताया कि मेरे दिमाग में यह आइडिया आया कि मैं अपने बच्चे को समुद्र में जन्म देना चाहती थी और क्योंकि उस दिन हालात ठीक थे, इसलिए मैंने ऐसा किया। महिला ने कहा कि हफ्तों तक, मैंने टाइड्स देखीं और जब मेरे जन्म देने का समय सही था तो मैंने जाना कि समुद्र तट उस दौरान मेरे लिए सुरक्षित था।
जोसी (Josy Peukert) ने बताया कि लहरों में दर्द के साथ ही मेरी लय बन गई
जब जोसी (Josy Peukert) को पता चला कि उसे लेबर पेन हो रहे हैं, तो उसके अन्य बच्चे महिला के दोस्तों के पास रहने चले गए और उसका पार्टनर उसे बर्थिंग टूल किट लेकर समुद्र तट पर ले गया। इसमें टॉवेल, प्लेसेंटा को पकड़ने के लिए छलनी के साथ एक कटोरा, गॉज और पेपर टीश्यू के टॉवेल शामिल थे। जोसी ने बताया कि लहरों में दर्द के साथ ही मेरी लय बन गई थी जिससे प्रवाह ने मुझे वास्तव में बेहतर महसूस कराया। एक वीडियो में जोसी को अपने दर्द के दौरान समुद्र तट पर घुटने टेके हुए देखा जा सकता है। वहीं एक अन्य क्लिप में उसे अपने नवजात बेटे को पकड़े हुए दिखाया है। इसमें गर्भनाल अभी भी पानी में दिख रही है।
जन्म देने के बाद हम घर गए और बच्चे का वजन किया वो साढ़े तीन किलो का था, बिना मेडिकल मदद की बताई वजह
महिला (Josy Peukert) ने बताया कि बोधि के जन्म और टॉवेल में लपेटे जाने के बाद मैं वापस समुद्र में रिफ्रेश होने चली गई। फिर मैंने कपड़े पहने और हम सब कुछ पैक कर घर चले गए। इसके बाद हम तीनों सीधे बिस्तर पर पहुंचे। बाद में उस शाम हमने बोधि को का वजन नापा। वह 3.5 किलो या 7lb 6oz था।
जोसी (Josy Peukert) ने बताया कि वह क्यों चाहती थी कि उसका बच्चा बिना मेडिकल मदद के पैदा हो। उसने कहा कि मैं एक बार के लिए चिंता मुक्त होना चाहती थी। मेरी पहली डिलीवरी एक क्लिनिक में दर्दनाक थी और मेरी दूसरी डिलीवरी घर में थी लेकिन तीसरे तक मेरे घर में मेरे लिए एक दाई भी बहुत ज्यादा हो जाता। इस बार मेरे पास डॉक्टर या स्कैन या बाहरी कोई प्रभाव नहीं था।
लेबर पेन के वक्त बस मुझे ये याद था कि स्वर्ग और पृथ्वी के बीच जीवन ही है
महिला ने बताया कि बच्चे के जन्म लेने की हमारे पास कोई फिक्स डेट या समय सीमा नहीं थी, हमें बस भरोसा था कि हमारा बच्चा अपने आने का रास्ता बना लेगा। मुझे अपने जीवन में एक नई छोटी जिंदगी का स्वागत करने के लिए कोई डर या चिंता नहीं थी… बस मैं, मेरी साथी और लहरें…। ये सुंदर था…। मेरे नीचे की नरम ज्वालामुखीय रेत ने मुझे याद दिलाया कि स्वर्ग और पृथ्वी के बीच और कुछ नहीं बस जीवन ही है….। बता दें कि ये वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
किसी ने की आलोचना तो किसी ने महिला के इस तरह बच्चे को जन्म देने की तारीफ की
कई लोगों ने बर्थिंग तरीके की तारीफ की वहीं अन्य ने इसकी आलोचना की। एक यूजर ने कहा, ‘कितना लेजेंड है, क्या मां है, कितना भाग्यशाली लड़का है। एक अन्य ने उसके निर्णय को सशक्त बताया। एक तीसरे यूजर ने लिखा, क्या यह सैनिटरी है? समुद्र में बहुत सारे बैक्टीरिया हैं। एक यूजर ने इस बात को भी लिखा कि बच्चे के लिए एक झटका होगा- एक गर्म यूट्रस से ठंडे समुद्र तक।
इस पर महिला ने जवाअ दिया कि बोधि का जन्म दोपहर में सूरज की रोशमनी में जब यह लगभग 35 डिग्री था, इसलिए हमें ऐसा बिल्कुल नहीं लगा कि उसे सर्दी लगेगी और मुझे पानी के संक्रमणों के बारे में कोई चिंता नहीं थी। बेटा पूरी तरह से स्वस्थ है। मैंने सब रिसर्च किया जिससे ये मुझे उसके लिए सुरक्षित लगा।
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