Human Evolution:क्‍यों इंसान को एक अरब पॉपुलेशन तक पहुंचने में 1800 साल लगे Read it later

Human Evolution:ईसा के जन्म के समय दुनिया की जनसंख्‍या 20 करोड़ के करीब थी, लेकिन इसे 100 करोड़ तक पहुंचने में करीब 1800 साल लग गए। इसके बाद यानी कि 100 करोड़ से 200 करोड़ तक पहुंचने में दुनिया को 130 साल ही लगे। ताजा ट्रेंड पर नजर डालें तो सिर्फ 12 साल में धरती पर इंसानों की संख्या 700 करोड़ से बढ़कर 800 करोड़ हो गई है। UN का अनुमान है कि अगले सात साल यानी 2030 तक दुनिया की आबादी (the human evolution) बढ़कर 850 करोड़ तक पहुंच जाएगी। हालांकि UN ने यह भी बताया है कि 1950 के बाद से पहली बार साल 2020 में जनसंख्या बढ़ोतरी की दर में एक फीसदी की गिरावट दर्ज हुई है। इसका कारण जैसा कि हम सभी जानते है कि कोराेना पैनडेमिक रहा।

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28 साल बाद धरती की आधी आबादी मात्र 8 देशों में होगी

जनसंख्‍या पर UN की रिपोर्ट में बताया गया है कि 2050 तक की जनसंख्‍या में से आधे से ज्यादा हिस्सा केवल आठ देशों में सिमट जाएगा। इसमें भारत और पाकिस्तान, फिलीपींस, मिस्र, कांगो, नाइजीरिया, तंजानिया​ और ​​​​​​इथियोपिया देश होंगे। वहीं युनाइटेड नेशन (UN) ने 61 ऐसे देशों का अनुमान भी बताया है जिनकी आबादी साल 2022 से 2050 के बीच कम हो जाएगी। इनमें सबसे ज्यादा देश यूरोप के होने का अनुमान है। वर्तमान की बात करें तो फिलहाल 46 देशों की आबादी सबसे ज्यादा तेजी से बढ़ रही है, इनमें से 32 देश सब सहारा अफ्रीका के बताए गए हैं।

 

UN की रिपोर्ट के अनुसार, अधिक से अधिक देशों की जनसंख्या का आकार वास्तव में गिर रहा है। 2010 के बाद से, 27 देशों या क्षेत्रों में लगातार कम प्रजनन दर के कारण कम से कम एक प्रतिशत की गिरावट देखी गई है। अब से 2050 के बीच, जनसंख्‍या का विस्तार 55 देशों तक होने की उम्मीद है, जहां जनसंख्या में एक प्रतिशत या उससे अधिक की कमी देखी जाएगी, और इनमें से लगभग आधे में कम से कम 10 प्रतिशत की गिरावट देखी जाएगी।

 

9 लाख साल पहले धरती पर थे मात्र 98 हजार

लेकिन क्या आप जानते हैं कि करीब 9 लाख साल पहले हमारी धरती पर मात्र 98 हजार लोग थे। फि‍र उस युग में मौसम में बदलाव के कारण इन लोगों की मौत होने लगी। इस स्थिति को खोज के दौरान ‘बॉटलनेक’ कहा गया, इसे हिंदी में में मतलब ‘अड़चन’ होता है। यह ‘बॉटलनेक’ काल 1 लाख 17 हजार वर्ष तक जारी रहा। फि‍र एक ऐसा वक्‍त भी आया जब हमारी धरती पर
केवल 1,280 लोग बचे थे।

न्‍यूयॉर्क टाइम की रिपोर्ट में खुलासा

दरअसल 9 लाख साल पहले पृथ्वी पर केवल 1,280 लोग बचे थे। जेनेटिक रिसर्च में यह बात सामने आई है। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में बताया गया है कि, चीनी शोधकर्ताओं के अनुसार करीब 9 लाख 30 हजार साल पहले ऐसी स्थिति बनी थी जिसके कारण इंसान का अस्तित्व खत्‍म होने की कगार पर था।

साइंस जर्नल में प्रकाशित शोध में कहा गया है कि हमारे 98.7 प्रतिशत पूर्वज ‘बॉटलेनेक’ अवधि की शुरुआत में ही मर गए थे। यानी उनकी संख्या 1,280 बची थी. इससे मानव का अस्तित्व खतरे में पड़ गया। हालाँकि, बाधा अवधि समाप्त होने के बाद, जनसंख्या में वृद्धि हुई और आज 8 बिलियन (800 करोड़) से अधिक लोग पृथ्वी पर रहते हैं।

human evolution
जीवाश्म निएंडरथल हड्डियाँ सबसे पहले पश्चिमी जर्मनी के डसेलडोर्फ शहर की निएंडर घाटी में पाई गईं, इसलिए उन्हें ‘निएंडरथल’ कहा गया। निएंडरथल अपने विलुप्त होने से पहले यानी 40 हजार साल पहले ऐसे नजर आते थे।

 

शोध के अनुसार, ‘बॉटलनेक’ के कारण मनुष्य दो वंशों में विभाजित हो गए – निएंडरथल और आधुनिक मानव। निएंडरथल 40 हजार साल पहले विलुप्त हो गए थे। निएंडरथल मानव प्रजाति होमो का एक विलुप्त सदस्य है। जर्मनी की निएंडर घाटी में आदिमानव की कुछ हड्डियाँ मिलीं, जिसके आधार पर उन्हें निएंडरथल मानव नाम दिया गया। उनकी ऊंचाई अन्य मानव जातियों की तुलना में छोटी थी। अब तक की स्टडी से मिली जानकारी के मुताबिक ऊंचाई 4.5 से 5.5 फीट के बीच ही थी।

 

1.9 मिलियन वर्ष पहले इंसान की स्थिति

इस समय रहने वाले होमिनिन (the human evolution) संभवतः साधारण पत्थर के औजार बनाते थे, लेकिन लगभग 1.9 मिलियन वर्ष पहले जीनस होमो के प्रकट होने तक हमारे पूर्वजों ने वास्तव में हमारी तरह दिखना और व्यवहार करना शुरू नहीं किया था। होमो इरेक्टस के जीवाश्म यूरोप और एशिया में पाए गए हैं, जो इसे अफ्रीका से बाहर निकलने वाले पहले होमिनिन के रूप में चिह्नित करते हैं। (human evolution) इसने अपने पूर्ववर्तियों की तुलना में कहीं अधिक परिष्कृत उपकरण तैयार किए, और संभवतः यह आग पर नियंत्रण करने वाला पहला होमिनिन भी था। कुछ शोधकर्ताओं का मानना है कि इसने खाना पकाने का आविष्कार किया, जिससे उन्हें बड़े मस्तिष्क को विकसित करने के लिए अधिक ऊर्जा प्रदान की गई।

हालाँकि, होमो इरेक्टस की शारीरिक रचना से पता चलता है कि वह बोलने में असमर्थ था। वह प्रतिभा संभवतः होमो हीडलबर्गेंसिस के साथ आई थी, जो लगभग 600,000 साल पहले अफ्रीका में होमो इरेक्टस से विकसित हुई थी। (human evolution timeline) ऐसा माना जाता है कि यूरेशिया में रहने वाले होमो हीडलबर्गेंसिस की आबादी ने पश्चिम में निएंडरथल और पूर्व में डेनिसोवन्स नामक एक रहस्यमय समूह को जन्म दिया है। वैज्ञानिकों के शोध से यह भी सवाल सामने आता है कि क्या इन्हें हमारा प्रत्यक्ष पूर्वज (human evolution) भी माना जाता था हालांकि, नए साक्ष्य मानव कहानी के इस हिस्से को पूरी तरह से फिर से लिख रहे हैं।

 

क्लाइमेट चेंज से मानव के अस्तित्व पर ऐसे खतरा आया (History of Human Evolution)

शोधकर्ताओं की मानें तो ‘बॉटलनेक’ ड्यूरेशन के समय मौसम में बहुत तेजी से बदलाव होने लगे थे, इस परिवर्तन को मध्य-प्लीस्टोसीन संक्रमण यानी मिड-प्लीस्टोसीन ट्रांजिशन के नाम से पुकारा गया। इसमें हिमनद काल बढ़ गया। दूसरे शब्दों में कहें तो यह काल हिमयुग का ही था। इसका मतलब यह कि धरती असहनीय रूप से ठंडी हो गई थी और हवा में भी नमी कम हो चुकी थी। अधिकांश भाग सूखे थे। यह स्थिति किसी भी मानव जाति (stages of human evolution) के जीवित रहने के लिए बहुत कठिन हो गई थी।

 

Human Evolution From

 

ऐसे किया गया जेनेटिक रिसर्च (future of human evolution)

DNA में होने वाले जेनेटिक विभिन्‍नता की तुलना करके, वैज्ञानिक प्राचीन आबादी (प्राचीन आबादी के लोगों, जो दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में रहते हुए इधर-उधर घूमते थे और आपस में जुड़े हुए थे) की वंशावली का पता लगा सकते हैं। वैज्ञानिक हिस्‍ट्री के अलग-अलग समय में ऐसी आबाद की संख्या का भी अनुमान लगा सकते हैं।

चीनी शोधकर्ताओं ने मानव विकास को समझने का एक नया तरीका खोजा निकाला है। इसे फिटकोल (FitCoal) यानी फास्ट इनफिनिटेसिमल टाइम कोलेसेंट (Fast Infinitesimal Time Coalescent) नाम दिया गया। इसके माध्यम से वैज्ञानिक मानव इतिहास (human evolution) को समय के आधार पर विभाजित कर सकते हैं। सरलता से समझने के लिए FitCoal के माध्यम से सैकड़ों या हजारों वर्षों में हुए परिवर्तनों (evolution) को महीनों में विभाजित किया गया।

पृथ्वी पर विभिन्न अवधियों में मानव आबादी का अनुमान लगाने के लिए वैज्ञानिकों ने 3,000 लोगों के जीनोम से आनुवंशिक डेटा एकत्र किया। इससे पता चला कि 9.30 से 8.13 लाख साल पहले धरती पर करीब 1 लाख इंसान रहते थे। धीरे-धीरे ये घटकर 1,280 हो गए। आज की मानव जाति इन्हीं 1,280 लोगों से विकसित हुई है।

शोधकर्ता डॉ. ली कहते हैं- फिटकोल एक ऐसा उपकरण या तरीका है, जिसके जरिए हम सजीव चीजों के निर्माण और बदलाव को एक समय सीमा में बांटकर देख सकते हैं। ये जीवित प्राणी मनुष्य के साथ-साथ पेड़-पौधे भी हो सकते हैं।

 

धरती पर हम इंसानों की संख्‍या ऐसे बढ़ी (human evolution timeline)

1-1804 (1803 साल)                      1804 – 2022 (218 साल )
0.2 से 1 अरब आबादी हुई                 1 से 8 अरब आबादी हुई

 

साल       आबादी (stages of human evolution)

1 ईसवी   0.2 अरब
1000     0.275 अरब
1500     0.45 अरब
1650     0.5 अरब
1750     0.7 अरब
1804     1 अरब
1850     1.2 अरब
1900     1.6 अरब
1930     2 अरब
1950     2.55 अरब
1960     3 अरब
1974     4 अरब
1980    4.5 अरब
1987     5 अरब
1998    6 अरब
2010    7 अरब
2022   8 अरब

 

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