मीथेन ऑक्सीजन रॉकेट में क्‍या है खास, चीन ने ऐसा रॉकेट आखिर क्‍यों बनाया Read it later

Methane Fuelled Rocket:चीन ने हाल ही मीथेन-लिक्विड ऑक्सीजन से चलने वाला रॉकेट लॉन्च किया है। यह प्रयोग सफल रहा है। ऐसा करने वाला चीन पहला देश बन गया है। मीथेन लिक्विड ऑक्सीजन प्रदूषण मुक्त होता है। इसे रॉकेट के लिए सुरक्षित और सस्ता ईधन माना जाता है। चीन के इस रॉकेट का नाम जूक्यू-2 है।

 

क्या है मीथेन लिक्विड ऑक्सीजन रॉकेट, जिसे चीन ने लॉन्च किया?

बैलिस्टिक मिसाइल उत्तर कोरिया ने हाल ही इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण करके दक्षिण कोरिया और जापान को टेंशन में डाल दिया है। मिसाइल का नाम ह्वासोंग-18 है। यह 5500 किलोमीटर तक मार सकती है। यह मिसाइल परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है। रूस, फ्रांस, यूके, चीन, इजरायल, अमरीका, भारत के बाद उत्तर कोरिया आठवां देश बन गया है जिसके पास यह मिसाइल है।

 

चीन की निजी एयरोस्पेस कंपनी लैंडस्पेस ने 12 जुलाई, 2023 को सुबह 9 बजे (स्थानीय समयानुसार) गोबी रेगिस्तान में स्थित जिउक्वान सैटेलाइट लॉन्च सेंटर से जुके-2 नाम के रॉकेट (Methane Fuelled Rocket) को लॉन्च किया। चीन की निजी अंतरिक्ष कंपनी लैंडस्पेस ने 12 जुलाई, 2023 को जुके-2 (Methane Fuelled Rocket) नामक रॉकेट का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया। रॉकेट में मीथेन और तरल ऑक्सीजन का उपयोग किया गया था, जिससे यह दुनिया का पहला रॉकेट बन गया जो पूरी तरह से इन ईंधनों से चलता है।

रॉकेट को गोबी रेगिस्तान में स्थित जिउक्वान सैटेलाइट लॉन्च सेंटर से प्रक्षेपित किया गया था। यह रॉकेट (Methane Fuelled Rocket) कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित हो गया और उसमें एक उपग्रह को स्थापित किया गया। यह उपग्रह मौसम की निगरानी और अन्य उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।

जुके-2 रॉकेट का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण चीन के निजी अंतरिक्ष उद्योग के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। यह रॉकेट चीन को अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक मजबूत स्थिति हासिल करने में मदद करेगा।

जुके-2 रॉकेट का प्रक्षेपण चीन के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। यह रॉकेट चीन को अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक मजबूत स्थिति हासिल करने में मदद करेगा।

जुके-2 रॉकेट का प्रक्षेपण चीन के निजी अंतरिक्ष उद्योग के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। यह रॉकेट चीन को अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक मजबूत स्थिति हासिल करने में मदद करेगा।

चीनी अधिकारियों ने कहा कि जुके-2 रॉकेट (Methane Fuelled Rocket) ने एक उपग्रह को कक्षा में स्थापित किया है, जो मौसम की निगरानी और अन्य उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। रॉकेट की सफलता से चीन के निजी एयरोस्पेस क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा और यह देश को अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक मजबूत स्थिति हासिल करने में मदद करेगा।

इस मिसाइल से जुड़े रोचक तथ्‍य

  • ज़ुके-2 लैंडस्केप द्वारा विकसित एक चीनी कक्षीय श्रेणी का लॉन्चिंग व्‍हीकल (Methane Fuelled Rocket) है।
  • यह तरल-ईंधन वाला रॉकेट है जो तरल ऑक्सीजन और तरल मीथेन (मेथालॉक्स) से चलता है।
  • यह कक्षा में पहुंचने वाला पहला मीथेन-ईंधन वाला रॉकेट है।
  • ज़ुके-2 का भार 216 मीट्रिक टन है और पहले चरण में 67 मीट्रिक टन के जोर के साथ 4 टीक्यू-12 मिथालॉक्स इंजन का उपयोग किया जाता है।
  • दूसरे चरण में 80 मीट्रिक टन के थ्रस्ट के साथ एक अनुकूलित TQ-12 का उपयोग 8 मीट्रिक टन के थ्रस्ट TQ-11 इंजन के संयोजन में किया जाता है जो वर्नियर थ्रस्टर के रूप में कार्य करता है।
  • ज़ुके-2 में 6,000 किलोग्राम पेलोड को 200 किमी की निचली पृथ्वी कक्षा में और 4,000 किलोग्राम पेलोड को 500 किमी सूर्य-तुल्यकालिक कक्षा में ले जाने की क्षमता है।
  • 14 दिसंबर 2022 को Zhuque-2 भी लॉन्च किया जा चुका है लेकिन यह असफल रहा।

 

 

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