अफगानिस्तान में तालिबान की अंतरिम सरकार का गठन, जानिए कौन-कौन है नई हुकूमत में, इधर तालिबान ने अमेरिका से कहा काबिल लोगों को अफगानिस्तान से न ले जाएं Read it later

अफगानिस्तान में तालिबान की अंतरिम सरकार का गठन

अफगानिस्तान में तालिबान शासकों के अब चेहरे सामने आ रहे हैं। इसी कड़ी में तालिबान ने मंगलवार को देश को चलाने के लिए 12 सदस्यीय परिषद का गठन किया। इनमें से 7 नामों की घोषणा कर दी गई है। वहीं, पांच नामों पर फैसला होना अभी बाकी है।

परिषद में अब्दुल गनी ​बिरादर (तालिबान का सह-संस्थापक), मुल्ला याकूब (तालिबान के संस्थापक का बेटा), खलील-उर-रहमान हक्कानी (हक्कानी नेटवर्क-आतंकवादी समूह), डॉ अब्दुल्ला अब्दुल्ला (पूर्व प्रधान मंत्री), हामिद करजई ( पूर्व राष्ट्रपति), हनीफ अतमार और गुलबुद्दीन हेकमतयार। सूत्रों का कहना है कि तालिबान राष्ट्रपति और अमीरात के अलावा 12 सदस्यीय परिषद के साथ अफगानिस्तान पर हुकूमत करेगा। हक्कानी अमेरिका के मोस्ट वांटेड आतंकियों की लिस्ट में शामिल है। उस पर पांच लाख डॉलर का इनाम भी है।

तालिबान लड़ाकों का सफाया करने वाले गुल आगा शेरजई को वित्त मंत्री नियुक्त किया गया
अमेरिका और तालिबान के बीच एक समझौता हुआ था, जिसके अनुसार  31 अगस्त 2021 तक तालिबान पूरी तरह से स्थाई सरकार नहीं बना सकता, इसलिए अंतरिम सरकार बनाई गई।

                     

तालिबान लड़ाकों का सफाया करने वाले गुल आगा शेरजई को वित्त मंत्री नियुक्त किया गया

तालिबान ने मंगलवार को अपनी अंतरिम सरकार के कई मंत्रियों की घोषणा की। खास बात यह है कि संगठन ने कभी तालिबान के कट्टर विरोधी गुल आगा शेरजई को वित्त मंत्री का पद दिया गया है। शेरजई कंधार और फिर नंगरहार के गवर्नर थे।

वह तालिबान के खिलाफ लड़ाई में सीआईए के खास थे। उन्हें तालिबान के कसाई की उपमा भी दी जाती है। कंधार के गवर्नर रहते हुए, उन्होंने तालिबान के खात्मे में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने नंगरहार के गवर्नर रहते हुए सड़क का निर्माण कराया था, जिसके कारण उन्हें अफगानिस्तान का बुलडोजर कहा जाता है। 

कुछ दिन पहले ही शेरजई ने तालिबान के प्रति निष्ठा की कसम खाई थी। वह अफगानिस्तान के बड़े नेताओं में से एक हैं, जो पहले तालिबान के कट्टर विरोधी थे, लेकिन अब तालिबान के साथ हैं।

नाटो फोर्स को हर हाल में 31 अगस्त तक अफगानिस्तान छोड़ने की चेतावनी
AFP

नाटो फोर्स को हर हाल में 31 अगस्त तक अफगानिस्तान छोड़ने की चेतावनी

इधर तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। मुजाहिद ने एक बार फिर अमेरिका को चेतावनी देते हुए कहा कि नाटो फोर्स को किसी भी हालत में 31 अगस्त तक अफगानिस्तान छोड़ देना होगा। हम इसकी समय सीमा बढ़ाने के पक्ष में नहीं हैं। वहीं उसने अमेरिका से अफगानिस्तान के काबिल लोगों को न ले जाने का अनुरोध भी किया।

इस बीच, अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने कहा है कि 31 अगस्त की समय सीमा में कोई बदलाव नहीं किया गया है। हमें विश्वास है कि हम इसे महीने के अंत तक पूरा कर लेंगे।

मुजाहिद ने कहा कि अमेरिका को डॉक्टरों, इंजीनियरों और शिक्षित अभिजात वर्ग को अपने देश में आने के लिए प्रोत्साहित नहीं करना चाहिए। ऐसे में तालिबान ने अफगान नागरिकों से देश नहीं छोड़ने को कहा है। मुजाहिद ने कहा कि महिलाएं अभी अपनी सुरक्षा के लिए घर पर ही रहें।

महिलाओं के काम पर स्थायी प्रतिबंध नहीं लगाने के दावे में कितना सच

मुजाहिद ने कहा कि तालिबान महिलाओं के काम पर स्थायी प्रतिबंध नहीं लगाएगा। मुजाहिद ने कहा कि तालिबान पंजशीर मुद्दे का शांतिपूर्ण समाधान चाहता है। उन्होंने दावा किया कि तालिबान ने किसी को निशाना नहीं बनाया था और घरों की तलाशी नहीं ली गई थी। 

मुजाहिद ने कहा कि हम एक नई व्यवस्था, नई सरकार बनाना चाहते हैं और अफगानिस्तान राष्ट्र का निर्माण करना चाहते हैं। उन्होंने काबुल से सभी बाधाओं को दूर करने और बुधवार से बैंक खोलने की भी घोषणा की।

जिन्होंने देश छोड़ा वे लौट आएं, दूतावास को देंगे पूरी सुरक्षा

जिन्होंने देश छोड़ा वे लौट आएं, दूतावास को देंगे पूरी सुरक्षा

मुल्ला बरादर की अमेरिकी खुफिया एजेंसी के प्रमुख से मुलाकात के सवाल पर उन्होंने किसी भी जानकारी से इनकार किया। मुजाहिद ने देश छोड़कर चले गए अफगान नेताओं के बारे में कहा कि हमारी किसी से कोई दुश्मनी नहीं है और न ही हमने ऐसे लोगों की कोई सूची बनाई है। 

जो लोग देश से बाहर गए हैं, उन्हें लौटना चाहिए। हम अतीत की सारी बातें भूल गए हैं। मुजाहिद ने दूसरे देशों के दूतावासों को सुरक्षा का आश्वासन देते हुए कहा, ‘हम नहीं चाहते कि विदेशी दूतावास बंद हों या काम करना बंद करें। हमने उन्हें सुरक्षा का आश्वासन दिया है।

अफगानिस्तान में इस्लामिक स्टेट को लेकर रूसी राष्ट्रपति ने सतर्क रहने को कहा

अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इस्लामिक स्टेट (ISIS) को लेकर चेतावनी दे डाली है। व्लादिमीर पुतिन ने यह बात सोमवार को मध्य एशियाई देशों के सैन्य संगठन सीएसटीओ के शिखर सम्मेलन के दौरान कही। 

यह वर्चुअल मीटिंग अफगानिस्तान की मौजूदा स्थिति पर चर्चा के लिए बुलाई गई थी। बैठक में रूस के अलावा ताजिकिस्तान, अर्मानिया, बेलारूस, कजाकिस्तान और किर्गिस्तान के नेताओं ने हिस्सा लिया।

बैठक के बारे में रूसी सरकार के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा कि, ‘सदस्य देशों ने माना कि चरमपंथी इस्लामी तत्वों को अपने क्षेत्र में घुसपैठ करने से रोकना अब जरूरी हो गया है। 

प्रवक्ता ने कहा, “रूसी राष्ट्रपति ने इस्लामिक स्टेट के बारे में विशेष चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि इसलामिक स्टेट अफगानिस्तान में हमेशा मजबूत रहा है।” पुतिन ने सीएसटीओ को इससे ज्यादा खतरा होना बताया है। 

जब पुतिन के स्पोक्सपर्सन से पूछा गया कि क्या रूस अफगानिस्तान में मध्यस्थता करेगा, तो उन्होंने इससे साफ मना किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति पुतिन ने बैठक में कहा कि यह आवश्यक है कि संयुक्त राष्ट्र, सुरक्षा परिषद और जी-20 देश मिलकर अफगानिस्तान में संकट का हल निकालने के लिए काम करें।

तालिबान का दावा- अंदराब में भारी मात्रा में हथियार कब्जे में लिए गए

तालिबान का दावा- अंदराब में भारी मात्रा में हथियार कब्जे में लिए गए
तालिबान ने दावा किया है कि उसने अंदराब में भारी मात्रा में हथियार कब्जा लिए हैं।

तालिबान ने दावा किया कि उसने अंदराब में कई मात्रा में हथियार जब्त किए हैं। तालिबान ने अंदराब में कई मिलीशिया लड़ाकों को पकड़ने का भी दावा किया है। तालिबान और पंजशीर के बीच गंभीर बातचीत चल रही है। तालिबान के सामने चुनौती यह है कि उसे बिना किसी रक्तपात के पंजशीर को जीतना है। अंदराब में बच्चों और बुजुर्गों पर तालिबान के हमले की तस्वीरें भी सामने आई हैं।

  • Taliban Afghanistan Kabul Capture LIVE Update | US Military Withdrawal | 
  • Pakistan Imran Khan | Indian Evacuation Latest News | Taliban Captures Afghanistan | Afghani People Rescued Thank India |  US Military Withdrawal | Taliban formed team-12 to rule Afghanistan

Was This Article Helpful?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *