भुवनेश्वर-नाइ दिल्ली | सुपर साइक्लोन अम्फान के जमीन से टकराने की प्रक्रिया जारी है। इसे पूरा होने में करीब 4 घंटे लगेंगे। मौसम विभाग के मुताबिक, प्रक्रिया दोपहर ढाई बजे शुरू हुई थी। अम्फान सुंदरबन के पास (पश्चिम बंगाल के दीघा और बांग्लादेश के हटिया के बीच) टकराया। वहीं, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के कई इलाकों में तेज बारिश हो रही है। तटीय क्षेत्रों में 165-185 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी। बांग्लादेश में तेज हवा और बारिश की वजह से एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है।
दोनों राज्यों में काम कर रही एनडीआरएफ
एनडीआरएफ के डीजी एसएन प्रधान के मुताबिक, हमारी टीमें दोनों प्रदेशों में काम कर रही हैं। 20 टीमें ओडिशा और 19 टीमें पश्चिम बंगाल में हैं। तूफान की स्थिति में बदलाव आया है। हमारा असल काम लैंडफाल के बाद शुरू होगा।
प्रभावित जिलों में 4 टीमों या उससे ज्यादा टीमों को तैनात किया है। अतिरिक्त अलर्ट टीम भी तैयार है। 24 टीमें एयरलिफ्ट के लिए स्टैंडबाय में हैं। ये 15 मिनट में तैयार होकर एयरलिफ्ट हो सकती हैं। लोगों को बाहर निकालने का काम जारी है।
एनडीआरएफ की टीमें पीपीई किट पहनकर काम कर रही है। गांवों में लोगों को जागरूक किया जा रहा है। पालतू जानवरों को बचाया जा रहा है। कई जगहों पर पेड़ टूटकर गिरे हैं। उसे हटाया जा रहा है।
कितना बड़ा तूफान है?
देश में 21 साल के बाद कोई सुपर साइक्लोन आया है। 1999 में एक चक्रवात ओडिशा के तट से टकराया था। उसे साइक्लोन ओ5 बी या पारादीप साइक्लोन का नाम दिया गया था।
कहां आया और कहां टकराएगा?
बंगाल की खाड़ी में। पश्चिम बंगाल के दीघा और बांग्लादेश के हटिया के बीच कहीं टकराएगा। ये इलाका विश्व धरोहर सूची में शामिल सुंदरबन के पास है।
तूफान से ओडिशा और बंगाल में कितने जिले प्रभावित हैं?
ओडिशा के 9 जिले पुरी, गंजाम, जगतसिंहपुर, कटक, केंद्रापाड़ा, जाजपुर, गंजाम, भद्रक और बालासोर प्रभावित हैं। पश्चिम बंगाल के तीन तटीय जिले पूर्वी मिदनापुर, 24 दक्षिण और उत्तरी परगना के साथ ही हावड़ा, हुगली, पश्चिमी मिदनापुर और कोलकाता पर इसका असर नजर आएगा।
कितने लोगों को सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया?
पश्चिम बंगाल में 5 लाख से ज्यादा लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। ओडिशा में 1 लाख 98 हजार से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
बचाव के क्या इंतजाम किए गए है?
नेशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स टीम यानी एनडीआरएफ की 41 टीमों की तैनाती की गई है। हर टीम में 45 लोग होते हैं। दक्षिण 24 परगना के डायमंड हार्बर में नेवी के गोताखोर तैनात किए गए हैं।