IMD की चेतावनी: अप्रैल 2025 में इन राज्यों में कहर बरपाएगी हीटवेव, जानें इसके बारे वे सबकुछ जो आप जानना चाहते हैं Read it later

Heatwave 2025 : भारत में अप्रैल 2025 की शुरुआत में ही गर्मी ने अपने तीखे तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने देश के विभिन्न हिस्सों में हीटवेव की चेतावनी जारी की है, जिससे यह संकेत मिलता है कि इस वर्ष की गर्मी पिछले वर्षों के रिकॉर्ड तोड़ सकती है।

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अगले कुछ दिनों में किन क्षेत्रों में पारा चढ़ेगा?

IMD ने अगले 4 दिनों के लिए विभिन्न राज्यों में हीटवेव को लेकर अलर्ट जारी किया है:

  • गुजरात: 6 से 10 अप्रैल तक सौराष्ट्र और कच्छ के इलाकों में गंभीर हीटवेव की संभावना है। स्थानीय अधिकारियों को आवश्यक कदम उठाने की सलाह दी गई है।

  • राजस्थान: 6 से 10 अप्रैल तक हीटवेव की स्थिति बनी रहेगी, जिसमें 7 से 9 अप्रैल तक कुछ क्षेत्रों में गंभीर हीटवेव हो सकती है।

  • हरियाणा, चंडीगढ़, पंजाब, दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश: इन राज्यों में भी हीटवेव की संभावना जताई गई है, और स्थानीय प्रशासन को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।

हीटवेव के पीछे के कारण

मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, अरब सागर पर बने एंटीसाइक्लोन के कारण राजस्थान और गुजरात में गर्म हवाएं बह रही हैं, जिससे इन क्षेत्रों में तापमान में वृद्धि हो रही है। दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र भी इन परिस्थितियों से प्रभावित हो रहा है, जिससे वहां भी हीटवेव की स्थिति बन रही है।

स्वास्थ्य पर प्रभाव और सावधानियां

उच्च तापमान के कारण लू लगने, डिहाइड्रेशन और हीट स्ट्रोक जैसी स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ सकती हैं। विशेषज्ञों का सुझाव है कि लोग धूप में निकलने से बचें, पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं, हल्के और ढीले कपड़े पहनें, और बाहर जाते समय सिर को ढककर रखें।

हीटवेव से प्रभावित राज्यों की सूची

IMD के अनुसार, अप्रैल से जून के बीच निम्नलिखित राज्यों में अधिक हीटवेव दिनों की संभावना है:

  • राजस्थान

  • गुजरात

  • हरियाणा

  • पंजाब

  • मध्य प्रदेश

  • महाराष्ट्र

  • उत्तर प्रदेश

  • बिहार

  • झारखंड

  • पश्चिम बंगाल

  • ओडिशा

  • छत्तीसगढ़

  • तेलंगाना

  • आंध्र प्रदेश

  • कर्नाटक (उत्तरी भाग)

  • तमिलनाडु (उत्तरी भाग)

अप्रैल 2025 में भारत में गर्मी का प्रकोप तीव्र होने की संभावना है। मौसम विभाग और विशेषज्ञों की सलाह का पालन करते हुए, हमें अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए। गर्मी से बचाव के उपाय अपनाकर हम इस चुनौतीपूर्ण समय का सामना कर सकते हैं।

क्या मई-जून में Heatwave 2025 और भी खतरनाक होगी?

अभी अप्रैल की शुरुआत ही हुई है और देश के कई हिस्सों में Heatwave 2025 की आहट महसूस की जा रही है। ऐसे में सवाल उठता है कि अगर गर्मी का यह प्रकोप अब शुरू हुआ है, तो मई और जून में हालात कितने बिगड़ सकते हैं?

IMD (India Meteorological Department) ने पहले ही साफ कर दिया था कि इस बार नॉर्थ-वेस्ट इंडिया के राज्यों—जैसे हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड और दिल्ली—में heatwave days की संख्या सामान्य से दोगुनी हो सकती है। जहां पहले 5-6 दिन की लू चलती थी, अब 10-12 दिनों के कई लंबे दौर संभव हैं।

हालांकि, मौसम विभाग ने अब तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि कुल मिलाकर 2025 में कितने हीटवेव दिन होंगे। लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह ट्रेंड जारी रहा, तो 2025 भारत के इतिहास का सबसे गर्म साल बन सकता है, जहां पारा 5°C या उससे अधिक तक ऊपर जा सकता है।

हीटवेव क्या होती है और क्यों होती है इसकी इतनी चर्चा?

IMD के वैज्ञानिक आरके जेनामनी बताते हैं कि जब किसी क्षेत्र में तापमान औसत से काफी अधिक हो जाए और उसमें गर्म हवाएं (लू) भी चलें, तो इसे Heatwave कहा जाता है। हर देश और इलाके के लिए हीटवेव का पैमाना अलग होता है।

Heatwave 2025

WMO (World Meteorological Organization) के अनुसार, किसी क्षेत्र में लगातार 5 दिनों तक अधिकतम तापमान, उसके औसत से कम से कम 5°C ज्यादा बना रहे, तो वह हीटवेव की स्थिति मानी जाती है।

भारत में IMD Heatwave Criteria के अनुसार:
  • मैदानी क्षेत्र: तापमान ≥ 40°C

  • तटीय क्षेत्र: तापमान ≥ 37°C

  • पहाड़ी क्षेत्र: तापमान ≥ 30°C

अगर तापमान 4.5°C से ज्यादा होता है, तो वह Heatwave, और 6.4°C से ज्यादा होने पर Severe Heatwave घोषित की जाती है।

हर राज्य में हीटवेव का औसत अलग
  • राजस्थान: सामान्यत: 8 से 12 heatwave days

  • उत्तर प्रदेश: औसतन 10 से 12 days

  • 2024 में रिकॉर्ड: पूर्वी राजस्थान में 23, पश्चिमी राजस्थान में 29 और यूपी में 32 दिन हीटवेव चली थी

Heatwave 2025 को देखते हुए, यह साफ है कि इस साल सामान्य से ज्यादा लंबे और तीव्र हीटवेव स्पेल्स देश को झुलसा सकते हैं। ऐसे में सतर्क रहना और सुरक्षा उपाय अपनाना बेहद जरूरी है।

Heatwave 2025: किन राज्यों में सबसे अधिक असर, कब तक रहेगी लू की स्थिति?

IMD Heatwave Alert के अनुसार भारत के 13 राज्यों को Heatwave Prone States की सूची में रखा गया है। इन राज्यों में हर साल मार्च से जून के बीच तापमान गंभीर रूप से बढ़ता है, और इस बार 2025 में स्थिति और विकट हो सकती है।

इन राज्यों में सबसे ज्यादा खतरा:

  • राजस्थान

  • पंजाब

  • हरियाणा

  • चंडीगढ़

  • दिल्ली

  • पश्चिम मध्य प्रदेश

  • उत्तर प्रदेश

  • छत्तीसगढ़

  • ओडिशा

  • विदर्भ (महाराष्ट्र)

  • गंगा के किनारे वाले पश्चिम बंगाल के इलाके

  • तटीय आंध्र प्रदेश

  • तेलंगाना

Core Heatwave Zone (CHZ) माने जाने वाले इन क्षेत्रों में कई बार जुलाई तक भी लू की स्थिति बनी रहती है। IMD का अनुमान है कि इस बार अप्रैल से जून 2025 के बीच उत्तर, मध्य और पूर्वी भारत में सामान्य से अधिक heatwave days दर्ज किए जाएंगे।

वहीं, देश के Extreme South, North-East States, Jammu-Kashmir, और Himachal Pradesh में लू की संभावना नहीं है।

क्या भारत में हर साल बढ़ रही है हीटवेव?

Climate Change Impact in India को लेकर कई शोध सामने आए हैं। Indian Institute of Tropical Meteorology, Pune की एक स्टडी बताती है कि साल 2000 के बाद से भारत में हर 10 साल में औसतन 3 extra heatwave days बढ़े हैं।

इस बढ़ते तापमान का प्रभाव केवल गर्मी तक सीमित नहीं, बल्कि Human Health, Agriculture और Ecosystem पर भी गहरा असर डालता है।

  • 2024: सबसे गर्म साल रहा, कुल 554 Heatwave Days दर्ज किए गए।

  • 2023: दूसरा सबसे गर्म साल, लेकिन केवल 230 Heatwave Days थे।

यह साफ संकेत हैं कि Heatwave 2025 भी रिकॉर्ड तोड़ सकता है,  इससे देश के कई हिस्सों में हालात चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं।

पिछले 10 सालों में हीटवेव डे 3 गुना से भी ज्यादा बढ़े, 2024 बना रिकॉर्डधारी साल

IMD Data on Heatwave Days के अनुसार भारत में लू के दिन हर साल तेज़ी से बढ़ते जा रहे हैं। पिछले एक दशक में हीटवेव की तीव्रता और frequency दोनों में जबरदस्त बढ़ोतरी दर्ज की गई है। खासकर 2022 के बाद से आंकड़े चौंकाने वाले हैं।

वर्षवार हीटवेव डे का डेटा:
  • 2015: 161 दिन

  • 2016: 170 दिन

  • 2017: 188 दिन

  • 2018: 96 दिन

  • 2019: 178 दिन

  • 2020: केवल 40 दिन (कोविड लॉकडाउन की वजह से अपेक्षाकृत कम)

  • 2021: 52 दिन

  • 2022: बड़ा उछाल, 467 हीटवेव डे

  • 2023: 230 हीटवेव डे

  • 2024: अब तक का सबसे गर्म साल, 554 Heatwave Days

👉 Analysis: 2015 से 2024 तक देखें तो भारत में हीटवेव के दिन तीन गुना से अधिक बढ़ गए हैं। यानी Climate Change और Global Warming अब सिर्फ चेतावनी नहीं, जमीनी हकीकत बन चुके हैं।

🔴 Conclusion: अगर यही ट्रेंड जारी रहा तो Heatwave 2025 और भी खतरनाक हो सकता है, खासकर vulnerable populations के लिए।

Heatwave 2025: इस बार इतनी भीषण गर्मी क्यों पड़ेगी? जानिए दो बड़े कारण

भारत में मौसम की चरम स्थिति, खासकर भीषण गर्मी (Extreme Summer Conditions) के पीछे दो मुख्य वेदर फेनोमेना जिम्मेदार होते हैं – Western Disturbance और Anti-Cyclone.

1. Western Disturbance क्या है और इसका असर कैसे होता है?

पश्चिमी विक्षोभ यानी Western Disturbance दरअसल भूमध्य सागर (Mediterranean Sea) से उठने वाली एक नमीयुक्त हवा है, जो तूफानी गति से गल्फ देशों, कैस्पियन सागर और काला सागर से होकर भारत तक पहुंचती है। यह सिस्टम भारत में पहुंचकर मौसम को अचानक बदल देता है, इसलिए इसे Disturbance कहा जाता है।

  • ठंड के मौसम में जब Western Disturbance एक्टिव होता है, तो Unseasonal Rainfall, ओलावृष्टि और बर्फबारी की स्थिति बनती है।

  • लेकिन जब ये सिस्टम कमजोर या निष्क्रिय हो जाए, तो Summer Heatwave लंबे समय तक बनी रह सकती है।

2. Anti-Cyclone से कैसे बिगड़ता है तापमान का बैलेंस?

Skymet Weather के वाइस प्रेसिडेंट Mahesh Palawat के अनुसार, इस साल अरब सागर के ऊपर एक मजबूत Anti-Cyclone System विकसित हो चुका है। इसका असर:

  • राजस्थान और गुजरात की ओर गर्म हवाओं (Hot Winds) का बढ़ना।

  • समुद्र से ठंडी हवाएं आने का रास्ता बंद हो जाना।

  • Delhi NCR समेत पूरे उत्तर भारत में शुष्क और गर्म मौसम बना रहना।

समुद्री हवाओं का रुख कैसे बदलता है?

IMD रायपुर की वैज्ञानिक Gayatri Vani Kanchibhotla के अनुसार, एंटी साइक्लोन के सक्रिय होने से हवा का बहाव Clockwise Direction में हो जाता है। इसका असर:

  • बंगाल की खाड़ी से आने वाली ठंडी हवाएं अवरुद्ध हो जाती हैं।

  • दक्षिण भारत के अंदरूनी हिस्सों की गर्म हवाएं ओडिशा, आंध्र और बंगाल की तरफ मुड़ने लगती हैं।

  • इससे समुद्री किनारे के राज्यों में Heat Trapping होती है, और Coastal Heatwave Risk तेजी से बढ़ता है।

🔴 नतीजा: भारत के कोस्टल रीजन (Odisha, Andhra Pradesh) इस बार Heatwave 2025 से सबसे ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं।

एंटी साइक्लोन से क्यों फंस जाती है गर्म हवा?

सामान्य मौसम

  • जब मौसम सामान्य होता है, तो वायुमंडल में Low Pressure Zone बनता है।

  • इस स्थिति में गर्म हवाएं ऊपर उठती हैं और उनकी जगह ठंडी समुद्री हवाएं भरने के लिए आ जाती हैं।

  • इससे गर्मी नियंत्रित रहती है।

एंटी साइक्लोनिक कंडीशन

  • जब वातावरण में Anti-Cyclone बनता है, तब हवा में High Pressure उत्पन्न होता है।

  • इस स्थिति में गर्म हवा ऊपर नहीं उठती, बल्कि उसी जगह रुक जाती है।

  • गर्म हवाएं फंस जाती हैं और ठंडी हवाओं का आवागमन रुक जाता है।

  • परिणामस्वरूप, Heatwave जैसी स्थिति बनने लगती है और तापमान लगातार बढ़ता है।

🔴 नतीजा: एंटी साइक्लोन की वजह से वातावरण में गर्म हवाएं कैद हो जाती हैं, जिससे भीषण गर्मी और लू की संभावना कई गुना बढ़ जाती है।

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