Monsoon 2024: भारतीय मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक, मानसून अंडमान-निकोबार पहुंच गया है। 31 मई तक यह केरल पहुंच जाएगा। लेकिन ये मानसून राजस्थान में सबसे आखिर में एंट्री लेगा। गौरतलब है कि पिछले साल भी मानसून ने अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में 19 मई को ही दस्तक दी थी, लेकिन यह केरल में 9 दिन देरी से 8 जून को पहुंचा था।
मौसम विशेषज्ञों की मानें तो इस साल मानसून सामान्य तारीख से पहले ही केरल प्रवेश कर सकता है। इस साल केरल में मानसून आने की सामान्य तारीख 1 जून बताई गई है। इसमें घोषित तारीख में 4 दिन कम या ज्यादा होने की गुंजाइश मौसम विभाग की ओर से रखी गई है। यानी मानसून 28 मई से 3 जून के मध्य कभी भी दस्तक दे सकता है।
IMD के अनुसार, मानसून के एमपी में 16 से 21 जून और राजस्थान में 25 जून से 6 जुलाई तक पहुंचने के संभावना हैं। वहीं उत्तर प्रदेश में 18 से 25 जून तक और बिहार-झारखंड में 18 जून के आस-पास मानसून पहुंच जाएगा।
साल 1972 के दौरान सबसे देरी से यानी 18 जून को केरल पहुंचा था मानसून
आईएमडी के आंकड़ों पर गौर करें तो बीते 150 वर्षों में केरल में मानसून के आगमन की तारीखें काफी अलग-अलग रही हैं। 1918 में मानसून सबसे पहले 11 मई को ही केरल पहुंच गया था, जबकि 1972 में सबसे देर से 18 जून को केरल पहुंचा था। बीते चार वर्ष यानी 2020 में 1 जून, 2021 में 3 जून, 2022 में 29 मई और 2023 में 8 जून को मॉनसून केरल पहुंचा था।
इस साल ला नीना के कारण अच्छी बारिश की उम्मीद
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार दो जलवायु पैटर्न होते हैं, अल नीनो और ला नीना। बीते वर्ष साल अल नीनो पूरी तरह से सक्रिय था, जबकि इस साल इस सप्ताह अल नीनो की संंभावना खत्म हुई हैं और उम्मीद जताई जा रही है कि तीन से पांच सप्ताह में ला नीना की स्थिति बन जाएगी। बीते वर्ष अल नीनो के दौरान सामान्य से 94 फीसदी कम बारिश हुई थी। 2020 से 2022 तक ला नीना ट्रिपल डिप के दौरान 109%, 99% और 106% तक बारिश हुई।
ला नीना और एल नीनो दोनों क्या हैं?
अल नीनो: इसमें समुद्र का तापमान 3 से 4 डिग्री तक बढ़ जाता है। इसका इफैक्ट 10 साल में दो बार होता है। इसके प्रभाव से अधिक वर्षा वाले क्षेत्रों में कम वर्षा और कम वर्षा वाले क्षेत्रों में अधिक वर्षा होती है।
ला नीना: इसमें समुद्र का पानी तेजी से ठंडा होने लगता है। इसका असर दुनियाभर के मौसम पर पड़ता है। इसके असर से आसमान में बादल छाते हैं और बेहतर बारिश के आसार बनते हैं।
जानिए मानसून सबसे पहले केरल के बाद किस तारीख को किस राज्य में दस्तक देगा
- केरल – 1 से 3 जून
- तमिलनाडु – 1 से 5 जून
- आंध्र – 4 से 11 जून
- कर्नाटक – 3 से 8 जून
- बिहार – 13 से 18 जून
- झारखंड – 13 से 17 जून
- पश्चिम बंगाल – 7 से 13 जून
- छत्तीसगढ़ – 13 से 17 जून
- गुजरात – 19 से 30 जून
- मध्य प्रदेश – 16 से 21 जून
- महाराष्ट्र – 9 से 16 जून
- गोवा – 5 जून
- ओडिशा – 11 से 16 जून
- उत्तर प्रदेश – 18 से 25 जून
- उत्तराखंड – 20 से 28 जून
- हिमाचल प्रदेश – 22 जून
- लद्दाख, जम्मू – 22 से 29 जून
- दिल्ली – 27 जून
- पंजाब – 26 जून से 1 जुलाई
- हरियाणा – 27 जून से 3 जुलाई
- चंडीगढ़ – 28 जून
- राजस्थान – 25 जून से 6 जुलाई
IMD का अनुमान- इस साल 106% यानी 87 सेमी बारिश हो सकती है।
पिछले महीने IMD ने कहा था कि इस साल देश में सामान्य से बेहतर मॉनसून रहेगा। मौसम विभाग (IMD) 104 से 110 फीसदी के बीच बारिश को सामान्य से बेहतर मानता है। क्योंकि यह फसलों के लिए अच्छा संकेत होता है। ख़रीफ़ फ़सलें सामान्य मानसूनी बारिश पर निर्भर करती हैं।
IMD की मानें तो 2024 में 106% यानी 87 सेमी बारिश हो सकती है। 4 महीने के मानसून सीजन के लिए लंबी अवधि का औसत (एलपीए) 868.6 मिलीमीटर यानी 86.86 सेंटीमीटर है। यानी विशेषज्ञों के अनुसार मानसून सीजन में कुल इतनी बारिश होनी चाहिए।
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