Weather India : कई राज्यों में गर्मी ने किया बेहाल, आज इन राज्यों में होगी बारिश, जानें IMD का ताजा अपडेट Read it later

Weather India : दिल्ली में रविवार को अलग-अलग जगहों पर ‘लू’ जैसे हालात बने रहे और सोमवार से बारिश (Rain in Delhi) से कुछ राहत मिलने की उम्मीद है। मौसम विभाग (IMD Weather) के मुताबिक आज सोमवार को पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, यूपी और वेस्‍ट राजस्थान में गरजना/बिजली के साथ बारिश की हो सकती है। अगले 4 दिनों के दौरान गंगीय पश्चिम बंगाल और बिहार के पृथक/कुछ हिस्सों में, अगले 3 दिनों में उप-हिमालयी, वेस्‍ट बंगाल और सिक्किम में लू की स्थिति बन सकती है।

18 तारीख मंगलवार को, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, गिलगिट, बाल्टिस्तान और मुजफ्फराबाद के कुछेक स्थानों पर भारी वर्षा होने की संभावना जबकि हिमाचल प्रदेश में 18 और 19 और उत्तराखंड में 19 अप्रैल को भारी बारिश के हालात बन सकते हैं। अगले 72 घंटों के दौरान देश में कहां- कहां मौसम कैसा रहेगा।

देश में अधिकतम तापमान कहां रहेगा, पूर्वानुमान क्‍या है और कहां चलेगी लू

मौसम विभाग (IMD) के मानें तो अगले 24 घंटों में नोर्थ- ईस्‍ट यानी अरुणाचल प्रदेश-असम, मेघालय-नागालैंड, मणिपुर-मिजोरम और त्रिपुरा में अधिकतम तापमान में खास बदलाव नहीं रहेगा, लेकिन इसके बाद के दौरान धीरे-धीरे 2 डिग्री के स्‍तर से तापमान में बढ़ोतरी होगी। 48 घंटे। -4 डिग्री सेल्सियस नीचे गिरने की संभावना है। अगले 4 दिनों के दौरान पूर्वी भारत यानी बिहार, झारखंड, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम, गांगेय पश्चिम बंगाल, ओडिशा, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में अधिकतम तापमान में महत्वपूर्ण बदलाव की कोई संभावना नहीं है। इसके अलावा, अगले 4 दिनों के दौरान गंगीय पश्चिम बंगाल और बिहार के अलग-अलग हिस्सों/कुछ हिस्सों में और अगले 3 दिनों के दौरान उप-हिमालयी, पश्चिम बंगाल और सिक्किम में लू चलने की संभावना है।

इसी तरह मि‍ड‍िल इंडिया में एमपी के पूर्वी मध्य प्रदेश, विदर्भ और छत्तीसगढ़ में अगले 3 दिनों के भीतर अधिकतम तापमान में 2-3 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी होगी। इसके बाद के 2 दिनों के भीतर लगभग 2 डिग्री सेल्सियस की गिरावट की संभावना भी बन रही है। इसके अलावा 17 व 18 अप्रैल को पश्चिमी मध्य प्रदेश के विभिन्न इलाकों में लू चलने की संभावना है.

 

देश के कई राज्यों में बारिश का अनुमान और चेतावनी

मौसम विभाग के अनुसार अगले 5 दिनों के दौरान उत्तर पश्चिम भारत के पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में गरज/बिजली के साथ हल्की/मध्यम छिटपुट बारिश होने की संभावना है. दूसरी ओर, 18 अप्रेल को जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, गिलगिट, बाल्टिस्तान और मुजफ्फराबाद में कुछएक स्थानों पर भारी वर्षा हाे सकती है, जबकि हिमाचल प्रदेश में 18 और 19 और उत्तराखंड में 19 अप्रैल को भारी बारिश की संभावना है। जबकि आज जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, गिलगिट, बाल्टिस्तान और मुजफ्फराबाद में ओलावृष्टि हो सकती है। जबकि हिमाचल प्रदेश में 17 से 18 अप्रैल के समय में व उत्तराखंड में 18 से 20 अप्रैल के बीच ओलावृष्टि होने की संभावना है।

अगले 4 दिनों के दौरान पश्चिम भारत, महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में गरज/बिजली/तेज हवाओं के साथ हल्की बारिश की संभावना है। 17-19 अप्रैल को पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और पश्चिमी राजस्थान में गरज/बिजली के साथ बारिश की संभावना है। देश के बाकी हिस्सों में कोई महत्वपूर्ण मौसम की उम्मीद नहीं है।

 

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Praful Gangurde/Getty Images

अब समझिए इस बार भीषण गर्मी से निपटने के लिए क्‍या है सरकार का हीट ऐक्‍शन प्‍लान (HAP)

भारत हीटवेव से मानव जीवन को होने वाले आर्थिक नुकसान और खतरे से निपटने के लिए हीट एक्शन प्लान (एचएपी) तैयार करता है। इसमें प्री-हीट तैयारी, आपदा प्रबंधन और गर्मी के बाद क्या करना है, इसका खाका तैयार किया जाता है। ये गर्मी की लहरों से निपटने के लिए राज्य, जिला और शहर स्तर पर तैयार किए गए मार्गदर्शन दस्तावेज हैं। HAPs का सबसे महत्वपूर्ण कार्य अपने क्षेत्र के उन हिस्सों को स्वास्थ्य, वित्त, सूचना और बुनियादी ढांचा संसाधन प्रदान करना है जो भीषण गर्मी से प्रभावित होने के सबसे अधिक जोखिम में हैं।

HAPs में गर्मी से जुड़ी एक चेतावनी प्रणाली होती है। इसके माध्यम से विभिन्न सरकारी विभागों के बीच समन्वय संभव हो पाता है। लोगों को हीट स्ट्रोक के प्रति जागरूक किया जा रहा है। इसके अलावा एचएपी में गर्मी के प्रभाव से निपटने के लिए अल्पकालिक और दीर्घकालिक समाधान भी बताए गए हैं।

एचएपी हीट वेव से निपटने के लिए बनाए गए हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर इनकी स्थिति अलग है। सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च (CPR) के एक आकलन से पता चलता है कि 18 राज्यों के 37 एचएपी में कई स्तरों पर व्यापक भिन्नता पाई गई। CPR के मुताबिक, एचपीए में स्पष्ट स्थान, जोखिम आकलन, धन और पारदर्शिता की कमी है। केंद्र ने एचएपी की अपनी समीक्षा में पाया कि उन्होंने अपने अधिकार के कानूनी स्रोतों का खुलासा नहीं किया। उनकी सभी योजनाएँ जोखिम समूहों की पहचान करने में विफल रहीं। इन 37 एचपीए में से नौ शहर-स्तर, 13 जिला और 15 राज्य-स्तरीय एचएपी हैं।

 

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