Mumbai Pollution: आर्थिक राजधानी मुंबई का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) दिल्ली से भी बदतर हो गया है, जिससे शहर देश का सबसे प्रदूषित महानगर बनता जा रहा है। सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च के अनुसार वित्तीय राजधानी में बीते दिनों वायु गुणवत्ता सूचकांक 191 दर्ज किया गया, जो दिल्ली के 84 से भी खराब है। अंधेरी और मझगांव में यह 300 से अधिक था; सायन और बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स 200 को पार कर गया। विशेषकर श्वसन संबंधी समस्याओं वाले लोगों के लिए स्वास्थ्य अलर्ट शुरू हो गया है। एक्यूआइ मॉनिटरिंग चार्ट के अनुसार 201-300 को खराब, 301-400 को बहुत खराब और 400 से अधिक एक्यूआइ को गंभीर माना जाता है। नवंबर 2022 और जनवरी 2023 के बीच 92 दिनों में से, मुंबई में 66 दिनों के लिए खराब और बहुत खराब एक्यूआइ दर्ज किया गया, इसके लिए शहर में बड़े पैमाने पर चल रहे निर्माण कार्यों को सबसे बड़ा कसूरवार ठहराया जा रहा है। यह मुंबई के तटीय शहर की साफ हवा के स्वास्थ्य पर वरदान को छीन सकता है।
फेफड़ों को गला सकती है जहरीली हवा (Mumbai Pollution)
वायु प्रदूषण का यह स्तर फेफड़ों को कमजोर कर सकता है। मुंबई में फेफड़ों के कैंसर से होने वाली मौतों में धीरे-धीरे वृद्धि देखी गई है , जो 2009 में 621 से बढ़कर 2021 में 923 हो गई है, जो 12 वर्षों में 48.6% की वृद्धि को दर्शाता है। वर्ष 2016 से 2021 तक छह साल की अवधि में, मुंबई में कुल 14,396 व्यक्तियों ने क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज-सीओपीडी के कारण अपनी जान गंवाई। () इसी अवधि के दौरान, मुंबई में 1,220 लोगों की मृत्यु ब्रोंकाइटिस से हुई, और 6,757 मौतें अस्थमा के कारण हुईं, इनमें से 619 मौतें एम ईस्ट वार्ड में हुईं, जिसमें गोवंडी भी शामिल है। देवनार में एशिया के सबसे पुराने डंपिंग यार्ड की उपस्थिति के कारण इस क्षेत्र में वायु प्रदूषण का स्तर बहुत उच्च है।
मुंबई में वायु प्रदूषण के शीर्ष पांच स्रोत (Mumbai Pollution)
- निर्माण मलबे से उत्पन्न होने वाली धूल।
- सड़क पर उड़ती धूल।
- ठोस अपशिष्ट और कूड़े को खुले में जलाना।
- रेस्तरां, ढाबों, बेकरियों और सड़क किनारे भोजनालयों में अशुद्ध ईंधन का उपयोग।
- ऐसे उद्योगों जिनमें रेडी मिक्स कंक्रीट (आरएमसी) संयंत्रों और कास्टिंग यार्ड संयंत्रों का उपयोग होता है।
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