उत्तराखंड की महिला निकली Bulli Bai App केस की मास्टरमाइंड, बंगलुरु से पकड़ा गया महिला का इंजीनियर दोस्त Read it later

उत्तराखंड की महिला निकली Bulli Bai App केस की मास्टरमाइंड

‘बुली बाई ऐप’ पर मुस्लिम महिलाओं की बोली लगाने के मामले में हैरान करने वाला खुलासा हुआ है। पुलिस ने इस मामले में उत्तराखंड की एक लड़की को इस मामले में गिरफ्तार किया है। लड़की को इस पूरे मामले का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है, यानी  यही महिलाओं की बोली  करवा रही थी।

मुंबई पुलिस की एक टीम उत्तराखंड में मौजूद है और मंगलवार को ट्रांजिट रिमांड पर लड़की को अपनी हिरासत में लेने की प्रक्रिया पूरी कर रही है। ट्रांजिट रिमांड मिलने के बाद उसे बुधवार को मुंबई लाया जाएगा।

इधर, इस मामले में बेंगलुरु से गिरफ्तार सॉफ्टवेयर इंजीनियर विशाल झा को मुंबई की बांद्रा मेट्रोपॉलिटन कोर्ट में पेश किया गया है। करीब आधे घंटे की सुनवाई के बाद आरोपी को 10 जनवरी तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। झा बिहार का रहने वाला है।

तीन एकाउंट को संभाल रही आरोपी महिला

मुंबई पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक मुख्य आरोपी लड़की ‘बुली बाई’ एप से जुड़े तीन अकाउंट हैंडल कर रही थी। सह आरोपी विशाल कुमार ने ‘खालसा वर्चस्ववादी’ के नाम से एकाउंट बनया था। 

मुख्य आरोपी लड़की और विशाल झा दोनों अच्छे दोस्त बताए जा रहे हैं। सोशल मीडिया के जरिए ही दोनों की दोस्ती हो गई। मुंबई पुलिस के मुताबिक, दोनों अपना नाम बदलते थे और सोशल मीडिया पर अकाउंट चलाते थे। उसने सिख संगठनों के नाम से कुछ एकाउंट बनाए थे। साइबर सेल की टीम इन सोशल एकाउंट्स की भी जांच कर रही है। फिलहाल महिला की पहचान का खुलासा नहीं किया गया है।

तीन एकाउंट को संभाल रही आरोपी महिला
फोटोः सोशल मीडिया।

मामला कैसे खुला

यह मामला सबसे पहले 1 जनवरी को सामने आया था। आरोपी ने कई मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरों को एडिट करके गिटहब प्लेटफॉर्म पर ‘बुली बाय ऐप’ पर नीलामी के लिए रखा था। इसमें उन महिलाओं को निशाना बनाया गया, जो सामाजिक मुद्दों पर सक्रिय थीं। इनमें कुछ महिला पत्रकार, कार्यकर्ता और वकील भी शामिल हैं।

मुंबई में दर्ज हुई थी FIR

इसके बाद रविवार को वेस्ट मुंबई साइबर थाने में इस मामले में अज्ञात आरोपियों के खिलाफ आईटी एक्ट और आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया. इस एफआईआर में मुंबई पुलिस ने आईपीसी की धारा 153-ए (धार्मिक आधार पर दो समुदायों के बीच भेदभाव को बढ़ावा देना), 153-बी (जानबूझकर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने की कोशिश), 

354-डी (पीछा करना), 509 (शब्दों या व्यवहार का उपयोग करना) दर्ज किया है। एक महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने का इरादा) और 500 (आपराधिक मानहानि)। साथ ही आईटी एक्ट की धारा 67 (आपत्तिजनक सामग्री को इलेक्ट्रॉनिक रूप में प्रकाशित करना या भेजना) को भी शामिल किया गया है।

पुलिस ने मांगी डेवलपर की जानकारी

दिल्ली पुलिस ने सोमवार सुबह गिटहब (Github) प्लेटफॉर्म से डॉगी एप्लिकेशन के डेवलपर के बारे में जानकारी मांगी। वहीं, ट्विटर को अपने प्लेटफॉर्म पर संबंधित सामग्री को ब्लॉक करने और हटाने के लिए कहा गया है। पुलिस ने ऐप के बारे में सबसे पहले ट्वीट करने वाले अकाउंट हैंडलर के बारे में भी ट्विटर से जानकारी मांगी है।

क्या है आखिर ये Bulli Bai App

‘Bulli Bai’ एक ऐसी एप्लिकेशन है जो Github एपीआई पर होस्ट की जाता है ये एप्लीकेशन ‘Sulli Deal’ की तरह ही काम करती है। इस एप्लीकेशन में मुस्लिम महिलाओं को सोशल मीडिया पर लोगों के लिए एक प्रोडक्ट के तौर पर पेश किया जाता है। 

हालांकि बुल्ली बाई के ट्विटर हैंडल को सस्पेंड कर दिया गया है, हैंडल के बायो में लिखा था कि ‘बुली बाई खालसा सिख फोर्स (KSF) द्वारा एक कम्यूनिटी की ओर से ओपरेटेड ओपन-सॉर्स ऐप है। हाल की घटना में, सैकड़ों मोमडन वुमन की फोटोज का गलत इस्तेमाल किया गया और 1 जनवरी को ‘बुली बाई’ के नाम से गिटहब का यूज करके एक ऐप पर एक अननॉन ग्रुप द्वारा अपलोड किया गया। 

इसमें सामने आया कि बुल्ली बाई ऐप के हिडन लोग खुद को खालिस्तानी आंदोलन के समर्थक बताने वाले हैं और गिरफ्तार खालिस्तानी आतंकियों की रिहाई की मांग कर रहे हैं। सामने आया कि ऐप को URL Bullibai.github.io पर होस्ट किया गया था, लेकिन लोगों द्वारा सोशल मीडिया पर एप्लीकेशन को शेयर करने के बाद अब इसे हटा दिया गया है। वहीं एप्लीकेशन से जुड़े एक ट्विटर एकाउंट को भी सस्पेंड कर दिया गया है।

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