मशहूर शायर मुनव्वर राणा (Munawwar Rana) का देर रात कार्डियक अरेस्ट से निधन हो गया। जानकारी के अनुसार वे कई दिनों से बीमार थे। इसी कारण उनका पीजीआई में इलाज चल रहा था। उन्हें किडनी और हृदय संबंधी अन्य समस्याएं भी थीं। वह काफी समय से बीमार थे।
आगामी 22 जनवरी को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है, लेकिन चार साल पहजले निर्माण के भूमि पूजन के बाद अब धन्नीपुर में बनने वाली मस्जिद को लेकर मशहूर शायर मुनव्वर राणा ने हैरान करने वाला बयान दिया था। उन्होंने अयोध्या में मुस्लिम पक्षकारों को मस्जिद के लिए मिली 5 एकड़ जमीन पर राजा दशरथ के नाम अस्पताल बनवाने की मांग की थी। यही नहीं पीएम को भेजे पत्र में उन्होंने कहा था कि मस्जिद का निर्माण जबरदस्ती हासिल की गई जमीन पर नहीं किया जाता।
रायबरेली में अपनी जमीन पर बाबरी मस्जिद बनाने का दिया था ऑफर
मुनव्वर ने पीएम को लिखे पत्र में कहा था कि रायबरेली में सई नदी के किनारे हमारी 5.5 बीघे जमीन है। सई नदी के तट पर वुजूखाने के लिए चबूतरा बनने से इसकी सुंदरता और बढ़ जाएगी। यह जमीन मेरे बेटे तबरेज राणा के नाम पर है। मुनव्वर राणा ने लिखा कि था कि मैं चाहता हूं कि इस जमीन पर बाबरी मस्जिद की ऐसी भव्य इमारत बने, ताकि इस तरफ से गुजरने वाले दुनिया के लोग बाबरी मस्जिद को देख सकें।
राणा ने पत्र में लिखा था कि नया मुस्लिम वक्फ बोर्ड बनाकर सभी वक्फ संपत्तियों को इस नए वक्फ बोर्ड से जोड़ा जाए। मुझे उम्मीद है कि अदालत मुसलमानों की वक्फ संपत्तियों, जो अवैध कब्जे में हैं, को जल्द से जल्द मुस्लिम समुदाय को सौंपने का प्रयास करेगी, ताकि मस्जिद और अस्पताल परियोजनाओं को पूरा किया जा सके।
बता दें कि बीते साल मुनव्वर राणा को खराब सेहत के चलते लखनऊ के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था। तब से भी उनकी हालत इतनी बिगड़ गई थी कि उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था।
गौरतलब है कि पित्ताशय यानी गॉल ब्लेडर में संक्रमण के कारण पिछले साल मई में उनका ऑपरेशन किया गया था। इसके बाद वह काफी समय तक वेंटिलेटर पर ही रह रहे थे। वह बीपी, शुगर और किडनी रोग से भी जूझ रहे थे।
2017 में भी मुनव्वर राणा के फेफड़ों और गले में संक्रमण हो गया था और कई सालों से उनका डायलिसिस चल रहा था। उन्हें साल 2017 में भी सीने में दर्द की शिकायत भी हुई थी। फेफड़े और गले में भी संक्रमण था। इसके बाद उन्हें एसजीपीजीआई, लखनऊ में भर्ती कराया गया था। उनके दोनों घुटनों का भी ऑपरेशन किया गया है। वहीं किडनी की समस्या के कारण उनका दिल्ली में इलाज भी चल रहा था।
साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटा दिया गया
मुनव्वर को साल 2014 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। हालांकि, साल 2015 में बढ़ती असहिष्णुता के नाम पर यह पुरस्कार लौटा दिया गया था। वहीं किसान आंदोलन के दौरान उन्होंने कहा था कि संसद भवन को तोड़कर वहां फार्म बनाया जाना चाहिए।
वहीं साल 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में मुनव्वर राना का नाम वोटर लिस्ट से गायब हो गया था। इस वजह से वह वोट नहीं कर पाए थे। राणा ने कहा था कि मेरा नाम वोटर लिस्ट में नहीं है। इसलिए मैं वोट देने नहीं जा पाऊंगा।’ राणा लखनऊ कैंट विधानसभा के मतदाता थे।
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