Shridevi Biography: 80 का दशक बॉलीवुड का वो दौर था कि यदि आप दक्षिण से लेकर उत्तर भारत में आप हिंंदी फिल्मों के किसी भी फैन से पूछते की आपकी पंसदीदा अभी कौन है तो एक ही नाम निकलता था श्रीदेवी। ये वौ कालखंड था जब उनसे सीनय अभिनेत्री का दौर गुजरने लगा था और माधुरी दीक्षित न्यूकमर थीं। जयप्रदा भी श्रीदेवी की समक्ष थीं, लेकिन उन्हें वो मुका नहीं मिला जो श्रीदेवी ने हासिल किया।
आज उनके जन्म दिवस पर जानिए ऐसी बातें जो शायद आप नहीं जानते हाेंगे। 13 अगस्त 1963 को तमिलनाडु के सिवकासी के पास मीनमपट्टी गांव में जन्मी श्री देवी के पिता अयप्पन एक प्रसिद्ध वकील थे और उनकी मां राजेश्वरी एक साधारण गृहिणी थीं। श्रीदेवी का पूरा नाम श्री अम्मा यंगर अयप्पन था।
श्रीदेवी (Shridevi Biography) को बचपन से ही मिमिक्री करने का शौक था। वो किसी को भी हंसाने में माहिर थीं। घर में जो भी मेहमान पहुंचता, उसके जाते ही श्रीदेवी उसकी नकल करतीं और सबको हंसातीं। अपने इसी हुनर की बदौलत श्रीदेवी को पहले साउथ और फिर देशभर में पहचान मिली। उनकी प्रतिभा को देखते हुए उनके परिवार ने उन्हें कॅरियर के लिए हमेशा से स्वतंत्र रखा। इसी कारण उन्होंने 4 साल की उम्र में ही ‘कंधन करुनाई’ में काम करना शुरू किया।
श्रीदेवी के साथ कंधन करुनई की शुरुआत
1967 में, 3 साल की श्रीदेवी को तमिल फिल्म कंधन करुनई में मुरुगन के किरदार के लिए कास्ट किया गया था। यह फिल्म एक हिंदू पौराणिक कथा थी, जिसमें साउथ सुपरस्टार जेमिनी गणेशन, शिवाजी गणेशन, सावित्री और जे। जयललिता ने अभिनय किया था।
श्रीदेवी (Shridevi life story) ने इस फिल्म में अपने प्रदर्शन से सभी को आश्चर्यचकित कर दिया। वह इतनी छोटी उम्र में भी एक कुशल अभिनेत्री थीं। फिल्म को दर्शकों और समीक्षकों दोनों ने खूब पसंद किया। यह फिल्म एक बड़ी हिट रही और श्रीदेवी को रातोंरात स्टार बना दिया।
कंधन करुनई श्रीदेवी के करियर की शुरुआत थी। उन्होंने इसके बाद कई और फिल्मों में काम किया, जिनमें से कुछ ने उन्हें और भी अधिक प्रसिद्धि दिलाई। वह एक सफल अभिनेत्री बनीं और उन्होंने हिंदी, तमिल, तेलुगु, कन्नड़ और मलयालम फिल्मों में काम किया।
श्रीदेवी (Shridevi) का करियर 40 साल से अधिक का रहा। उन्होंने कई हिट फिल्में दीं और उन्होंने कई पुरस्कार भी जीते। वह एक लोकप्रिय अभिनेत्री थीं और उन्हें भारत की सबसे प्रतिभाशाली अभिनेत्रियों में से एक माना जाता था।
श्रीदेवी (Shridevi movies) अपने समय की सबसे महंगी एक्ट्रेस थीं। उनकी फीस रेखा और हेमा मालिनी जैसी मशहूर एक्ट्रेसों से भी अधिक थी। उन्हें मिस्टर इंडिया (1987) में काम करने के लिए बोनी कपूर ने पहले ही 11 लाख का प्रस्ताव दिया, हालांकि उनकी मां सिर्फ 10 लाख मांग रही थीं।
उस समय, कोई भी एक्ट्रेस 11 लाख से कम कमाती थी। श्रीदेवी की मां को बोनी कपूर का प्रतिभा-सम्मान पसंद आया, और उन्होंने कहा कि अगर वह कभी फिर से उनके साथ कोई फिल्म करते हैं, तो उनसे पैसे मत मांगना।
श्रीदेवी (Shridevi schooling) की आउटडोर शूटिंग में हमेशा एक टीचर उनके साथ जाता था
बाल कलाकार के तौर पर श्रीदेवी (Shridevi) के पास इतनी फिल्में हुआ करती थीं कि उन्हें एक साथ डबल शिफ्ट में काम करना पड़ता था। फिल्मों में लगातार काम करते-करते श्रीदेवी की पढ़ाई पर असर पड़ने लगा, जिससे उनके पिता काफी नाराज रहने लगे।
पढ़ाई न छूटे इसके लिए जब भी वह शूटिंग के लिए शहर से बाहर जाती थीं तो उनके पिता उनके साथ एक स्कूल टीचर भेजा करते थे । श्रीदेवी (Shridevi Biography) शूटिंग ब्रेक के दौरान ही पढ़ाई करती थीं। समय के साथ, श्रीदेवी के लिए पढ़ाई और अभिनय में संतुलन बनाना मुश्किल हो गया और उन्होंने दोनों में से अभिनय को चुना।
10 साल की उम्र में बनगई हीरोइन, मिली के. बालाचंदर की फिल्म
एक दिन श्रीदेवी (Shridevi Biography) अपने घर में थीं कि अचानक उस दौर के मशहूर सिनेमेटोग्राफर बालू महेंद्र आ गए। वही बालू महेंद्र जिन्होंने सालों बाद श्रीदेवी के साथ फिल्म सदमा बनाई थी। उन्होंने श्रीदेवी की मां से पूछा कि क्या आपके घर में कोई साड़ी है, जो आप श्रीदेवी को पहना सकें।
मां ने तुरंत एक साड़ी निकाली और 10 साल की श्रीदेवी को पहना दी। उन्होंने श्रीदेवी को देखा और बिना कुछ जवाब दिए वहां से रवाना हो गए। श्रीदेवी भी हैरान हुए कि इतनी छोटी बच्ची को साड़ी आखिर क्यों पहना दी गई।
अगले दिन श्रीदेवी (Shridevi and her mother rajeshwari) एक फिल्म की शूटिंग के लिए एक स्टूडियो पहुंची थी, आमतौर पर सेट पर श्रीदेवी के साथ उनकी मां राजेश्वरी भी रहती थीं। दोनों जब स्टूडियो में दाखिल हुए तो सभी उनकी मां को बधाई दे रहे थे और कह रहे थे- बधाई हो, आपकी बेटी हीरोइन बन गई है। दरअसल मशहूर फिल्म निर्माता के बालाचंदर ने महज 10 साल की उम्र में ही श्रीदेवी को अपनी फिल्म की लीड रोल दे दिया था।
श्रीदेवी के कम उम्र में हीरोइन बनने के खिलााफ थीं मां
10 साल की श्रीदेवी (Shridevi achievments) के लिए ये बड़ा अचीवमेंट रहा हो, लेकिन उनकी मां इससे खुश नहीं थीं। उनका मानना था कि श्रीदेवी अभी युवा भूमिकाएं निभाने के लायक ही नहीं हैं और उन भूमिकाओं का उन पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। हालांकि लोगों के समझाने के बाद वह मान गईं। श्रीदेवी ने 1975 की फिल्म मूंदरू मुदिचू से तमिल सिनेमा में मुख्य भूमिका में डेब्यू किया। जब फिल्म रिलीज हुई तब वह सिर्फ 13 साल की थीं।
10 साल की उम्र में रजनीकांत की मां का किरदार निभाया था
फिल्म मूंदरू मुदिचू में 10 साल की श्रीदेवी (Shridevi Biography) ने रजनीकांत की सौतेली मां का रोल प्ले किया था, जो अपनी बहन की मौत का रिवेंज लेने के लिए पिता से शादी करके रजनीकांत को सबक सिखाती है। ये फिल्म जबरदस्त तरीके से हिट रही थी।
फिल्म में रजनीकांत पहली बार अहम भूमिका में नजर आये थे। जिस वक्त श्रीदेवी लीड रोल में नजर आईं उस दौरान भी उनकी फिल्में चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर रिलीज हो रही थीं। पहली ही फिल्म से श्रीदेवी को साउथ इंडस्ट्री में पहचान मिल गई।
16 साल की उम्र में हिंंदी फिल्म सिनेमा में डेब्यू किया तो फ्लॉप साबित हुईं, हिम्मतवाला से बनी देश की सुपरहिट स्टार
साउथ में अपनी अदाकारी से पहचान बनाने के बाद श्रीदेवी (Shridevi) ने 1979 में आई फिल्म सोलवां सावन से बॉलीवुड में डेब्यू किया। यह तमिल फिल्म 16 व्याथिनिले (1977) की हिंदी रीमेक फिल्म थी, जिसमें श्रीदेवी मुख्य भूमिका में थीं। पहली हिंदी फिल्म फ्लॉप रही, जिसके बाद अभिनेत्री श्रीदेवी (Biography of Sridevi in Hindi Jivani) ने कई हिंदी फिल्मों के ऑफर्स ठुकराए। फिर 4 साल बाद श्रीदेवी (Shridevi in Himmatwala) ने फिल्म हिम्मतवाला से धमाकेदार वापसी की।
यह उस साल की सबसे बड़ी फिल्म साबित हुई, जिसमें श्रीदेवी के साथ जीतेंद्र मुख्य भूमिका में थे. इस फिल्म ने श्रीदेवी को देशभर में पहचान दिलाई और वह तोहफा, मास्टरजी, नगीना, जांबाज जैसी कई हिट फिल्मों में काम कर स्टार बन गईं।
जीतेंद्र हर फिल्म सिर्फ श्रीदेवी के साथ ही करना चाहते थे
हिम्मतवाला की सक्सेस के बाद से ही जीतेंद्र को श्रीदेवी (Shridevi Biography) का अभिनय इतना पसंद आया कि वह हर फिल्म में उनके साथ ही काम करना चाहते थे। यही कारण था कि जीतेंद्र और श्रीदेवी (Shridevi films) ने ‘जानी दोस्त’ (1983), ‘जस्टिस चौधरी’ (1983), ‘तोहफा’ (1984), ‘सुहागन’ (1986), ‘धर्माधिकारी’ (1986) और ‘दिल’ में एक साथ अभिनय किया। ‘लगाके देखो’ (1986)। 1988) जैसी फिल्मों में एक साथ
जब नगिना में लेंस लगाने से आंखे खराब हुई तो मन्नत मांग ऋषिकेश में धर्मशाला बनवाई
फिल्म नगीना (1986) में श्रीदेवी ने नागिन का किरदार निभाया था। (Shridevi in nagina) नागिन बनने के लिए उन्हें सेट पर कई घंटों के लिए कॉन्टैक्ट लेंस पहनना पड़ता था, जिसके कारण उनकी आंखें खराब होने लगीं। इसके बाद आंखों को ठीक करने के लिए श्रीदेवी ने ऋषिकेश के पास नीलकंठ महादेव मंदिर में मन्नत मांगी और वहां 3 कमरे बनवाए। आज इन कमरों को श्रीदेवी की धर्मशाला के नाम से जाना जाता है, जहां यात्री रुकते हैं। बता दे कि फिल्म नगीना से श्रीदेवी को सुपरस्टार की श्रेणी का बना दिया था।
102 डिग्री बुखार में की थी मिस्टर इंडिया के गाने “कांटे नहीं कटते ये दिन ये रात” की शूटिंग
जिस वक्त श्रीदेवी (Shridevi Biography) फिल्म मिस्टर इंडिया के गाने काटे नहीं कटते की शूटिंग कर रही थीं, तब उन्हें तेज बुखार था। गाने में उन्हें आकर्षक दिखने के लिए गीली नीली साड़ी पहनकर डांस करना था। श्रीदेवी की सेहत को देखते हुए उनकी मां नहीं चाहती थीं कि वह यह गाना शूट करें, लेकिन वह नहीं मानीं और उन्होंने 102 डिग्री बुखार में यह गाना पूरा किया।
फिल्म चांदनी से श्रीदेवी ने फैशन का नया ट्रेंड शुरू किया
फिल्म मिस्टर इंडिया (1987) के लिए 11 लाख फीस चार्ज करने के बाद, श्रीदेवी ने फिल्म चांदनी (1989) के लिए 15 लाख लिए और अपनी सबसे ज्यादा फीस का रिकॉर्ड तोड़ा। चांदनी फिल्म में श्रीदेवी के पहने गए डिजाइनर कॉस्ट्यूम्स ट्रेंड में आ गए। मेरे हाथों में नौ-नौ चूड़ियां हैं गाना आज भी रेडिफ चार्ट के बॉलीवुड के सर्वश्रेष्ठ 25 विवाह गीतों में शामिल है।
पिता के अंतिम संस्कार से लौट किया कॉमेडी सीन
1991 में जब श्रीदेवी के पिता अय्यप्पन का निधन हुआ, तब वह फिल्म लम्हें (1991) की शूटिंग कर रही थीं। श्रीदेवी ने काम से छुट्टी ले ली थी, लेकिन जैसे ही उनके पिता का अंतिम संस्कार हुआ, वह अगले ही दिन फिल्म के सेट पर पहुंची और फिल्म के लिए एक कॉमेडी सीन दिया। सेट पर श्रीदेवी की परफॉर्मेंस देखकर हर कोई हैरान रह गया।
श्रीदेवी का नाम सुनते ही अफगानिस्तान में हुआ सीजफायर
श्रीदेवी और अमिताभ बच्चन स्टारर फिल्म खुदा गवाह (1992) की शूटिंग अफगानिस्तान के विभिन्न हिस्सों में की गई थी। उस समय अफ़ग़ानिस्तान में युद्ध का माहौल था, जगह-जगह गोलीबारी हो रही थी और मिसाइलों का इस्तेमाल भी आम था। डर के मारे लोगों ने अपने घरों से निकलना भी बंद कर दिया था।
सोवियत ने अफ़ग़ानिस्तान से कब्ज़ा हटा लिया और देश की ज़िम्मेदारी नजीबुल्लाह को दे दी, जो राष्ट्रपति बने। नजीबुल्लाह भारतीय फिल्मों के बड़े प्रशंसक थे, इसलिए जब उनसे अमिताभ-श्रीदेवी की फिल्म की शूटिंग की इजाजत मांगी गई तो वह तुरंत तैयार हो गए।
बॉलीवुड बबल के मुताबिक, शूटिंग की इजाजत तो मिल गई, लेकिन वहां माहौल बेहद खराब था। जब अमिताभ बच्चन और श्रीदेवी शूटिंग के लिए अफगानिस्तान के बुजकशी के मजार-ए-शरीफ पहुंचे तो राष्ट्रपति नजीबुल्लाह अहमदजई ने उनकी सुरक्षा के लिए आधी अफगानी सेना ही तैनात की थी।
फिल्म की शूटिंग देखने के लिए अफगानिस्तान में लोगों की भीड़ उमड़ती थी। कई बार तो ऐसा भी होता था जब अफगानिस्तान में श्रीदेवी को एक नजर देखने के लिए गन फायर बंद हो जााती थीं और स्थानीय लोग बेखौफ होकर शूटिंग देखने के लिए अपने घरों से बाहर निकलते थे। शूटिंग ख़त्म होते ही फिर से गोलीबारी शुरू हो जाती थी।
एक बार खुदा गवाह फिल्म की शूटिंग में अफगानिस्तान का आतंकी कमांडर रॉकेट दागने वाला था, लेकिन श्रीदेवी (Shridevi Biography) को शूटिंंग में कोई परेशानी न हो इसलिए उसने फायरिंग रोक दी। ऐसे में अफगानिस्तान में आज भी लोग श्रीदेवी को शांति का प्रतीक मानते हैं। जब अमिताभ और श्रीदेवी दोनों शूटिंग के बाद वापस लौट रहे थे तो राष्ट्रपति नजीबुल्लाह ने दोनों को ऑर्डर ऑफ अफगानिस्तान से नवाजा भी था।
श्रीदेवी की फिल्में देखने के लिए पाकिस्तानियों ने सरकार से बगावत कर दी थी
ये बात तब की है जब जनरल जिया-उल-हक पाकिस्तान के राष्ट्रपति बने, तब उन्होंने देश में भारतीय फिल्में देखने पर पूरी तरह से बैन लगा दिया। यदि कोई भारतीय फिल्में देखते हुए पाया जाता तो उसे जेल भेज दिया जाता और जुर्माना भी लगाया जाता। इस पाबंदी के बावजूद पाकिस्तान में श्रीदेवी की लोकप्रियता ने बगावत शुरू कर दी थी।
श्रीदेवी का ये वीडियो तब का है जब जब उनकी फिल्म मोम आई थी तब श्रीदेवी ने फिल्म के कलाकारों को लेकर धन्यवाद दिया था और वे भावुक हो गईं थी। देखें वीडियो
बीबीसी के पूर्व पाकिस्तानी सीनियर रिपोर्टर वुसअत उल्लाह खान ने अपनी एक रिपोर्ट में इस वाकये के बारे में बताया था। (shridevi pakistan fan following) उन्होंने कहा था कि जब वह कराची यूनिवर्सिटी में थे तो भारतीय फिल्में बैन होने के बावजूद हॉस्टल के बच्चे पैसे इकट्ठा करके उस दौर में चलने वाला वीसीआर लाते थे और बंद कमरों में श्रीदेवी की फिल्में देखते थे। कई लड़कों को पकड़कर जेल भेजा दिया गया, फिर भी हॉस्टल में श्रीदेवी की फिल्में देखना बंद नहीं हुआ था।
कई बार हॉस्टल के बच्चे सरकार के खिलाफ विरोध जताने के लिए जानबूझकर श्रीदेवी की फिल्में फुल वॉल्यूम में देखते थे और सुरक्षा गार्डों तक आवाज पहुंचाने की कोशिश किया करते थे।
मिथुन से शादी की खबरों की अफवाह फैली लेकिन, शादीशुदा बोनी का जीवनभर के लिए हाथ थामा
श्रीदेवी एक समय मिथुन चक्रवर्ती के साथ रिलेशनशिप में थीं। खबरों के मुताबिक इन दोनों ने शादी भी कर ली थी, हालांकि इनके रिश्ते को लेकर कभी कोई पुख्ता खबर सामने नहीं आई।
जब मिथुन का शक दूर करने के लिए श्रीदेवी ने बोनी कपूर को राखी बांधी
रिलेशनशिप में रहते हुए भी मिथुन श्रीदेवी और बोनी कपूर के बीच अफेयर होने का शक करते थे। यही वजह थी कि श्रीदेवी ने बोनी को राखी बांधी थी। इसके कुछ समय बाद मिथुन से अलग होकर श्रीदेवी ने बोनी कपूर से शादी कर ली।
(shridevi marriage) बोनी कपूर की शादी तोड़ने का दोषी श्रीदेवी को माना गया था, यही वजह थी कि बोनी की पहली पत्नी मोना शौरी की मौत के बाद जब श्रीदेवी बोनी के घर आईं तो सौतेले बेटे अर्जुन ने सालों तक उन्हें मां के तौर पर एक्सेप्ट नहीं किया। फिर शादी के बाद श्रीदेवी ने फिल्मों से ब्रेक ले लिया।
अमेरिकी डॉक्टरों की लापरवाही के कारण माँ की मेमोरी चली गई, श्रीदेवी ने केस किया और उन्हें मुआवजे में 9 करोड़ रुपए मिले
1995 में, श्रीदेवी (Shridevi persnal life) की मां राजेश्वरी को ब्रेन ट्यूमर डिटेक्ट हुआ। चेन्नई के डॉक्टरों के कहने पर श्रीदेवी अपनी मां को ऑपरेशन के लिए अमेरिका ले गईं। ऑपरेशन से पहले श्रीदेवी की मां बहुत डरी हुई थीं। वहीं न्यूरोसर्जन डॉ. एहुद ऑर्बिट ने लापरवाही के चलते गलत ऑपरेशन कर दिया। ट्यूमर बायीं ओर था, लेकिन ऑपरेशन दायीं ओर किया गया। इस लापरवाही के कारण श्रीदेवी की मां की याददाश्त चली गई।
एक साल बाद 1996 में श्रीदेवी की मां राजेश्वरी का निधन हो गया। उन्होंने अमरीका के अस्पताल के खिलाफ केस दर्ज कराया जहां उनकी मां ने लापरवाही बरती थी। श्रीदेवी केस जीतीं, डॉक्टर सस्पेंड हुआ और उन्हें 9 करोड़ रुपये का मुआवजा मिला।
इटली में श्रीदेवी को मारा था थप्पड़
श्रीदेवी की बेटी जान्हवी कपूर ने एक इंटरव्यू के दौरान इटली में उनकी मां के साथ हुए वाकये के बारे में बताया था। जान्हवी ने बताया कि एक बार इटली में एक इटालियन शख्स ने उनकी मां श्रीदेवी को थप्पड़ मार दिया था। दरअसल श्रीदेवी चेन्नई में अपनी मां के घर के लिए फर्नीचर खरीदने गई थीं। दुकान में ही उनकी एक शख्स से बहस होने लगी और बहस इतनी बढ़ गई कि शख्स ने उन्हें थप्पड़ मार दिया। जैसे ही दोस्तों ने यह बात बोनी को बताई तो वे तुरंत इटली के लिए निकले।
30 साल के कॅरियर में 300 के करीब फिल्में और कई अवॉर्ड हासिल किए
श्रीदेवी (Shridevi career) ने अपने तीन दशक के लंबे कॅरियर में लगभग 300 फिल्मों में काम किया। इनमें 63 हिंदी, 62 तेलुगु, 58 तमिल और 21 मलयालम फिल्में शामिल रहीं। बोनी कपूर से शादी के बाद श्रीदेवी ने फिल्मों से दूरी बना ली। करीब 15 साल बाद श्रीदेवी ने 2012 में आई फिल्म इंग्लिश विंग्लिश से बॉलीवुड में धमाकेदार कमबैक किया। 2017 की फिल्म मॉम उनकी 300वीं फिल्म थी। अफ़सोस ये है कि यही फिल्म श्रीदेवी की आखिरी फिल्म साबित हुई।
शादी में शरीक होने दुबई गईं, लेकिन वहां से वापस नहीं लौटीं
फरवरी साल 2018 में, श्रीदेवी अपने भतीजे मोहित मारवाह की शादी में शामिल होने के लिए अपने परिवार के साथ दुबई पहुंची थीं। परिवार इंडिया लौट आया, लेकिन श्रीदेवी खरीदारी के लिए दुबई में ही रुक गईं। 24 फरवरी को श्रीदेवी ने पति बोनी कपूर को फोन किया और कहा पापा (श्रीदेवी बोनी को प्यार से इसी नाम से बुलाती थीं) मैं आपको मिस कर रही हूं। बोनी भी श्रीदेवी से मिलना चाहते थे, इसलिए उन्होंने सरप्राइज देने का फैसला किया और दोपहर 3:30 बजे की फ्लाइट पकड़कर दुबई के लिए रवाना हो गए।
लैंडिंग के तुरंत बाद बोनी 6:20 पर होटल पहुंचे। दोनों ने करीब आधे घंटे तक बातचीत की और डिनर पर जाने का फैसला किया। श्रीदेवी तैयार होने के लिए उठीं और बाथरूम में चली गईं। पति बोनी लिविंग एरिया में ही उनका इंतजार करने लगे। 10 मिनट का इंतजार 15 मिनट और फिर 20 मिनट में बदल गया, लेकिन श्रीदेवी बाहर नहीं आईं। दोनों को डिनर के लिए पहले ही देर हो चुकी थी, लेकिन श्रीदेवी अंदर से जवाब नहीं दे रही थीं।
दरवाजा तोड़कर जब बोनी कपूर अंदर दाखिल हुए तो उनके सामने दिल दहला देने वाला मंजर था। श्रीदेवी बाथटब में बेहोश पड़ी हुई थीं. बोनी उन्हें बाहर निकाला और अपने दोस्त को कॉल किया। कुछ देर बाद पुलिस भी वहां पहुंचीी। श्रीदेवी को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन रास्ते में ही उन्होंने दम तोड़ दिया।
अनिल अंबानी ने की मदद
दुबई पुलिस ने 3 दिन की जांच के बाद 27 फरवरी 2018 को श्रीदेवी मौत मामले को बंद कर दिया था। उसी दिन पति बोनी कपूर और बेटे अर्जुन कपूर अनिल अंबानी के प्राइवेट जेट से श्रीदेवी का पार्थिव शरीर लेकर मुंबई पहुंचे। 2013 में पद्मश्री से सम्मानित की गईं श्रीदेवी को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई और बंदूकों की सलामी दी गई।
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श्रीदेवी के अंतिम दर्शन (Shridevi funeral) के लिए इतनी भीड़ उमड़ी कि पुलिस को लाठीचार्ज कर भीड़ पर काबू पाना पड़ा। सड़कों पर इतने सारे शोक मनाने वाले एकत्र हुए कि इसे भारत का चौथा सबसे बड़ा अंतिम संस्कार कहा गया। इससे पहले इतनी भीड़ गायक मोहम्मद रफी, किशोर कुमार, राजेश खन्ना के अंतिम संस्कार में देखी गई थी। 3 मार्च को श्रीदेवी की अस्थियां रामेश्वरम में विसर्जित की गईं।
वास्तविक पूरा नाम – श्रीअम्मा यंगर अयप्पन (Shridevi)
वर्तमान नाम – श्रीदेवी
प्यार का नाम – हवा-हवाई , चांदनी, जोकर
जन्म – 13 अगस्त 1963
जन्म अस्थान – मिनामपट्टी, तमिलनाडु, भारत
जाति – अन्य पिछड़ा वर्ग (नायडू समुदाय, न्यादर्श)
Sridevi Net Worth – $35 million
Sridevi Height -168 Cm
पता – सागर स्प्रिंग्स, बंगला नंबर 2
ग्रीन एकर्स, 7 बंगला, अंधेरी पश्चिम, लोखंडवाला कॉम्प्लेक्स, मुंबई
धर्म – हिन्दू
खाने में क्या पसंद था – शाकाहारी हर तरह का
मृत्यु तारीख – 24 फरवरी 2018
मृत्यु की जगह – जुमेराह अमीरात टावर्स, दुबई
आयु (मृत्यु के समय) – 54 वर्ष
मृत्यु की वजह – दुर्घटनावश पानी के टब में गिरने से
पुरस्कार/सम्मान (Shridevi award list)
साल 1977 में फिल्म “16 विथिनाइल” के लिए फिल्मफेयर स्पेशल अवार्ड।
साल 1982 में तमिल फिल्म “मेमेन्डम कोकिला” के लिए फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
साल 1990 में हिंदी फिल्म “चालबाज़” के लिए फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
साल 1991 में तेलुगु फिल्म “क्षण क्षणम” के लिए फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
साल 1992 में हिंदी फिल्म ‘लम्हे’ के लिए फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
साल 2013 में हिंदी फिल्म नगीना और मिस्टर इंडिया के लिए फिल्मफेयर स्पेशल अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।
साल 2013 में उन्हें भारत सरकार की ओर से पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
श्रीदेवी से जुड़े राेेचक तथ्य (Interesting facts related to Shridevi)
फिल्म “आखिरी रास्ता” (1986) में श्रीदेवी के किरदार को मशहूर अभिनेत्री रेखा ने डब्ड की थी।
श्रीदेवी की फिल्म रूप की रानी चोरों का राजा” (1961) भारत की सबसे महंगी फिल्मों में से एक थी।
श्रीदेवी ने जितेन्द्र के साथ सबसे अधिक 16 फिल्मों की थीं, जिसमें से 11 फिल्में हिट रहीं।
श्रीदेवी एक प्रोफेशनल प्रशिक्षित नृत्यांगना भी थीं।
श्रीदेवी वर्ष 1985 से 1992 तक हाइएस्ट पेड एक्ट्रेस की श्रेणी में काबिज रहीं थीं।
श्रीदेवी (Shridevi death) का 24 फरवरी, 2018 को निधन हो गया था। वह 54 साल की थीं। उनके निधन से उनके प्रशंसकों को गहरा दुख हुआ। वह एक महान अभिनेत्री थीं और उन्हें हमेशा याद किया जाएगा।
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