Karthyayani Amma: मौन हुईं 96वें साल में पढ़ाई शुरू करने वालीं अम्‍मा Read it later

Karthyayani Amma Passes Away: केरल में साक्षरता अभियान की कामयाबी की सबसे बुलंद तस्वीर के तौर पर पहचानी जाने वालीं 101 साल की कात्यायनी अम्मा का 101 साल की उम्र में अलप्पुझा में निधन हो गया। मस्तिष्काघात के बाद वह कुछ समय से बिस्तर पर थीं। कात्यायनी अम्मा साक्षरता अभियान के तहत 96 साल की उम्र में पढ़ाई शुरू कर सुर्खियों में आई थीं। उन्हें सबसे उम्रदराज विद्यार्थी माना गया।

2020 में महिला दिवस पर मिला था नारी शक्ति पुरस्कार

कात्यायनी अम्मा (Karthyayani Amma) ने ‘अक्षरालक्षम’ परीक्षा में सबसे ज्यादा अंक हासिल किए थे। यह चौथी कक्षा की परीक्षा के समान होती है। अलप्पुझा जिले के चेप्पाड गांव में परीक्षा देने वाले 43,330 विद्यार्थियों में वह सबसे उम्रदराज थीं। उन्हें मार्च 2020 में महिला दिवस पर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से नारी शक्ति पुरस्कार से नवाजा था। उन्हें 2019 में ‘कॉमनवेल्थ लर्निंग गुडविल एम्बेसडर’ बनाया गया। केरल के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन ने कात्यायनी अम्मा (Karthyayani Amma) से एक मुलाकात को याद करते हुए बताया कि उन्होंने आगे पढऩे और 10वीं की परीक्षा पास करने के बाद नौकरी की इच्छा जताई थी। विजयन ने फेसबुक पर पोस्ट में लिखा, उनके शब्दों में आत्मविश्वास और दृढ़ संकल्प था।
सडक़ों पर झाड़ू लगाकर 6 बच्चों को पाला

कात्यायनी अम्मा (Karthyayani Amma) चुनौतियों के बावजूद पढ़ाई के संकल्प के कारण कई लोगों की प्रेरणा बनीं। उनके पति का काफी पहले निधन हो चुका था। गांव में मंदिरों के बाहर सडक़ों पर झाडू लगाकर उन्होंने अपने छह बच्चों का लालन-पालन किया। जब बच्चे अपने पैरों पर खड़े हो गए, तब कात्यायनी अम्मा ने खुद को साक्षर करने का फैसला किया। वह 2018 में सबसे ज्यादा उम्र की शिक्षार्थी बन गईं।

बेटी से मिली पढ़ाई करने की प्रेरणा (Karthyayani Amma Passes Away)

कात्यायनी अम्मा की बेटी अम्मिनी अम्मार ने 10वीं कक्षा तक पढ़ाई की थी। वह अपनी बेटी से प्रभावित हुईं और ठाना कि खुद भी पढ़ाई करेंगी। गरीबी के कारण कात्यायनी अम्मा 96 साल की उम्र से पहले कभी स्कूल नहीं गई थीं। परीक्षा में उनके प्रदर्शन पर केरल के तत्कालीन शिक्षा मंत्री सी. रवीन्द्रनाथ ने उन्हें लैपटॉप भेंट किया था।

 

इन नेताओं ने जताया दुख

मुख्यमंत्री ने कहा, ”राज्य साक्षरता अभियान के तहत सबसे उम्रदराज छात्रा बनकर इतिहास रचने वाली कात्यायनी अम्मा के निधन से मुझे गहरा दुख हुआ है। चुनौतियों के बावजूद पढ़ाई के प्रति अपना अटूट दृढ़ संकल्प दिखाकर वह कई लोगों के लिए एक प्रेरणादायक रोल मॉडल बन गईं।”

उन्होंने कहा, “उनका निधन हमारे साक्षरता अभियान के लिए एक बड़ी क्षति है जिसने आधुनिक केरल को आकार देने में मदद की। दिल से संवेदना।”

केरल विधानसभा में विपक्ष के नेता वी.डी. सतीसन ने कात्यायनी अम्मा के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि वह एक जीवंत उदाहरण थीं कि प्रतिबद्धता और इच्छाशक्ति से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।

राज्य के सामान्य शिक्षा मंत्री वी शिवनकुट्टी ने भी कात्यायनी अम्मा (Karthyayani Amma) के निधन पर शोक व्यक्त किया।

उन्होंने कहा, ”अम्मा उन परिस्थितियों में पली बढ़ीं जहां वह पढ़ाई नहीं कर सकीं और 96 साल की उम्र में साक्षर हुईं, वह दृढ़ संकल्प का प्रतीक हैं।”

केरल विधानसभा में विपक्ष के पूर्व नेता और हरिपद विधायक रमेश चेन्निथला ने भी उनके निधन पर शोक व्यक्त किया। अपने फेसबुक पोस्ट में उन्होंने पिछले गणतंत्र दिवस परेड को याद किया जिसमें कात्यायनी अम्मा भी मौजूद थीं।

केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने भी सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कात्यायनी अम्मा (Karthyayani Amma) के निधन पर दुख व्यक्त किया।

 

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