Khalistan Viral Map:खालिस्तानियों ने राजस्‍थान के इन शहरों को बताया अपना, देश विरोधी मैप वारयल Read it later

Khalistan Viral Map : भारत में खालिस्तानी (Khalistan) मुद्दे पर फ‍िर से देश व‍िरोधी ताकतें सक्रि‍य हो गई हैं। कनाडा देश (Khalistan canada latest news) के भारत के खिलाफ खुलकर सामने आने के बाद अब सोशल मीडिया पर खालिस्तान का एक नक्शा वायरल किया जा रहा है।

इस मानचित्र में राजस्थान के अलवर, भरतपुर, श्रीगंगानगर, अनूपगढ़, बीकानेर, फलोदी, जोधपुर, बूंदी और कोटा को दर्शाया गया है। बता दें कि यह नक्शा दो साल पहले भी सामने आया था और उस दौरान भी काफी समय तक चर्चा में रहा था। कनाडा-भारत विवाद के बाद एक बार फिर खालिस्तान का मुद्दा गर्माया जा रहा है।

सोशल मीडिया पर नक्‍शा किया जा रहा ट्रेंड (Khalistan Viral Map)

कनाडा में खालिस्तान गतिविधियों को लेकर चर्चाएं बढ़ने लगी हैं। खालिस्तानी गतिविधियां राजस्थान से भी जुड़ी रही हैं। करीब 28 साल पहले की तरह खालिस्तानी आतंकियों की बुरी नजर राजस्थान पर पड़ रही है। कनाडा में खाल‍िस्‍तानी समर्थक खालिस्तान की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। ऐसे में हाल ही में सोशल मीडिया पर खालिस्तान का एक नक्शा लगातार ट्रेंड किया जा रहा है।

मानचित्र में राजस्‍थान के 11 जिले शामिल

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे (Khalistan Viral Map) राजस्‍थान से जुड़े इस नक्शे में पंजाब, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के कुछ हिस्सों को दिखाया गया है। राजस्थान की बात करें तो पंजाब से सटे श्रीगंगानगर, अनूपगढ़, बीकानेर, फलोदी, जोधपुर और दिल्ली से सटे अलवर, भरतपुर, बूंदी, कोटा को नशे में दिखाया गया है। हालाँकि, हाल ही में बने जिलों अनूपगढ़, फलोदी, खैरथल और डीग का अलग से उल्लेख नहीं किया गया है।

लेकिन खास बात ये है कि 2 साल पहले भी खालिस्तान का एक नक्शा सामने आया था। (Khalistan Viral Map) पहले भी सीमावर्ती जिलों को खालिस्तानियों के प्रभाव में दिखाया गया था। लेकिन अब बूंदी, कोटा, जोधपुर, अलवर और भरतपुर जैसे जिलों को खालिस्तान के नक्शे में दिखाया जा रहा है।

 

खालिस्तान की शुरुआत कहां से हुई ? (Where did Khalistan begin?)

Khalistan Movement: 1947 में आज़ादी के बाद बंटवारें के तहत भारत और पाकिस्तान दो देश अस्‍त‍ित्‍व में आए। (Khalistan Viral Map) इसके साथ ही पंजाब प्रान्त का विभाजन कर दिया गया, जिसका बड़ा भाग पाकिस्तान में व कुछ भाग हमारे पास रहा। बंटवारे के दौरान जान-माल का काफी नुकसान हो चुका था। ऐसे में लाहौर, जो कभी सिख साम्राज्य की राजधानी थी उसे पाकिस्तान को दे दिया गया था।

इसके बाद पंजाबी बोलने वाले लोगों के लिए एक अलग राज्य की मांग पंजाबी सूबा आंदोलन से शुरू हुई। यह पहली दफा था जब पंजाब को भाषा के आधार पर अलग करने की कोशिश की गई। इसी आंदोलन से अकाली दल का जन्म हुआ और कुछ ही समय में इस पार्टी ने अपार लोकप्रियता हासिल कर ली। अलग पंजाब के लिए जोरदार प्रदर्शन शुरू हुए और आख़िरकार 1966 में यह मांग स्‍वीकार कर ली गई।

इसके बाद 70 के दशक में चरण सिंह पंक्षी और डॉ. जगदित सिंह चौहान के नेतृत्व में खालिस्तान (Khalistan Viral Map) की मांग तेज हो गई। इसके बाद 1980 में इसके लिए खालिस्तान नेशनल काउंसिल का भी गठन किया गया. इसके बाद पंजाब के कुछ युवाओं ने दल खालसा नाम का संगठन बनाया, भिंडरावाले भी इसी आंदोलन से निकले। आतंकियों को खत्म करने के लिए 1984 में अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में ऑपरेशन ब्लू स्टार (operation blue star) चलाया गया था। इसके बाद भारत से खालिस्तानी आंदोलन की जड़ें उखड़ने लगीं।

खालिस्तान अरबी शब्द खालिस से बना है। खालिस्तान‍ियों की नजर में खालस्तिान का मतलब उस जमीन से है जो खालसा की है। यानि वो जगह (Khalistan Viral Map) जहां सिर्फ सिख रहते हैं।  इस शब्द का प्रयोग पहली बार 1940 में किया गया था, जब डॉ. वीर सिंह भट्टी ने लाहौर घोषणा के जवाब में एक पुस्तिका प्रकाशित की थी। हालांकि ऐसा नहीं था कि अलग देश बनाने की माँग पहले नहीं उठी थी, सिखों के लिए अलग देश बनाने की मांग 1929 से ही उठ रही थी। मास्टर तारा सिंह ने कांग्रेस अधिवेशन में यह मांग उठाई थी।

 

Khalistan Viral Map
PTI

 

कनाडा तक कैसे पहुंची खालिस्तान मांग की आग

भारत के बाद कनाडा ही ऐसा देश है जहां दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी सिख कौम निवास करती है। (Khalistan Viral Map) सन् 1980 के दशक में जब भारत के पंजाब में खालिस्तान अलगाववादी आंदोलन अपने चरम पर था, तब उसे वित्तीय संसाधनों की जरूरत पड़ती थी। रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान की ISI ने मौके का फायदा उठाकर और भारत से कनाडा गए अलगाववादियों के साथ मिलकर कनाडा में इस बात को आग कही तरह फैला द‍िया।

इसका कारण कनाडा की कानूनी व्यवस्था के कमजोर प्रत्यर्पण कानून को माना जाता है। (canada khalistan) रक्षा व‍िशेषज्ञों के अनुसार आईएसआई ने पाक के अलगाववादी नेताओं को कनाडा भेजना शुरू कर दिया था। आईएसआई एजेंसी ने कनाडा में पहले से रह रहे अलगाववादियों को आंदोलन के लिए फंडिंग करना शुरू कर द‍िया था।

व‍िशेषज्ञों के अनुसार पाक की खूफ‍ियां ऐजेंसी हमेशा से भारत के टुकड़े करने की फ‍िराक में रही है, ऐसा करके वह पाक से अलग होकर बांग्लादेश बनने का बदला भारत से लेने का कभी न पूरा होने वाला प्रयास हमेशा करती रहती है।

सुरक्षा एजेंस‍ियां एक्टिव

बहरहाल जानकारों इस मामले को जानने वाले पुराने लोगों के अनुसार राजस्थान में खालिस्तानी एक्टिव‍िटीज़ चलती रही हैं। (Khalistan Viral Map) बीते दौर की बात करें तो 90 के दशक में भी कई बड़ी कार्रवाइयां राजस्‍थान में हुईं। ऐसे में हाल ही में सामने आए इस नक्शे के बाद सोशल मीडिया पर लगातार बहस छिड़ गई है। वहीं दूसरी ओर खालिस्तान को लेकर भी चर्चा तेज हो गई है। इससे पहले खालिस्तान ने शहरों को अपने प्रभाव में दिखाया था।

उस समय माना गया था कि उन इलाकों में खालिस्तानी गतिविधियां सक्रिय रूप से हो रही थीं और वहां के लोग खालिस्तान संगठनों से जुड़े हुए थे। खालिस्तान का नया नक्शा राजस्थान के नए शहरों की सुरक्षा एजेंसी के लिए बड़ी चुनौती बन बना हुआ है तो, वहीं देश की उच्‍चतम सुरक्षा एजेंसियां भी अलर्ट हो गई हैं और गुप्त रूप से हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही हैं।

 

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