सिुद्धू मूसेवाला हत्याकांड का खुलासा: लॉरेंस ने जयपुर से बदला लेने की धमकी दी तो मूसेवाला ने कहा था तू जो कर सकदा कर ले… Read it later

sidhu moose wala murder case

पंजाबी सिंगर मूसेवाला के मर्डर (sidhu moose wala murder case) की प्लानिंग  का कनेक्शन राजस्थान से जुड़ा है। जांच में ये बात सामने आई है कि सिद्धू​ मूसेवाला​​ के मर्डर की प्लानिंग लॉरेंस बिश्नोई (Lawrence Bishnoi) और गोल्डी बराड़ (goldy brar) ने 8 माह पहले ही कर ली थी। कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस ने जयपुर जेल से ही मूसेवाला को पहली धमकी दी थी।

असल में लॉरेंस, विक्रमजीत सिंह उर्फ विक्की मिद़दुखेड़ा और गोल्डी बराड़ कॉलेज के दोस्त थे। मोहाली के सेक्टर 71 में 7 अगस्त 2021 को अकाली नेता विक्की मिड्ढूखेड़ा की दो शूटर ने हत्या कर दी थी। इसके बाद से ही लॉरेंस और बराड़ अपने दोस्त की मौत का बदला लेने की प्लानिंग कर रहे थे।

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जयपुर जेल से सिंगर सिद्धू को दी थी मारने की धमकी

लॉरेंस बिश्नोई के फेसबुक पेज से सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या की जिम्मेदारी लेते हुए पोस्ट जारी की गई। जिसमें लिखा था…राम राम भाई सबको…आज जो सिद्धू मूसेवाला का कत्ल हुआ है, उसकी जिम्मेदारी मैं और मेरा भाई गोल्डी बरार लेता है। लोग हमें…जो भी कहें लेकिन इसने हमारे भाई विक्की मिड्डूखेड़ा की हत्या में मदद की थी। हमने अपने भाई का बदला ले लिया है।

मैंने इसे जयपुर से कॉल करके कहा था कि तुमने गलत किया है, इसने मुझे कहा था कि मैं किसी की परवाह नहीं करता। तुम जो कर सकते हो कर लो। मैं भी हथियार लोड करके रखता हूं। और आज हमने अपने भाई विक्की का इंसाफ ले लिया है।

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ये तो अभी शुरुआत है…जो भी इस कत्ल में शामिल थे, वे तैयार रहें…आज हमने सबके भ्रम दूर कर दिए हैं. जय… बलकारी…

लॉरेंस उस दौरान दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद था। विक्की की हत्या के करीब एक माह बाद 25 सितंबर को जयपुर पुलिस जवाहर नगर में एक बिल्डर से एक करोड़ की फिरौती मांगने के मामले में लॉरेंस को प्रोडक्शन वारंट पर जयपुर लाई थी। पूछताछ के बाद उसे जयपुर जेल भेज दिया गया था।

मामले में जेल आईजी विक्रमसिंह का कहना है जयपुर जेल में लॉरेंस और उसके साथियों के पास मोबाइल नहीं थे। अभी लॉरेंस के नाम से सोशल मीडिया पर जो पोस्ट अपलोड की गई है, वो फर्जी भी हो सकती है। ऐसी पोस्ट उसके कई फॉलोअर्स करते रहते हैं।

जेल आईजी के अनुसार सिर्फ जयपुर ही नहीं जोधपुर, अजमेर सहित देश की कई जेलों में लॉरेंस का तगड़ा नेटवर्क है। यहां उसके कई गुर्गे हैं जो एक इशारे पर किसी की भी हत्या काे तैयार रहते हैं। 

30 साल की उम्र में लॉरेंस ने 5 राज्यों में गैंग बनाई

30 साल की उम्र में गैंगस्टर लॉरेंस ने पांच राज्यों में गैंग बना ली। लॉरेंस का नेटवर्क थाईलैंड, यूके, कनाडा तक फैला है। इसी नेटवर्क के जरिए उसने पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला को मारने के लिए रशियन असॉल्ट एन-94 राइफल भारत में मंगवाई थी।

इतने बड़े नेटवर्क को खड़ा करने की शुरुआत लॉरेंस ने स्टूडेंट्स पॉलिटिक्स से ही कर दी थी। युवाओं को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए लॉरेंस खुद को शहीद भगत सिंह की तरह क्रांतिकारी के तौर पर प्रोजेक्ट करता रहा है। लॉरेंस स्टूडेंट ऑर्गेनाइजेशन ऑफ पंजाब यूनिवर्सिटी (SOPU) से जुड़ा। फिर कई युवाओं को भी उसने जोड़ा। 

लग्जरी लाइफ के सपने दिखाता है खुद भी ब्रांडेड  कपड़ों और जूतों का शौकीन

लॉरेंस की जब क्राइम की दुनिया में एंट्री हुई तो उसने जेलों को ही अपना सुरक्षा गृह बना लिया। जेल से अपने फोटो और क्रांतिकारी पोस्ट सोशल मीडिया पर अपलोड कर लाखों फॉलोअर्स बनाए। लॉरेंस युवाओं को लग्जरी लाइफ जीने के सपने दिखाकर गैंग में शामिल करता है।

आज भी जब उस रिमांड पर लिया जा रहा था तो उसके पहनावे और उसकी फिजिक देखकर नहीं लग रहा था कि उसे जेल से लाया गया है। आज भी वो नाइकी के शूज, ब्रांडेड लोअर व टीशर्ट में नजर आया।

https://t.co/zextUlsUnb

— Thumbs Up Bharat (@thumbsupbharat) May 31, 2022

राजस्थान की जोधपुर, अजमेर और जयपुर जेल में उसने गैंग का पूरा नेटवर्क बना लिया था। युवाओं को अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए उसने हिरण शिकार मामले के आरोपी रहे बॉलीवुड एक्टर सलमान खान को मारने की धमकी दी थी। इससे सलमान खान से नाराज कई युवा भी उसके फॉलोअर्स बन गए।

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युवाओं को अपने साथ जोड़ने के लिए कई फेसबुक पेज बनाए

बिश्नोई खुद को शहीद भगत सिंह का भक्त बताता आया है। उसने युवाओं को गैंग से जोड़ने के लिए सोशल मीडिया पर अपने कई पेज बनवाए। जेल में वर्कआउट करते हुए और बॉडी दिखाते हुए कई फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर लॉरेंस ने अपलोड किए। लॉरेंस जेल में अपनी हर एक्टिविटी और गैंग के साथ बदमाशों के साथ फोटो अपलोड करता रहता था। इससे सोशल मीडिया पर लाखों युवा उसे फॉलो करने लगे। फेसबुक पर उसके नाम से करीब 150 से ज्यादा पेज बने हुए हैं।

लॉरेंस के रुतबे से प्रभावित होकर जोधपुर में युवाओं ने 007 नाम से गैंग बनाई

लॉरेंस का रुतबा और स्टारडम देखकर कई युवा भी उसी की तरह बनना चाहते हैं। जोधपुर जेल में रहते समय लॉरेंस ने दो नामी व्यापारियों के घर के बाहर फिल्मी स्टाइल में फायरिंग करवाई और एक व्यापारी की तो हत्या तक करवा दी थी।

लॉरेंस की इन वारदातों को अंजाम देने के बाद जोधपुर में 007 जैसे नाम की युवाओं की नई गैंग बना ली गई थी। इस गैंग के युवा भी लॉरेंस की तरह सोशल मीडिया पर हथियारों के साथ अपने फोटो और वीडियो आए दिन सोशल मीडिया अपलोड करते हैं।

 आर्थिक रूप से कमजोर युवाओं को करता है टारगेट

लॉरेंस बिश्नोई जेल में आने वाले नए युवाओं को लग्जरी लाइफ का प्रलोभन देकर गैंग में शामिल करता है। जेल में आने वाले नए बंदी और आर्थिक रूप से लाचार युवकों को अपनी गैंग में शामिल करता है। जोधपुर में रहने के दौरान लॉरेंस ने युवाओं को पैसों का लालच देकर हत्या, फिरौती, वसूली जैसे अपराध करवाए।

जोधपुर में मोबाइल शोरूम संचालक वासुदेव इसरानी की हत्या करने वाले पवन सोलंकी और खिमांशु गहलोत ने लॉरेंस बिश्नोई से जेल में मुलाकात की थी। इस पर लॉरेंस ने उन्हें वासुदेव की हत्या करने की सुपारी दी। उसने दोनों को हत्या करने पर लाखों रुपए देने का झांसा दिया। हत्या की साजिश करने के दौरान खर्च के पैसे भी दिए थे, लेकिन हत्या के बाद युवाओं को रुपए नहीं मिले और उनको जेल भी जाना पड़ा।

शौक-मौज मस्ती के लिए काम करती है छुटभईया गैंग

लॉरेंस जेल से ही पूरी गैंग को ऑपरेट करता था। उसके गुर्गे अपने नीचे रखे लोकल बदमाशों से काम करवाते है। काम करने वाले अधिकतर युवा होते हैं। उन्हें शौक-मौज के लिए शराब पार्टी और कुछ पैसे देकर काम करवाया जाता है।

फिरौती से लेकर हथियार सप्लाई में कई युवकों को लगाया जाता है। सबको अलग-अलग जिम्मेदारी दी जसती हैं, लेकिन किसी को भी एक-दूसरे की पहचान नहीं बताई जाती है। ऐसे काम सिर्फ शराब पार्टी देकर करवा लिए जाते हैं।

किसी की हत्या करनी हो तो दूसरे जिले से शूटर को बुलाया जाता है, ताकि रेकी करने और वारदात को अंजाम देने तक किसी दूसरी गैंग वालों  और पुलिस को हत्या के प्लान का पता न चले। 

जेल को बनाया सेफ हाउस

17 जनवरी 2015 को जब पंजाब पुलिस लॉरेंस को कोर्ट में पेश करने ले जा रही थी, तभी वह पुलिस को चकमा देकर भाग गया था। इसके कुछ समय बाद पुलिस ने उसे दोबारा गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद लॉरेंस ने कभी भी जेल से भागने का प्रयास नहीं किया। उसने जेल को ही सेफ हाउस बना लिया।

 सबूत नहीं मिले इसलिए 50 से ज्यादा मुकदमों के बावजूद 30 मामलों में बरी हो गया

जेल से अपराध करने के कारण उसके खिलाफ पुलिस को भी पुख्ता सबूत नहीं मिल पाते हैं। यही कारण है कि लॉरेंस के खिलाफ 50 से ज्यादा मुकदमे होने के बावजूद वह 30 मामलों में बरी हो गया।

कॉलेज के दोस्त थे लॉरेंस, विककी और गोल्डी गोल्डी और विक्की

लॉरेंस बिश्नोई, विक्रमजीत सिंह उर्फ विक्की मिद़दुखेड़ा और गोल्डी बराड़ कॉलेज के दोस्त थे। तीनों ने चंडीगढ़ के डीएवी कॉलेज से पढ़ाई की। यहां लॉरेंस ने 2008 में सोपू से छात्र संघ अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ा, लेकिन वो हार गया था। इसके बाद विक्की 2009 में सोपू का अध्यक्ष बन गया। कॉलेज के बाद विक्की ने अकाली दल जॉइन कर ली और गोल्डी बराड़ कांग्रेस से जुड़ गया। लेकिन तीनों की दोस्ती आगे भी कायम रही।

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