कर्नाटक में हिजाब पर विवाद अभी चरम पर है। वहीं अब तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव की बेटी और टीआरएस नेता ने भी इस मामले पर अपना रिएक्शन दिया है। टीआरएस नेता ने कहा कि क्या पहनना है यह महिलाओं को ही तय करने दीजिए।
टीआरएस नेता कल्वाकुंतला कविता ने गुरुवार को ट्विटर पर कहा कहा, ‘अपनी मांग में सिंदूर लगाना मेरी च्वाइस है और हिजाब पहनना मुस्कान की च्वाइस है। यह महिलाओं को तय करने दें कि वो कौन सा आरामदायक लिबास पहनना चाहती हैं।’
कर्नाटक में जारी हिजाब विवाद पर सीएम की बेटी ने अपने ट्विटर अकाउंट पर एक कविता भी शेयर की है. उन्होंने लिखा, ‘हम सभी भारतीय हैं, हमारी पसंद यह तय नहीं करती कि हम कौन हैं, हम किसी भी धर्म का पालन करते हैं, क्या पहनते हैं, आखिर हम सभी भारतीय हैं।
आपको बता दें कि कर्नाटक में हिजाब विवाद के बीच मुस्कान नाम की एक लड़की काफी चर्चा में है। दरअसल राज्य के मांड्या जिले के पीएसई कॉलेज का एक वीडियो वायरल हुआ था। इस वीडियो में एक लड़की स्कूटी पर हिजाब पहनकर स्कूल आती है। छात्रा जैसे ही स्कूटी खड़ी करती है, भगवा रंग के बर्तन और झंडे लिए बड़ी संख्या में छात्राएं जय श्री राम के नारे लगाने लगती हैं। इसके जवाब में छात्र ‘अल्लाह हू अकबर’ के नारे भी लगाता है। बाद में इस लड़की का नाम बदलकर मुस्कान कर दिया गया।
हिजाब मामले की सुनवाई कर रहे कर्नाटक उच्च न्यायालय ने छात्रों से कहा है कि जब तक मामला सुलझ नहीं जाता, तब तक वे ऐसे कपड़े पहनने पर जोर न दें जो शिक्षण संस्थानों के परिसर में लोगों को उकसा सकें। अदालत ने मामले की सुनवाई सोमवार को तय करते हुए यह भी कहा कि शिक्षण संस्थान छात्रों के लिए कक्षाएं फिर से शुरू कर सकते हैं।
Wearing and applying Sindoor is my conscious choice
Wearing Hijab is Muskan’s choice.Let women decide what they are comfortable in embracing and wearing.#DontTeachUs pic.twitter.com/wDuYVW6X5O
— Kavitha Kalvakuntla (@RaoKavitha) February 10, 2022
बुधवार को गठित मुख्य न्यायाधीश रितु राज अवस्थी, न्यायमूर्ति जेएम काजी और न्यायमूर्ति कृष्णा एस दीक्षित की तीन सदस्यीय पीठ ने यह भी कहा कि वह चाहती है कि मामले को जल्द से जल्द सुलझाया जाए लेकिन उस समय तक शांति और सद्भावना बनाए रखी जानी चाहिए।
मुख्य न्यायाधीश ने कहा, ”मामले के निपटारे तक आप लोगों को इन सभी धार्मिक चीजों को पहनने की जिद नहीं करनी चाहिए।” उन्होंने कहा, ”हम आदेश पारित करेंगे। स्कूल-कॉलेज शुरू होने दें। लेकिन जब तक मामला सुलझ नहीं जाता तब तक किसी भी छात्र-छात्राओं को धार्मिक पोशाक पहनने पर जोर नहीं देना चाहिए।”
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