ट्वीटर बैकफुट पर : भारत में नियुक्त किया रेजिडेंट ग्रीवांस ऑफिसर, नए आईटी मंत्री के चेताने बाद की कानून की पालना Read it later

ट्वीटर बैकफुट पर

ट्विटर ने आखिरकार भारत के नए आईटी नियमों को स्वीकार कर लिया है। कंपनी ने भारत में अपना रेजिडेंट ग्रीवेंस ऑफिसर नियुक्त कर दिया है। (Twitter Resident Grievance Officer) 

ट्विटर ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर कहा कि उसने विनय प्रकाश को शिकायत अधिकारी नियुक्त किया है। बता दें कि सरकार ने आईटी ​नियमों को लेकर 25 फरवरी को नए कानूनों को जारी किया था। 

इन नियमों को 3 महीने के भीतर यानी 25 मई से पहले लागू किया जाना था, हालांकि ट्विटर ने समय सीमा खत्म होने के 46 दिन बाद इन नियमों का पालन किया है।

नए आईटी मंत्री आए थे एक्शन मोड में

नए आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 8 जुलाई को अपना मंत्रालय संभाला। इसके तुरंत बाद, उन्होंने ट्विटर को सबसे पहले चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि देश का कानून सबसे ऊपर है और ट्विटर को इसे लागू करना ही होगा।

दरअसल कैबिनेट विस्तार से पहले आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मंत्रालय से इस्तीफा दे दिया था। 

ऐसा माना जा रहा है कि रविशंकर प्रसाद नए आईटी एक्ट को लेकर सोशल मीडिया कंपनियों के सामने देश की साख बचाने में नाकाम रहे और इसी वजह से उन्हें मंत्रालय से बर्खास्गी का खामियाजा भुगतना पड़ा। 

हाईकोर्ट और संसदीय समिति ने भी या​द दिलाया था कानून, दे डाली थी नसीहत

  • दिल्ली हाईकोर्ट और संसदीय समिति ने ट्विटर से साफ कहा था कि देश का कानून सबसे ऊपर है और इसका पालन करना होगा। 
  • संसदीय समिति ने ट्विटर से पूछा था कि क्या आप भारत के कानून का पालन करते हैं? इस पर ट्विटर ने कहा था कि हम अपनी नीतियों का पालन करते हैं, जो देश के कानून के मुताबिक है। 
  • इस तर्क पर आपत्ति जताते हुए समिति ने कंपनी से कड़े लहजे में कहा था कि देश का कानून हमारे देश में सबसे बड़ा है, आपकी नीतियां नहीं।
  • दिल्ली हाई कोर्ट ने भी कहा था कि अगर ट्विटर कानून लागू नहीं करता है तो उसे किसी भी तरह की सुरक्षा नहीं दी जा सकती। 
  • जस्टिस रेखा पिल्लई ने कहा था कि अगली सुनवाई में आप आईटी एक्ट लागू करने पर स्पष्ट जवाब लेकर आना होगा, नहीं तो आपकी मुश्किले बढ़ने वाली हैं। 

ट्विटर ने खो दिया कानून से बचने का अधिकार

नए कानून का पालन न करने के कारण ट्विटर ने भारत में तीसरे पक्ष की सामग्री के लिए अपना कानून से बचने वाला अधिकार ​​खो दिया है। यानी सरकार की ओर से उन्हें कंटेंट को लेकर किसी भी तरह की सुरक्षा नहीं दी जाएगी। आसान भाषा में कहें तो अब ट्विटर के खिलाफ आईपीसी की धाराओं के तहत कार्रवाई की जा सकती है। इस स्थिति के लिए खुद ट्विटर जिम्मेदार है।

 ट्विटर पर ऐसे दर्ज हुए 5 मामले

25 जून को ट्विटर ने तत्कालीन आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद का अकाउंट एक घंटे के लिए ब्लॉक कर दिया था। तब ट्विटर ने अमेरिकी कॉपीराइट एक्ट का हवाला दिया। सरकार ने इसका विरोध किया। 

इसके बाद ट्विटर पर 5 मामले दर्ज किए गए, क्योंकि ट्वीटर नए आईटी कानूनों का पालन नहीं करने के कारण अपना कानून से बचने का अधिकार खो चुका है। 

ऐसे में उन्हें कंटेंट को लेकर सरकार की ओर से किसी भी तरह की सुरक्षा नहीं दी जाएगी। ट्विटर के खिलाफ आईपीसी की धाराओं के अनुसार एक्शन लिया जा सकता है। 

ट्वीटर पर ये दर्ज हुए थे पांच केस 

1. गाजियाबाद पुलिस ने एक मुस्लिम बुजुर्ग के साथ मारपीट और अभद्रता के मामले में ट्विटर के खिलाफ एफआईआर की गई थी।

2. बुलंदशहर में देश का गलत झंडा दिखाने का केस दर्ज किया गया।

3. देश का गलत झंडा दिखाने पर मध्य प्रदेश के साइबर सेल में भी मामला दर्ज किया गया।

4. दिल्ली पुलिस की साइबर सेल की ओर से चाइल्ड पोर्नोग्राफ़िक सामग्री को लेकर भी मामला दर्ज किया है। यह राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की कंप्लेन पर दर्ज किया गया।

5.  इसी तरह हिंदू देवी को लेकर ट्विटर पर पोस्ट कंटेंट को लेकर दिल्ली में मामला दर्ज किया गया।

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