Wife Silicone Statue: पत्नी मजाक में कहती थी‚ मरने के बाद मेरी मूर्ति बनवा लेना‚ कोरोना में जान गई तो पति ने बनवाली सीलिकोन की प्रतिमा Read it later

Wife Silicone Statue: मैडम तुसाद में महात्मा गांधी, अमिताभ बच्चन और सचिन तेंदुलकर के सटेच्यू हैं‚ तो वहीं कोलकाता में मदर्स वैक्स म्यूजियम में रवींद्रनाथ टैगोर और शाहरुख और सलमान खान हैं। इसी तर्ज पर कोलकाता के 65 वर्षीय तापस शांडिल्य ने अपनी दिवंगत पत्नी की सिलिकॉन प्रतिमा बनवाई है। असल में कोरोना की दूसरी लहर में उनकी पत्नी इंद्राणी की मौत हो गई थी। इसके बाद तापस ने ढाई लाख रुपए खर्च कर अपनी पत्नी का यह स्टैच्यू  (Wife Silicone Statue) बनवाया। तापस अपनी पत्नी की तरह ही इस मूर्ति की देखभाल करते हैं। वे प्रतिदिन उसे वस्त्र पहनाते हैं, सोने के आभूषण पहनाते हैं और उससे बातें भी करते हैं। तापस का अपनी पत्नी से प्यार और इंद्राणी की मूर्ति पूरे इलाके में चर्चा का विषय बन गई है।

 

Wife Silicone Statue
फोटो: ट्वीटर

 

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसर शहर के कैखली इलाके में रहने वाले तापस सेवानिवृत्त केंद्रीय कर्मचारी हैं। उनका कहना है कि वह करीब 10 साल पहले अपनी पत्नी के साथ मायापुर स्थित इस्कॉन मंदिर गए थे। यहां दोनों ने भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद की जीवंत प्रतिमा देखी, जिससे वे बहुत प्रभावित हुए। तभी इन्द्राणी ने मजाक में तापस से कहा कि यदि मैं मर जाऊँ तो तुम मेरे ऐसी ही एक मूर्ति (Wife Silicone Statue) बनवा देना।

 

कोरोना के कारण गई थी पत्नी की जान

तापस के अनुसार इंद्राणी ने यह बात मजाक में कही थी, लेकिन तापस ने सोचा था कि यदि मेरे जीते जी ऐसा हुआ तो मैं इंद्राणी की इस इच्छा को जरूर पूरा करूंगा। इन्द्राणी कोरोना महामारी की दूसरी लहर में संक्रमित हुई, फिर 4 मई 2021 को उनकी मौत हो गई। इस घटना ने तापस को अंदर तक झकझोर कर रख दिया। फिर तापस ने अपनी पत्नी की अंतिम इच्छा पूरी करने के लिए सिलिकॉन की मूर्ति (Wife Silicone Statue) बनाने वाले लोगों के बारे में इंटरनेट पर सर्च करना शुरू किया।

 

Wife Silicone Statue
फोटो: ट्वीटर

 

तापस की तलाश 2022 की शुरुआत में खत्म हुई। उन्होंने पत्नी की मूर्ति (Wife Silicone Statue) बनाने की जिम्मेदारी मूर्तिकार सुबिमल दास को सौंपी थी। इंद्राणी की मूर्ति बनाने के लिए, सुबीमल ने तापस से उसकी तस्वीरें मांगी है। सुबिमल ने कहा कि पहले उन्होंने मिट्टी का मॉडल बनाया, फिर फाइबर मोल्डिंग और सिलिकॉन कास्टिंग की।

 

6 महीने और 2.5 लाख रुपए कॉस्ट में बनी प्रतिमा (Wife Silicone Statue)

इस काम में 6 महीने का समय और 2.5 लाख रुपए खर्च आया। अब तापस के घर जो भी आता है उन्हें ये नहीं लगता कि इंद्राणी अब तापस के साथ नहीं है। प्रतिमा का वजन 30 किलो है, तापस इसे अपनी पत्नी की तरह सोने के आभूषण पहनाकर रखते हैं। (Wife Silicone Statue) तापस कहते हैं कि शुरुआत में मेरे कई रिश्तेदार इस फैसले के खिलाफ थे। हालांकि बाद में मेरी जिद में सभी ने हामी भरी।

 

 जब बेटी की शादी में रखा पिता का पुतला तो भावुक हो गई…

इसी तरह कुछ माह पहले एक वीडियो सोशल मीडिया पर आया था‚ जिसमें एक बेटी पिता की प्रतिमा को चूमते हुए दिखाई दे रही थी‚ दरअसल इस परिवार की बेटी ने भी पिता को कोरोनाकाल में खो दिया था। फिर जब बेटी की शादी के दौरान परिवार ने मंडप में पिता के वैक्स स्टेच्यू को रख पिता की कमी को पूरा कर दिया। ये बेटी को सरप्राइज दिया गया था। जब बेट को पता चलात तो वो पिता के पुतले से लिपट कर रोने लगी।

 

Silicone Statue
फोटो: ट्वीटर

 पिता बेटी की शादी धूमधाम से कराना चाहते थे…

शादी के बाद पूरे परिवार के सदस्यों ने पिता के स्टेच्यू के साथ फैमिली फोटो भी क्लिक करवाई थी। (Wife Silicone Statue) यह पूरा मामला तमिलनाडु के कल्लाकुरिची जिले के थानाकानंदल गांव का था। दरअसल बीते साल मार्च में 56 साल के सेल्वरेज की कोरोना के कारण मौत हो गई थी। सेल्वरेज जब जिंदा थे तो बेटी की शादी धूम-धाम से कराना चाहते थे। उनकी मौत के बाद जून में जब बेटी की शादी हुई, तब उसे पिता की कमी महसूस हुई तो परिवार ने बेटी के लिए यह खूबसूरत गिफ्ट प्लान किया था।

 

इंस्पेक्टर पिता की सिलिकॉन से बनी प्रतिमा बेटे ने बनवाई थी…

इसी तरह  महाराष्ट्र के सांगली जिले के एक बेटे ने पिता को हमेशा अपने साथ रखने के लिए अपने इंस्पेक्टर पिता की सिलिकॉन से बनी प्रतिमा (Wife Silicone Statue) सालभर पहले बनवाई थी।  यह मूर्ति सोफे पर बैठी मुद्रा में बनवाई गई थी। इसे देखकर एक बार कोई भरी धोखा खा जाए। प्रतिमा पर देखा जाने वाला रंग, रूप, बाल, भौहें, चेहरा, आंखें और शरीर का लगभग हर हिस्सा एक जीवित व्यक्ति की तरह है।

 

Silicone Statue
दिवंगत रावसाहेब शामराव कोरे के मोम के पुतले के साथ परिवार। फोटो:ट्वीटर

इसे बनवाने वाले अरुण कोरे ने दावा किया था कि यह महाराष्ट्र की पहली सिलिकॉन प्रतिमा है। अरुण ने बताया कि इसे उन्होंने अपने पिता स्वर्गीय रावसाहेब शामराव कोरे की याद में बनवाया है। उनके पिता दिवंगत रावसाहेब शामराव कोरे पेशे से राज्य सरकार के आबकारी विभाग में इंस्पेक्टर थे। कोरोना का में ड्यूटी के दौरान उनकी कोरोना से मौत हो गई थी। कोली समुदाय के लीडर के रूप में प्रसिद्ध रावसाहेब क्षेत्र में एक दयालु छवि के थे, उनकी प्रतिमा (Wife Silicone Statue) को देखने के लिए लोग दूर-दूर से देखने आए थे।

 

पांच माह में बनी थी प्रतिमा

2020 में कोरे के निधन के बाद पूरा परिवार उन्हें बहुत याद कर रहा था। जिसके बाद अरुण को सिलिकॉन की मूर्ति बनाने का विचार आया। इस प्रतिमा को बनाने में बेंगलुरु के मूर्तिकार श्रीधर ने पांच महीने में तैयार किया।

Silicone Statue
प्रतिमा पर देखा जाने वाला रंग, रूप, बाल, भौहें, चेहरा, आंखें और शरीर का लगभग हर हिस्सा का ध्यान रखा गया। फोटो:ट्वीटर

30 साल होती है एक सिलिकॉन की मूर्ति वैलिडिटी

एक सिलिकॉन मूर्ति का जीवन लगभग 30 वर्ष तक का होता है। सिलिकॉन मूर्ति (Wife Silicone Statue) पर पहने जाने वाले कपड़े हर दिन बदले जा सकते हैं। यह मूर्ति आम आदमी की तरह दिखती है।

 

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