Brig Vasavada Last Wish: कारगिल 1971 युद्ध के हीरो रहे ब्रिगेडियर रिटायर्ड शशिकांत वासवदा (1971 War Hero Brig Shashikant Vasavada) की आखिरी इच्छा पूरी करने के लिए उनकी बेटी ने 12 हजार किलोमीटर से ज्यादा की दूरी तय कर भारत पहुंची। वह अमेरिका के टेक्सास शहर से भारत आई। बेटी ने यहां पहुंचकर अपने पिता की अस्थियों को कारगिल की शिंगो नदी में विसर्जित किया और उनकी आखिरी इच्छा के मुताबिक उन्हें भावभीनी अंतिम विदाई दी। इस दौरान वह काफी काफी भावुक हो गईं। उन्होंने कहा कि ‘सैनिक कभी नहीं मरते, बस उनके प्रसिद्धि समय के साथ धूमिल हो जाती है। ‘
बेटी ने पिता की अंतिम इच्छा की पूरी (1971 War Hero Brig Shashikant Vasavada Last Wish)
दरअसल ब्रिगेडियर शशिकांत वासवदा ने अपनी बेटी से इच्छा (Brig Vasavada Last Wish) जताई थी कि भले ही उनका अंतिम संस्कार विदेश में किया जाए, लेकिन उनकी राख उस मिट्टी में मिले जहां उन्होंने अपने देश के लिए शौर्य गाथा लिखी थी। बेटी ने जब अपने पिता अस्थियों का पैकेट निकाला तो वे अपनी भावनाओं पर काबू नहीं रख पाईं और रो पड़ी। इन मार्मिक पलों का वीडियो सामने आया है। दरअसल 1971 के ऑपरेशन के दौरान 9 JAK LI के सेकेंड इन कमांड (बाद में कमांडिंग ऑफिसर) रहे दिवंगत ब्रिगेडियर शशिकांत वासवदा (सेवानिवृत्त) की बेटी ने अमेरिका से आकर और उनकी अस्थियों को कारगिल की शिंगो नदी में विसर्जित कर उनकी इच्छा पूरी की है। यह किसी भी जवान के लिए एक स्नेहपूर्ण विदाई का पल हो सकता है।
Soldiers never die, they fade away to Glory' Daughter of Late Brig Shashikant Vasavada (Retd), Second in Command (later Commanding Officer) of 9 JAK LI during the 1971 operations came from the USA to Kargil in accordance with the last wish of her father which was to immerse his… pic.twitter.com/grMmc5qVWY
— ANI (@ANI) September 3, 2023
पिता को याद करते हुए बेटी ने कहा- सैनिक कभी नहीं मरते वे हमेशा जिंदा रहते हैं
बेटी ने अपने पिता (Brig Vasavada Last Wish) को याद करते हुए कहा कि सैनिक कभी नहीं मरते … बस समय के साथ-साथ उनकी प्रसिद्धि धूमिल होती चली जाती है। बता दें कि इसी साल 11 जुलाई 2023 को टेक्सास के सिबोलो में शशिकांत वासदा का निधन हो गया था।
1971 के युद्ध में शशिकांत वासवदा का था अहम योगदान दिया
1971 के युद्ध के दौरान, दिवंगत ब्रिगेडियर शशिकांत वासवदा (सेवानिवृत्त) ने रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण पीटी 13620 पर कब्जा करने के लिए ऑपरेशन को अंजाम देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। यह बिंदु हाल ही में भारतीय सेना: फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स, भारतीय सेना द्वारा आगंतुकों के लिए खोला गया था।
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