राज्य में अब जुआ और ऑनलाइन सट्टेबाजी पर जेल होगी। सरकार जल्द ही राजस्थान पब्लिक गैंबलिंग (प्रिवेंशन) विधेयक 2021 के साथ आ रही है। नया विधेयक ऑनलाइन जुआ और सट्टेबाजी को संज्ञेय अपराधों की श्रेणी में डालता है, जिससे जमानत मुश्किल हो जाएगी। राजस्थान लोक जुआ अध्यादेश -1949 की जगह नया विधेयक लाया जा रहा है। इसमें जुए, सट्टे को रोकने के लिए कड़े प्रावधान किए गए हैं।
नए विधेयक को कैबिनेट ने सर्कुलेशन के जरिए मंजूरी दे दी है। अब सरकार विधेयक को सदन में लाएगी और इसे विधान सभा के वर्तमान बजट सत्र में पारित कराया जाएगा। विधेयक में जुए को रोकने के लिए सजा की अवधि बढ़ाने और विभिन्न वर्गों में जुर्माने का प्रावधान किया गया है। पहली बार जुआ-सट्टे को एक संज्ञेय अपराध माना जाएगा। वर्तमान में जुए, सट्टे पर जुर्माने का कोई प्रावधान नहीं है। लेकिन नए कानून के बाद सख्त प्रावधान होंगे।
हर साल पुलिस हर साल जुआ अधिनियम के तहत 50 हजार से अधिक मामले दर्ज करती है। इनमें हजारों लोग पकड़े जाते हैं। इनमें से ज्यादातर जल्द ही छूट वाले हैं। वर्तमान में, जुआ या सट्टेबाजी के लिए राजस्थान लोक जुआ अध्यादेश -1949 के तहत कार्रवाई की जाती है। यह पुराना कानून जुआ या सट्टा चलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का प्रावधान नहीं करता है। अब नए बिल में जुआ खेलने वालों और सज़ा देने वाले खिलाड़ियों को कैद की सज़ा देने का प्रावधान है।
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